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देव स्थान पर सजी जूता व कबाड़ मार्केट, धूमल नाग के आक्रोश के बाद भी नहीं जागा प्रशासन

कुल्लू में दशहरा समाप्त होने के बाद देवी-देवताओं के बैठने के स्थान पर जूता और कबाड़ मार्केट सजा दी गई है. कई दिन बीत जाने के बाद भी ये मार्केट चल रही है, लेकिन प्रशासन की ओर से इसे हटाया नहीं गया है.

देव स्थान पर सजी जूता व कबाड़ मार्केट
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Published : Oct 28, 2019, 9:35 AM IST

कुल्लू: दशहरा समाप्त होने के बाद देवी-देवताओं के बैठने के स्थान पर जूता और कबाड़ मार्केट सजा दी गई है. देव परंपरा के साथ हो रहे खिलवाड़ पर प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा है. जूतों के अलावा कबाड़ और पकौड़े जलेबी की दुकानें भी सजा दी गई हैं.

कई दिन बीत जाने के बाद भी ये मार्केट चल रही है, लेकिन प्रशासन की ओर से इसे हटाया नहीं गया है. बता दें कि जिस स्थान पर ये मार्केट सजाई गई हैं. यहां 50 देवी और देवताओं के बैठने का स्थान है. देवता धूमल नाग भी इस मार्केट को लेकर गुस्सा जाहिर कर चुके हैं, लेकिन देवता के आक्रोश के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं टूटी है. देव समाज ने भी दशहरा के बाद देव स्थलों पर फैली अव्यवस्था पर प्रशासन और नगर परिषद को जिम्मेदार ठहराया है.

वीडियो.

जिला देवी-देवता कारदार संघ के पूर्व अध्यक्ष दोत राम ठाकुर ने कहा कि दशहरा खत्म होने के बाद देव स्थलों पर व्यापारी दुकानें सजाते हैं. देव स्थलों को साफ सुथरा और पवित्र रखा जाना चाहिए. इसको लेकर देव समाज ने कई बार जिला प्रशासन को अवगत करवाया, लेकिन प्रशासन की नींद नहीं खुली.

भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि दशहरा के बाद देव स्थलों पर दुकानें लगाना गलत है. उन्होंने कहा कि कुछ जगह को छोड़ कर सभी देवी-देवताओं की जगह पर दुकानें चल रही हैं. देवता बिजली महादेव की अस्थायी शिविर में पकौड़े और हलवाई की दुकान सजी हैं.

इन देवताओं के स्थानों पर लगी हैं दुकानें

देवता बिजली महादेव की अस्थायी शिविर में पकौड़े और हलवाई की दुकान सजी हैं. जिले के सबसे अमीर देवी-देवताओं में शुमार खुडीजल, व्यास ऋषि, टकरासी नाग, कोट पझारी तथा चोतरू नाम, शेष नाग, पांचवीर समेत करीब 50 देवी-देताओं के देवस्थान पर जूता मार्केट लगी है। इसके अलावा सैंज और ऊझी घाटी के देवताओं के शिविरों में कबाड़ियों ने कब्जा किया है.

कुल्लू: दशहरा समाप्त होने के बाद देवी-देवताओं के बैठने के स्थान पर जूता और कबाड़ मार्केट सजा दी गई है. देव परंपरा के साथ हो रहे खिलवाड़ पर प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा है. जूतों के अलावा कबाड़ और पकौड़े जलेबी की दुकानें भी सजा दी गई हैं.

कई दिन बीत जाने के बाद भी ये मार्केट चल रही है, लेकिन प्रशासन की ओर से इसे हटाया नहीं गया है. बता दें कि जिस स्थान पर ये मार्केट सजाई गई हैं. यहां 50 देवी और देवताओं के बैठने का स्थान है. देवता धूमल नाग भी इस मार्केट को लेकर गुस्सा जाहिर कर चुके हैं, लेकिन देवता के आक्रोश के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं टूटी है. देव समाज ने भी दशहरा के बाद देव स्थलों पर फैली अव्यवस्था पर प्रशासन और नगर परिषद को जिम्मेदार ठहराया है.

वीडियो.

