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कुल्लू में बढ़ रहा है औद्योगिक निवेश, डेढ़ साल में 80 लघु व अति लघु इकाइयों का स्थायी पंजीकरण

कुल्लू में हिमाचल सरकार यहां औद्योगिकीकरण को प्रोत्साहन दे रही है. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत जिला में डेढ़ वर्ष के दौरान 70 युवाओं को लगभग एक करोड़ 60 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है.

Kullu
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Published : Sep 2, 2019, 11:16 AM IST

कुल्लूः जिला में उद्योग विभाग विभिन्न योजनाओं के माध्यम से औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है. कुल्लू में खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित उद्योगों की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं. ऐसे उद्योगों को विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है.


जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक छिमे आंगमों ने बताया कि कुल्लू जिला में इस समय लगभग 73 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश वाली 2026 लघु एवं अति लघु औद्योगिक इकाइयां संचालित की जा रही हैं, जिनमें 12 हजार से अधिक लोगों को सीधा रोजगार मिला है.

वीडीयो.


महाप्रबंधक ने बताया कि 16 करोड़ के पूंजी निवेश से दो मध्यम उद्योगों में भी उत्पादन शुरू हो चुका है. इनमें लगभग डेढ़ सौ लोगों को सीधा रोजगार मिला है. प्रदेश सरकार के डेढ़ वर्ष के कार्यकाल के दौरान कुल्लू में 80 लघु एवं अति लघु इकाइयों का स्थायी पंजीकरण किया गया है. साढ़े 6 करोड़ के निवेश के उद्योगों में 650 लोगों को रोजगार मिला है.


छिमे आंगमों ने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत जिला में डेढ़ वर्ष के दौरान 70 युवाओं को लगभग एक करोड़ 60 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है. उन्होंने बताया कि युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना शुरू की है.

केंद्र की महाप्रबंधक ने बताया कि कुल्लू के हथकरघा उद्योग ने अपनी अलग पहचान बनाई है. उद्योग विभाग इस क्षेत्र को भी गति प्रदान कर रहा है. विभाग ने बुनकर बीमा योजना के तहत जिला के 1752 बुनकरों का बीमा करवाया है. इस वर्ष 50 बुनकरों को मुद्रा ऋण प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

ये भी पढ़ें- कुल्लू में शुरू हुआ वोटर ID वेरिफिकेशन अभियान, मतदाता ऑनलाइन या BLO से करवाएं सत्यापन

कुल्लूः जिला में उद्योग विभाग विभिन्न योजनाओं के माध्यम से औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है. कुल्लू में खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित उद्योगों की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं. ऐसे उद्योगों को विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है.


जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक छिमे आंगमों ने बताया कि कुल्लू जिला में इस समय लगभग 73 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश वाली 2026 लघु एवं अति लघु औद्योगिक इकाइयां संचालित की जा रही हैं, जिनमें 12 हजार से अधिक लोगों को सीधा रोजगार मिला है.

वीडीयो.


महाप्रबंधक ने बताया कि 16 करोड़ के पूंजी निवेश से दो मध्यम उद्योगों में भी उत्पादन शुरू हो चुका है. इनमें लगभग डेढ़ सौ लोगों को सीधा रोजगार मिला है. प्रदेश सरकार के डेढ़ वर्ष के कार्यकाल के दौरान कुल्लू में 80 लघु एवं अति लघु इकाइयों का स्थायी पंजीकरण किया गया है. साढ़े 6 करोड़ के निवेश के उद्योगों में 650 लोगों को रोजगार मिला है.


छिमे आंगमों ने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत जिला में डेढ़ वर्ष के दौरान 70 युवाओं को लगभग एक करोड़ 60 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है. उन्होंने बताया कि युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना शुरू की है.

केंद्र की महाप्रबंधक ने बताया कि कुल्लू के हथकरघा उद्योग ने अपनी अलग पहचान बनाई है. उद्योग विभाग इस क्षेत्र को भी गति प्रदान कर रहा है. विभाग ने बुनकर बीमा योजना के तहत जिला के 1752 बुनकरों का बीमा करवाया है. इस वर्ष 50 बुनकरों को मुद्रा ऋण प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

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Intro:कुल्लू जिला में बढ़ रहा है औद्योगिक निवेश
डेढ़ वर्ष में हुआ 80 लघु एवं अति लघु इकाईयों का स्थायी पंजीकरणBody:
कुल्लू जिला में सीमित संभावनाओं के बावजूद प्रदेश सरकार यहां औद्योगिकीकरण को प्रोत्साहन दे रही है। विशेषकर, खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित उद्योगों की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। ऐसे उद्योगों को उद्योग विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है।
जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक छिमे आंगमों ने बताया कि कुल्लू जिला में इस समय लगभग 73 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश वाली 2026 लघु एवं अति लघु औद्योगिक इकाईयां संचालित की जा रही हैं, जिनमें 12 हजार से अधिक लोगों को सीधा रोजगार मिला है। महाप्रबंधक ने बताया कि 16 करोड़ के पूंजी निवेश से दो मध्यम उद्योगों में भी उत्पादन शुरू हो चुका है। इनमें लगभग डेढ़ सौ लोगों को सीधा रोजगार मिला है। प्रदेश सरकार के डेढ़ वर्ष के कार्यकाल के दौरान कुल्लू जिला में 80 लघु एवं अति लघु इकाईयों का स्थायी पंजीकरण किया गया है। साढे 6 करोड़ के निवेश के उद्योगों में 650 लोगांे को रोजगार मिला है।
छिमे आंगमों ने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत जिला में डेढ़ वर्ष के दौरान 70 युवाओं को लगभग एक करोड़ 60 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है। उन्होंने बताया कि युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना आरंभ की है। डेढ़ वर्ष के दौरान इस योजना के तहत 16 करोड़ 23 लाख रुपये के कुल 67 मामले मंजूर किए गए हैं। इनमें से 31 युवाओं को लगभग 2 करोड़ 11 लाख रुपये की सब्सिडी भी दी जा चुकी है।
कुल्लू जिला के हथकरघा उद्योग ने अपनी अलग पहचान बनाई है। उद्योग विभाग इस क्षेत्र को भी गति प्रदान कर रहा है। विभाग ने बुनकर बीमा योजना के तहत जिला के 1752 बुनकरों का बीमा करवाया है। इस योजना में बुनकर का अंशदान केवल 80 रुपये है, जबकि 150 रुपये सरकार दे रही है। बुनकरों के बच्चों को प्रतिमाह 100 रुपये छात्रवृति का प्रावधान भी किया गया है।
बुनकर मुद्रा योजना के तहत बुनकरों के क्रेडिट कार्ड भी बनाए गए हैं, जिनके माध्यम से बुनकरों को 50 हजार से 5 लाख तक के सस्ते ऋण का प्रावधान है। इस वर्ष 50 बुनकरों को मुद्रा ऋण प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
Conclusion:इस प्रकार, उद्योग विभाग कुल्लू जिला में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। प्रदेश सरकार के डेढ़ वर्ष के कार्यकाल के दौरान जिला में औद्योगिक निवेश में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है।
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