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कुल्लू: नाहीं गांव में हफ्तों नहीं टपकती पानी की बूंद, ग्रामीण परेशान

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Published : Dec 19, 2020, 10:45 AM IST

उपमंडल बंजार की दूरदराज नवगठित ग्राम पंचायत पेखड़ी से गांव नाहीं में लोग हफ्तों तक पीने के पानी की समस्या से जुझ रहे हैं. ग्राम पंचायत पेखड़ी के नाहीं गांव के आसपास बसे सैकड़ों ग्रामीणों के लिए हर वर्ष की भांति गर्मी और सर्दी का मौसम आते ही पीने के पानी की समस्या गंभीर हो जाती है.

Water problem in pekhri
नाहीं में पानी की समस्या

कुल्लू: उपमंडल बंजार की दूरदराज नवगठित ग्राम पंचायत पेखड़ी से गांव नाहीं में लोग हफ्तों तक पीने के पानी की समस्या से जुझ रहे हैं. तीर्थन घाटी ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क से सटी नवगठित ग्राम पंचायत पेखड़ी अभी तक विकास से कोसों दूर है.

नाहीं गांव के लोग मूलभूल सुविधाओं से वंचित

नाहीं गांव के लोग आज भी सड़क, रास्ते, पेयजल, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. ग्राम पंचायत पेखड़ी के नाहीं गांव के आसपास बसे सैकड़ों ग्रामीणों के लिए हर वर्ष की भांति गर्मी और सर्दी का मौसम आते ही पीने के पानी की समस्या गंभीर हो जाती है. ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर पैदल चलकर पीने के पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है.

वीडियो रिपोर्ट

दशकों से पेयजल की समस्या

लोगों को अपने मवेशियों को भी गांव से मीलों दूर पानी पिलाने के लिए ले जाना पड़ता है. नाहीं गांव के स्थानीय लोगों का कहना है कि नाहीं गांव और इसके साथ लगते धारा नाहीं और लुहारदा गांव के सैंकड़ों ग्रामीण कई दशकों से पेयजल की समस्या का सामना कर रहे हैं. लोगों की लगातार शिकायत करने के बावजूद शासन प्रशासन आजतक उनकी समस्या का स्थायी समाधान नहीं कर सका है जिस कारण लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.

पानी की बूंद के लिए तरस रहे लोग

गर्मियों के मौसम में पानी के मुख्य स्रोत में भी पानी कुछ कम हो जाता है और सर्दियों के मौसम में भी पानी और पाइप जाम की समस्या रहती है. ऐसी स्थिति में गांव के बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को करीब दो किलोमीटर दूर बाईटी नामक स्थान से पीने का पानी ढोकर लाना पड़ता है. विभाग उपलब्ध पानी को सोर्स से लोगों तक व्यवस्थित तरीके से पहुंचाने में नाकाम साबित हो रहा है.

लोगों ने समस्या की उठाई मांग

हर वर्ष विभाग इन लाइनों की रिपेयर के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है. ग्रामीण कई वर्षों से पानी की इस समस्या को झेल रहे है लेकिन उनकी समस्याओं पर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनाव के समय हर पार्टी के नुमाइन्दे बड़े बड़े वादे करके चले जाते है और ये वादे सिर्फ वादे बन कर रह जाते हैं.

मुख्यमंत्री संकल्प सेवा में भी करवाई थी शिकायत दर्ज

लोगों का कहना है कि अपनी इस समस्या के समाधान के बारे में इन्होंने मुख्यमंत्री संकल्प सेवा में भी शिकायत दर्ज की थी जिस पर विभाग ने आनन फानन में 50 पाइप नाहीं गांव में पहुंचा दिए हैं लेकिन अभी तक इन पाइपों को नहीं बिछाया गया है.

ये भी पढ़ेंः आंदोलन में किसान आत्महत्या का जिम्मेदार कौन, रामलाल ठाकुर ने केंद्र पर उठाए सवाल

कुल्लू: उपमंडल बंजार की दूरदराज नवगठित ग्राम पंचायत पेखड़ी से गांव नाहीं में लोग हफ्तों तक पीने के पानी की समस्या से जुझ रहे हैं. तीर्थन घाटी ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क से सटी नवगठित ग्राम पंचायत पेखड़ी अभी तक विकास से कोसों दूर है.

नाहीं गांव के लोग मूलभूल सुविधाओं से वंचित

नाहीं गांव के लोग आज भी सड़क, रास्ते, पेयजल, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. ग्राम पंचायत पेखड़ी के नाहीं गांव के आसपास बसे सैकड़ों ग्रामीणों के लिए हर वर्ष की भांति गर्मी और सर्दी का मौसम आते ही पीने के पानी की समस्या गंभीर हो जाती है. ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर पैदल चलकर पीने के पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है.

वीडियो रिपोर्ट

दशकों से पेयजल की समस्या

लोगों को अपने मवेशियों को भी गांव से मीलों दूर पानी पिलाने के लिए ले जाना पड़ता है. नाहीं गांव के स्थानीय लोगों का कहना है कि नाहीं गांव और इसके साथ लगते धारा नाहीं और लुहारदा गांव के सैंकड़ों ग्रामीण कई दशकों से पेयजल की समस्या का सामना कर रहे हैं. लोगों की लगातार शिकायत करने के बावजूद शासन प्रशासन आजतक उनकी समस्या का स्थायी समाधान नहीं कर सका है जिस कारण लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.

पानी की बूंद के लिए तरस रहे लोग

गर्मियों के मौसम में पानी के मुख्य स्रोत में भी पानी कुछ कम हो जाता है और सर्दियों के मौसम में भी पानी और पाइप जाम की समस्या रहती है. ऐसी स्थिति में गांव के बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को करीब दो किलोमीटर दूर बाईटी नामक स्थान से पीने का पानी ढोकर लाना पड़ता है. विभाग उपलब्ध पानी को सोर्स से लोगों तक व्यवस्थित तरीके से पहुंचाने में नाकाम साबित हो रहा है.

लोगों ने समस्या की उठाई मांग

हर वर्ष विभाग इन लाइनों की रिपेयर के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है. ग्रामीण कई वर्षों से पानी की इस समस्या को झेल रहे है लेकिन उनकी समस्याओं पर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनाव के समय हर पार्टी के नुमाइन्दे बड़े बड़े वादे करके चले जाते है और ये वादे सिर्फ वादे बन कर रह जाते हैं.

मुख्यमंत्री संकल्प सेवा में भी करवाई थी शिकायत दर्ज

लोगों का कहना है कि अपनी इस समस्या के समाधान के बारे में इन्होंने मुख्यमंत्री संकल्प सेवा में भी शिकायत दर्ज की थी जिस पर विभाग ने आनन फानन में 50 पाइप नाहीं गांव में पहुंचा दिए हैं लेकिन अभी तक इन पाइपों को नहीं बिछाया गया है.

ये भी पढ़ेंः आंदोलन में किसान आत्महत्या का जिम्मेदार कौन, रामलाल ठाकुर ने केंद्र पर उठाए सवाल

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