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बेटियों के लिए सचमुच के बादशाह हैं पापा राजकुमार, चना-चाट बेचकर PM मोदी की सोच को कर रहे सार्थक - बेटियों की शिक्षा

यूपी के बरेली जिला के गांव देवीपुरा का रहने वाले राजकुमार ने गरीबी के कारण कभी स्कूल की दहलीज पार नहीं की, लेकिन अपनी बेटियों को पढ़ाने के लिए वे दिन रात मेहनत कर रहे हैं.

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Published : Jul 28, 2019, 11:38 PM IST

करसोग: दो बेटियों के लिए उनके पापा राजकुमार किसी बादशाह से कम नहीं हैं. बरेली के रहने वाले राजकुमार हिमाचल आकर चना चाट की रेहड़ी लगा रहे हैं, ताकि उनकी रानी बेटियां ज्ञान के गहनों से सज जाएं. बेटियां भी अपने पापा का सपना पूरा करने के लिए खूब मन लगाकर पढ़ रही हैं.

यूपी के बरेली जिला के गांव देवीपुरा का रहने वाले राजकुमार ने गरीबी के कारण कभी स्कूल की दहलीज पार नहीं की, इसलिए पढ़ने लिखने की उम्र में ही मेहनत मजदूरी का काम शुरू कर दिया. घर की इन्हीं मुश्किल परिस्थितियों के बीच राजकुमार की शादी हो गई. अगले कुछ सालों में घर एक बेटे और दो बेटियों प्रीति और माया ने जन्म लिया.

वीडियो

ऐसे में अब घर का खर्च चलना और भी कठिन हो गया, इसलिए रोजी रोटी की तलाश में 22 साल पहले करसोग आये और यहां चना चाट का काम शुरू कर दिया. हिमाचल में आकर ही राजकुमार को बेटियों की शिक्षा के महत्व का ज्ञान हुआ और उसने अपनी रानी बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाने का संकल्प लिया. इसके बाद सीधे अपने घर निकल गए और बेटियों को पढ़ाने के लिए परिवार को करसोग साथ लेकर आ गए.

अब राजकुमार पिछले कई सालों से चिंडी माता मंदिर के गेट के सामने शिमला करसोग मार्ग पर चाट की रेहड़ी लगाकर सुंदरनगर कॉलेज में अपनी दोनों बेटियों को उच्च शिक्षा दिला रहा है.

हमारे यहां बेटियों को स्कूल नहीं भेजा जाता था: राजकुमार

राजकुमार ने बताया कि गरीबी के कारण उनके गांव में बेटियों को स्कूल नहीं भेजा जाता था, इसलिए बेटियां अशिक्षित ही रह जाती थी. उन्होंने कहा कि हिमाचल आने के बाद ही बेटियों के शिक्षित होने का ज्ञान मिला और बेटियों को पढ़ाने के लिए यहां साथ लेकर आ गए. उन्होंने कहा कि दोनों बेटियां भी पापा के सपने को पूरा करने के लिए पूरी मेहनत के साथ पढ़ाई कर रही हैं. अब वह उच्च शिक्षा दिलाने के बाद बेटियों को बड़े ओहदे पर देखना चाहते हैं.

'गरीब से हमेशा कुछ न कुछ जरूर खरीदें'

पुराने दिनों को याद कर भावुक हुए राजकुमार कहते हैं कि भले ही बड़े बड़े मॉल में खरीददारी कर लो और बड़े होटलों में खाना खा लो, लेकिन सड़क पर ग्राहक के इंतजार में बैठे गरीबों के पास से भी कुछ न कुछ खरीद कर घर जरूर ले जाएं. आखिर इसी पैसे से उसका परिवार रोटी खाता है.

करसोग: दो बेटियों के लिए उनके पापा राजकुमार किसी बादशाह से कम नहीं हैं. बरेली के रहने वाले राजकुमार हिमाचल आकर चना चाट की रेहड़ी लगा रहे हैं, ताकि उनकी रानी बेटियां ज्ञान के गहनों से सज जाएं. बेटियां भी अपने पापा का सपना पूरा करने के लिए खूब मन लगाकर पढ़ रही हैं.

यूपी के बरेली जिला के गांव देवीपुरा का रहने वाले राजकुमार ने गरीबी के कारण कभी स्कूल की दहलीज पार नहीं की, इसलिए पढ़ने लिखने की उम्र में ही मेहनत मजदूरी का काम शुरू कर दिया. घर की इन्हीं मुश्किल परिस्थितियों के बीच राजकुमार की शादी हो गई. अगले कुछ सालों में घर एक बेटे और दो बेटियों प्रीति और माया ने जन्म लिया.

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ऐसे में अब घर का खर्च चलना और भी कठिन हो गया, इसलिए रोजी रोटी की तलाश में 22 साल पहले करसोग आये और यहां चना चाट का काम शुरू कर दिया. हिमाचल में आकर ही राजकुमार को बेटियों की शिक्षा के महत्व का ज्ञान हुआ और उसने अपनी रानी बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाने का संकल्प लिया. इसके बाद सीधे अपने घर निकल गए और बेटियों को पढ़ाने के लिए परिवार को करसोग साथ लेकर आ गए.

अब राजकुमार पिछले कई सालों से चिंडी माता मंदिर के गेट के सामने शिमला करसोग मार्ग पर चाट की रेहड़ी लगाकर सुंदरनगर कॉलेज में अपनी दोनों बेटियों को उच्च शिक्षा दिला रहा है.

