लाहौल स्पीति: हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले की ऊंची पहाड़ियों में बीते दिनों हुई बर्फबारी के कारण घाटी में ठंड बढ़ गई है. वहीं, ऊपरी इलाको में भी पानी जमने की समस्या पेश आ रही है. जिसके चलते घाटी के ट्रैकिंग रूट भी प्रभावित हुए हैं. वहीं, उपायुक्त लाहौल स्पीति नीरज कुमार ने अधिसूचना जारी कर जिले के सभी ट्रैकिंग रूट्स पर ट्रैकिंग न करने के निर्देश जारी किए हैं.
स्पीति के खमिंगर ग्लेशियर जैसी और घटना न घटे, इसके लिए प्रशासन सतर्क है. अचानक हो रही बर्फबारी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने ट्रैकिंग पर रोक लगाई है. पहाड़ों पर तापमान लुढ़कने से पानी जमने लगा है. चोटियों में अचानक होने वाली बर्फबारी भी घातक हो सकती है. लाहौल स्पीति व कुल्लू के लंबे ट्रैक रूटों में ही ट्रैकर अधिक ट्रैकिंग करते हैं.
लंबे ट्रैक रूटों में चंद्रताल से बारालाचा, दारचा से पदम, मयाड़ के कांगला ग्लेशियर से कारगिल-जंसकर, मनाली-हामटा से छतडू, मनाली-जगतसुख से गोरुपास, पीन पास-किन्नौर, मनाली से बड़ा भंगाल, पीन वैली से स्पीति व मनाली से हनुमान टिब्बा ट्रैक रुट शामिल हैं. मनाली के एक दो दिवसीय ट्रैक रूटों में ट्रैकिंग जारी रहेगी, जबकि कुल्लू के लंबे ट्रैक रूटों पर भी अब अगले साल ही ट्रैकिंग हो सकेगी.
उपायुक्त लाहौल स्पीति नीरज कुमार ने कहा जिले में सर्दी ने दस्तक दे दी हैं. ऐसे में ऊंची चोटियों में अचानक होने वाली बर्फबारी ट्रैकर्स से लिए खतरनाक साबित हो सकती है. ऐसी परिस्थिति में रेस्क्यू करना भी जोखिम भरा रहता है. ट्रैकर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने जिले के सभी ट्रैक रूट ट्रैकिंग के लिए बंद कर दिए हैं. अधिसूचना जारी कर ट्रैकिंग बंद करने के निर्देश दिए गए हैं. सभी ट्रैकर्स से आग्रह है कि वह अब लाहौल स्पीति के ट्रैक रूटों में ट्रैकिंग के लिए न निकलें.