जिला देवी-देवता कारदार संघ के पूर्व अध्यक्ष दोत राम ठाकुर ने कहा कि दशहरा खत्म होने के बाद देव स्थलों पर व्यापारी दुकानें सजाते हैं. देव स्थलों को साफ सुथरा और पवित्र रखा जाना चाहिए. इसको लेकर देव समाज ने कई बार जिला प्रशासन को अवगत करवाया, लेकिन प्रशासन की नींद नहीं खुली.

भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि दशहरा के बाद देव स्थलों पर दुकानें लगाना गलत है. उन्होंने कहा कि कुछ जगह को छोड़ कर सभी देवी-देवताओं की जगह पर दुकानें चल रही हैं. देवता बिजली महादेव की अस्थायी शिविर में पकौड़े और हलवाई की दुकान सजी हैं.

इन देवताओं के स्थानों पर लगी हैं दुकानें

देवता बिजली महादेव की अस्थायी शिविर में पकौड़े और हलवाई की दुकान सजी हैं. जिले के सबसे अमीर देवी-देवताओं में शुमार खुडीजल, व्यास ऋषि, टकरासी नाग, कोट पझारी तथा चोतरू नाम, शेष नाग, पांचवीर समेत करीब 50 देवी-देताओं के देवस्थान पर जूता मार्केट लगी है। इसके अलावा सैंज और ऊझी घाटी के देवताओं के शिविरों में कबाड़ियों ने कब्जा किया है.

Intro:फिर देवी देवताओं के स्थान पर सजा दी जूता व कबाड़ मार्केटBody:

दशहरा समाप्त होने के बाद देवी-देवताओं के बैठने के स्थान पर जूता और कबाड़ मार्केट सजा दी गई है। देव परंपरा के साथ हो रहे खिलवाड़ पर प्रशासन आंख मूंदकर बैठा है। जूतों के अलावा कबाड़ और पकौड़े जलेबी की दुकानें भी सजा दी गई हैं। करीब 50 देवी और देवताओं के बैठने वाले स्थान पर यह बाजार सजा है। देवता धूमल नाग के आक्रोश के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं टूटी है। रविवार को यह मार्केट चलती रही। देव समाज ने भी दशहरा के बाद देव स्थलों पर फैली अव्यवस्था पर रोष जताते हुए प्रशासन और नगर परिषद को जिम्मेदार ठहराया है।

शहरवासी राजेंद्र,रमेश, दिले राम, होशियार सिंह, मेघ सिंह, राकेश तथा उतम सिंह ने उन्होंने कहा कि देवताओं की जगह पर दुकानें लगाने की राशि कहां जाती है। इसकी भी जांच होनी चाहिए। प्रशासन इस पर खामोश बैठा है। जिला देवी-देवता कारदार संघ के पूर्व अध्यक्ष दोत राम ठाकुर ने कहा कि दशहरा खत्म होने के बाद देव स्थलों पर किस के कहने पर व्यापारी दुकानें सजाते हैं। यह चिंता का विषय है। देव स्थलों को साफ सुथरा और पवित्र रखा जाना चाहिए। इसको लेकर देव समाज ने कई बार जिला प्रशासन को अवगत करवाया, लेकिन प्रशासन की नींद नहीं खुली। भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि दशहरा के बाद देव स्थलों पर दुकानें लगाना गलत है। उन्होंने कहा कि कुछ जगह को छोड़ कर सभी देवी-देवताओं की जगह पर दुकानें चल रही हैं। प्लाट आवंटन कमेटी को इस पर नजर रखने की जरूरत है।

Conclusion:इन देवताओं के स्थानों पर लगी हैं दुकानें
देवता बिजली महादेव की अस्थायी शिविर में पकौड़े और हलवाई की दुकान सजी हैं। जिले के सबसे अमीर देवी-देवताओं में शुमार खुडीजल, व्यास ऋषि, टकरासी नाग, कोट पझारी तथा चोतरू नाम, शेष नाग, पांचवीर समेत करीब 50 देवी-देताओं की जगह पर जूता मार्केट लगी है। इसके अलावा सैंज और ऊझी घाटी के देवताओं के शिविरों में कबाड़ियों ने कब्जा किया है।
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