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सेब की पाल्टी में चढ़ रहा पौधरस, विशेषज्ञ बोले- ग्राफ्टिंग के लिए बिल्कुल सही समय

मंडी जिले के करसोग में इन दिनों अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक चल रहा है. जिसका प्रभाव बागीचों में दिखने लगा है. विशेषज्ञों का कहना है कि सेब की ग्राफ्टिंग के लिए ये बिल्कुल सही समय है. प्रदेश भर में विंटर सीजन में (Apple production in Karsog) अच्छी बारिश और बर्फबारी हुई है. इसको देखते हुए भी बागवानों ने बड़ी संख्या में पाल्टी लगाई है. ऐसे में विशेषज्ञों ने भी अच्छी क्वालिटी की सेब पैदावार लेने के लिए ग्राफ्टिंग पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी है.

Apple production in Karsog
करसोग में सेब की ग्राफ्टिंग
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Published : Mar 15, 2022, 4:21 PM IST

Updated : Mar 15, 2022, 5:12 PM IST

मंडी: करसोग में साफ चल रहे मौसम से तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है. इन दिनों अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक चल रहा है. जिसका प्रभाव बागीचों में दिखने लगा है. बागीचों में लगी सेब की पाल्टी में पौधरस चढ़ना शुरू हो गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि सेब की ग्राफ्टिंग के लिए ये बिल्कुल सही समय है. पौधरस चढ़ने से पाल्टी में हल्की पत्तियां निकल रही हैं. ऐसे समय में हुई ग्राफ्टिंग के सफल रहने की अधिक संभावना है. शर्त है कि व्यक्ति जानकार हो और सही विधि से ग्राफ्टिंग की जाए.

बागवानी विशेषज्ञों के मुताबिक ग्राफ्टिंग के लिए (Apple production in Karsog) साइन वुड ऐसे पौधे से निकाली जानी चाहिए, जिसमें अच्छी क्वालिटी का फ्रूट लिया जा चुका हो. बागवानों को ग्राफ्टिंग के वक्त भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है. विशेषज्ञों के अनुसार साइन वुड में अधिकतम तीन आंखें होना आवश्यक है. अगर इससे (Apple grafting in Himachal) अधिक आंखों वाली साइन वुड की ग्राफ्टिंग की जाती है तो इसके सफल होने की संभावना कम रहती है. इसलिए ग्राफ्टिंग के लिए तीन आंख की साइन वुड का चुनाव सही रहेगा. इससे ग्राफ्टिंग के सफल रहने की संभावना भी अधिक होगी और पौधा अच्छी ग्रोथ भी लेगा.

करसोग में सेब की ग्राफ्टिंग.

बता दें कि करसोग में अब बागवान अपनी पसंद से बागीचा तैयार कर रहे हैं. बागवानों के रुझान विदेशी किस्म की ओर अधिक हैं. ऐसे में अधिकतर बागवान पाल्टी लगाकर अपनी पसंद के हिसाब से सेब की किस्में तैयार कर रहे हैं. प्रदेश भर में विंटर सीजन में अच्छी बारिश और बर्फबारी हुई है. इसको देखते हुए भी बागवानों ने बड़ी संख्या में पाल्टी लगाई है. ऐसे में विशेषज्ञों ने भी अच्छी क्वालिटी की सेब पैदावार लेने के लिए ग्राफ्टिंग पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी है.

बागवानी विशेषज्ञ एसपी भारद्वाज का कहना है कि पाल्टी में इन दिनों पौधरस चढ़ना शुरू हो गया है. ऐसे में सेब की ग्राफ्टिंग के लिए ये बिल्कुल उपयुक्त समय है. इस दौरान की गई ग्राफ्टिंग के सफल रहने की अधिक संभावना रहती है. उनका कहना है कि ग्राफ्टिंग के लिए ऐसे पौधे से साइन वुड निकाली गई हो, जिससे पहले अच्छी क्वालटी का फ्रूट प्राप्त हो चुका हो.

ये भी पढ़ें: राष्ट्रीय होली उत्सव सुजानपुर में ये हिमाचली कलाकार देंगे प्रस्तुति, जानें सांस्कृतिक संध्या का शेड्यूल

मंडी: करसोग में साफ चल रहे मौसम से तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है. इन दिनों अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक चल रहा है. जिसका प्रभाव बागीचों में दिखने लगा है. बागीचों में लगी सेब की पाल्टी में पौधरस चढ़ना शुरू हो गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि सेब की ग्राफ्टिंग के लिए ये बिल्कुल सही समय है. पौधरस चढ़ने से पाल्टी में हल्की पत्तियां निकल रही हैं. ऐसे समय में हुई ग्राफ्टिंग के सफल रहने की अधिक संभावना है. शर्त है कि व्यक्ति जानकार हो और सही विधि से ग्राफ्टिंग की जाए.

बागवानी विशेषज्ञों के मुताबिक ग्राफ्टिंग के लिए (Apple production in Karsog) साइन वुड ऐसे पौधे से निकाली जानी चाहिए, जिसमें अच्छी क्वालिटी का फ्रूट लिया जा चुका हो. बागवानों को ग्राफ्टिंग के वक्त भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है. विशेषज्ञों के अनुसार साइन वुड में अधिकतम तीन आंखें होना आवश्यक है. अगर इससे (Apple grafting in Himachal) अधिक आंखों वाली साइन वुड की ग्राफ्टिंग की जाती है तो इसके सफल होने की संभावना कम रहती है. इसलिए ग्राफ्टिंग के लिए तीन आंख की साइन वुड का चुनाव सही रहेगा. इससे ग्राफ्टिंग के सफल रहने की संभावना भी अधिक होगी और पौधा अच्छी ग्रोथ भी लेगा.

करसोग में सेब की ग्राफ्टिंग.

बता दें कि करसोग में अब बागवान अपनी पसंद से बागीचा तैयार कर रहे हैं. बागवानों के रुझान विदेशी किस्म की ओर अधिक हैं. ऐसे में अधिकतर बागवान पाल्टी लगाकर अपनी पसंद के हिसाब से सेब की किस्में तैयार कर रहे हैं. प्रदेश भर में विंटर सीजन में अच्छी बारिश और बर्फबारी हुई है. इसको देखते हुए भी बागवानों ने बड़ी संख्या में पाल्टी लगाई है. ऐसे में विशेषज्ञों ने भी अच्छी क्वालिटी की सेब पैदावार लेने के लिए ग्राफ्टिंग पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी है.

बागवानी विशेषज्ञ एसपी भारद्वाज का कहना है कि पाल्टी में इन दिनों पौधरस चढ़ना शुरू हो गया है. ऐसे में सेब की ग्राफ्टिंग के लिए ये बिल्कुल उपयुक्त समय है. इस दौरान की गई ग्राफ्टिंग के सफल रहने की अधिक संभावना रहती है. उनका कहना है कि ग्राफ्टिंग के लिए ऐसे पौधे से साइन वुड निकाली गई हो, जिससे पहले अच्छी क्वालटी का फ्रूट प्राप्त हो चुका हो.

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Last Updated : Mar 15, 2022, 5:12 PM IST
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