मंडी: प्रदेश में सांस्कृतिक राजधानी के नाम से विख्यात छोटी काशी मंडी (Choti Kashi Mandi) में विकास को नये आयाम देने वाले भव्य-दिव्य शिवधाम का काम जोरों पर चल रहा है. मंडी के कांगणीधार में (shivdham being built in kangnidhar) साढ़े नौ हेक्टेयर क्षेत्र में 150 करोड़ रुपये से बन रहा दिव्य शिवधाम भव्यता में किसी अजूबे से कम नहीं होगा.
हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को निर्माणस्थल का निरीक्षण कर कार्य की प्रगति का जायजा लिया. इस दौरान सीएम जयराम ठाकुर ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए. बता दें, मुख्यमंत्री ने इस ड्रीम प्रोजेक्ट शिवधाम (Dream Project Shivdham) का 27 फरवरी, 2021 को मंडी में शिलान्यास किया था. मंडी में शिवधाम से जहां विकास को नए आयाम मिलेंगे वहीं, इस परियोजना से लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.
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छोटी काशी मण्डी में शिवधाम का भव्य निर्माण हो रहा है।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) December 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
आज निर्माणस्थल का निरीक्षण कर कार्य की प्रगति का जायजा लिया।
साथ ही हमने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए। pic.twitter.com/SteIvw3f2U
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— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) December 24, 2021
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साथ ही हमने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए। pic.twitter.com/SteIvw3f2Uछोटी काशी मण्डी में शिवधाम का भव्य निर्माण हो रहा है।
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आज निर्माणस्थल का निरीक्षण कर कार्य की प्रगति का जायजा लिया।
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पहले चरण के काम पर 40 करोड़ रुपये खर्चे जा रहे हैं. इसमें पहाड़ी की कटिंग और जमीन को समतल बनाने के अलावा मंदिरों के स्तंभ खड़े करने का काम (Shiv Dham in Mandi) तेजी से चल रहा है. शिवधाम के प्रथम चरण का कार्य सितंबर 2022 से पहले पूरा कर लिया जाएगा. इस महत्वाकांक्षी परियोजना से देश-दुनिया में मंडी धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन मानचित्र पर मजबूती से उभरेगा और दुनियाभर के पर्यटकों के लिए मंडी में पर्यटन गंतव्य का नया स्वरूप देखने को मिलेगा.
शिवधाम में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन भी करवाए जाएंगे और भगवान शिव के साथ माता पार्वती, कार्तिकेय और गणेश भगवान की प्रतिमाएं भी होंगी. इसके अलावा यहां हर्बल गार्डन, नक्षत्र वाटिका, एमफी थियेटर होगा और सैकड़ों गाड़ियों के लिए पार्किंग सुविधा हेागी. उत्तर भारत का यह पहला ऐसा धार्मिक पर्यटन स्थल (religious tourist places) होगा जो बाहर से आने वाले पर्यटकों के अलावा स्थानीय लोगों के आकर्षण का केंद्र भी होगा.
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