कुल्लू: क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू (Regional Hospital Kullu) में आवश्यक सुविधाओं का तेजी के साथ सृजन किया जा रहा है. बीते तीन सालों के दौरान अस्पताल को कई स्तरों पर अपग्रेड किया गया है. नए भवनों के निर्माण की बात हो, विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाओं की या फिर पैरा मेडिकल स्टाफ की भर्ती हो, सभी क्षेत्रों को मजबूती प्रदान की गई है. यह बात शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बुधवार को क्षेत्रीय अस्पताल में 500 लीटर प्रति मिनट क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट जनता को समर्पित करने के उपरांत कही.
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Education Minister Govind Singh Thakur) ने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल के एमसीएच विंग यानि मातृ एवं शिशु अस्पताल के लिए एसोचैम द्वारा यह प्लांट दान कर इसे रिकार्ड समय में स्थापित किया गया है. उन्होंने कहा कि 14 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 100 बिस्तरों के एमसीएच विंग को यह प्लांट पूरी तरह से सक्षम है और इस प्लांट के शुरू होने से अब ऑक्सीजन सिलेंडरों की कम आवश्यकता रहेगी.
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Education Minister Govind Singh Thakur) ने कहा कि एमसीएच में एनआईसीयू, पीआईसीयू, लेबर रूम, गायनी वार्ड और पोस्ट आप्रेटिव वार्ड होंगे. 500 लीटर प्रति मिनट क्षमता का यह प्लांट इंडोर रोगियों को चौबीस घंटे ऑक्सीजन की आपूति प्रदान करेगा जिसमें प्रसव के उपरांत सीजेरियन मां, गंभीर नवजात और बाल रोगी शामिल हैं. इस महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के लिए एक निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति महत्वपूर्ण है. इसके दृष्टिगत एमसीएच विंग किस तरह से रोगियां का उपचार करने जा रहा है.
मंत्री को मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुशील चन्द्र (Chief Medical Officer Sushil Chandra) ने अवगत करवाया कि पीएसए संयंत्र विशेष रूप से 250 किलोवाट जनरेटर द्वारा किसी भी बिजली आउटेज को बफर करने के लिए समर्थित है. इसके साथ ही अस्पताल द्वारा किसी अतिरिक्त आवश्यकता के मामले में संयंत्र क्षेत्रीय अस्पताल के अन्य वार्डों को भी ऑक्सीजन प्रदान कर सकता है. यह संयंत्र ऑक्सीजन सिलेंडरों की आवश्यकता को भी कम करेगा और उन सिलेंडरों के परिवहन की रसद संबंधी बाधाओं को दूर करेगा. सिलेंडरों पर होने वाले खर्च में भी कटौती होगी. पीएसए प्लांट अनेक लोगों की जान बचाने में काफी मददगार साबित होगा.
गोविंद ठाकुर ने कहा कि पिछले दो साल कोरोना महामारी के संकट के बीच गुजरे हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) ने कोरोना से निपटने के सुव्यवस्थित प्रबंधन किया जिसका परिणाम प्रदेशवासियों के समक्ष है. प्रदेश में कहीं पर भी ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी और कोई कोविड मरीज ऐसा नहीं था. जिसे अस्पताल में बिस्तर न मिला हो. वैक्सीन की पहली डोज का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने वाला भी हिमाचल ही देश का पहला राज्य बना.
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से प्रदेश के लिए ऑक्सीजन का कोटा 15 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 30 मीट्रिक टन करवाया. कोविड से निपटने के लिये स्वास्थ्य विभाग में 3000 नए पैरा मेडिकल स्टाफ (Para Medical Staff) की नियुक्तियां की.
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