हमारे यहां बेटियों को स्कूल नहीं भेजा जाता था: राजकुमार

राजकुमार ने बताया कि गरीबी के कारण उनके गांव में बेटियों को स्कूल नहीं भेजा जाता था, इसलिए बेटियां अशिक्षित ही रह जाती थी. उन्होंने कहा कि हिमाचल आने के बाद ही बेटियों के शिक्षित होने का ज्ञान मिला और बेटियों को पढ़ाने के लिए यहां साथ लेकर आ गए. उन्होंने कहा कि दोनों बेटियां भी पापा के सपने को पूरा करने के लिए पूरी मेहनत के साथ पढ़ाई कर रही हैं. अब वह उच्च शिक्षा दिलाने के बाद बेटियों को बड़े ओहदे पर देखना चाहते हैं.

'गरीब से हमेशा कुछ न कुछ जरूर खरीदें'

पुराने दिनों को याद कर भावुक हुए राजकुमार कहते हैं कि भले ही बड़े बड़े मॉल में खरीददारी कर लो और बड़े होटलों में खाना खा लो, लेकिन सड़क पर ग्राहक के इंतजार में बैठे गरीबों के पास से भी कुछ न कुछ खरीद कर घर जरूर ले जाएं. आखिर इसी पैसे से उसका परिवार रोटी खाता है.

Intro: यूपी के बरेली जिला के गांव देवीपुरा का रहने वाले राजकुमार ने गरीबी के कारण कभी स्कूल की दहलीज पार नहीं की। इसलिए पढ़ने लिखने की उम्र में ही मेहनत मजदूरी का काम शुरू कर दिया। घर की इन्हीं मुश्किल परिस्थितियों के बीच राजकुमार की शादी हो गई। अगले कुछ सालों में घर एक बेटे और दो बेटियों प्रीति और माया ने जन्म लिया। ऐसे में अब घर का खर्च चलना और भी कठिन हो गया। इसलिए रोजी रोटी की तलाश में 22 साल पहले करसोग आये और यहां चना चाट का काम शुरू कर दिया। Body:बेटियों के लिए सचमुच के बादशाह हैं पापा राजकुमार, चना-चाट बेचकर दिला रहे ऊंची शिक्षा
करसोग
दो बेटियों के लिए उनके पापा राजकुमार किसी बादशाह से कम नहीं हैं। बरेली के रहने वाले राजकुमार हिमाचल आकर चना चाट की रेहड़ी लगा रहे हैं, ताकि उनकी रानी बेटियां ज्ञान के गहनो से सज जाएं। बेटियां भी अपने पापा का सपना पूरा करने के लिए खूब मन लगाकर पढ़ रही हैं। यूपी के बरेली जिला के गांव देवीपुरा का रहने वाले राजकुमार ने गरीबी के कारण कभी स्कूल की दहलीज पार नहीं की। इसलिए पढ़ने लिखने की उम्र में ही मेहनत मजदूरी का काम शुरू कर दिया। घर की इन्हीं मुश्किल परिस्थितियों के बीच राजकुमार की शादी हो गई। अगले कुछ सालों में घर एक बेटे और दो बेटियों प्रीति और माया ने जन्म लिया। ऐसे में अब घर का खर्च चलना और भी कठिन हो गया। इसलिए रोजी रोटी की तलाश में 22 साल पहले करसोग आये और यहां चना चाट का काम शुरू कर दिया। हिमाचल में आकर ही राजकुमार को बेटियों की शिक्षा के महत्व का ज्ञान हुआ और उसने अपनी रानी बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाने का संकल्प लिया। इसके बाद सीधे अपने घर निकल गए और बेटियों को पढ़ाने के लिए परिवार को करसोग साथ लेकर आ गए। अब राजकुमार पिछले कई सालों से चिंडी माता मंदिर के गेट के सामने शिमला करसोग मार्ग पर चाट की रेहड़ी लगाकर सुंदरनगर कॉलेज में अपनी दोनों बेटियों को उच्च शिक्षा दिला रहा है।

हमारे यहां बेटियों को स्कूल नहीं भेजा जाता था:
राजकुमार ने बताया कि गरीबी के कारण उनके गांव में बेटियों को स्कूल नहीं भेजा जाता था। इसलिए बेटियां अशिक्षित ही रह जाती थी। उन्होंने कहा कि हिमाचल आने के बाद ही बेटियों के शिक्षित होने का ज्ञान मिला, और बेटियों को पढ़ाने के लिए यहां साथ लेकर आ गए। उन्होंने कहा कि दोनों बेटियां भी पापा के सपने को पूरा करने के लिए पूरी मेहनत के साथ पढ़ाई कर रही हैं। अब वह उच्च शिक्षा दिलाने के बाद बेटियों को बड़े ओहदे पर देखना चाहते हैं।

गरीब से हमेशा कुछ न कुछ जरूर खरीदें:
पुराने दिनों को याद कर भावुक हुए राजकुमार कहते हैं कि भले ही बड़े बड़े मॉल में खरीददारी कर लो और बड़े होटलों में खाना खा लो। लेकिन सड़क पर ग्राहक के इंतजार में बैठे गरीबों के पास से भी कुछ न कुछ खरीद कर घर जरूर ले जाएं। आखिर इसी पैसे से उसका परिवार रोटी खाता है। Conclusion:पुराने दिनों को याद कर भावुक हुए राजकुमार कहते हैं कि भले ही बड़े बड़े मॉल में खरीददारी कर लो और बड़े होटलों में खाना खा लो। लेकिन सड़क पर ग्राहक के इंतजार में बैठे गरीबों के पास से भी कुछ न कुछ खरीद कर घर जरूर ले जाएं। आखिर इसी पैसे से उसका परिवार रोटी खाता है।
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