कुल्लू: हिमाचल में शिक्षा व्यवस्था (education system in himachal Pradesh) पर जहां दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने जमकर सवाल उठाए. वहीं उन्होंने हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर को भी कटघरे में खड़ा कर दिया. मनीष सिसोदिया ने खुलेआम शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर को शिक्षा व्यवस्था पर बात करने के लिए मंच पर आने की भी चुनौती दे डाली, लेकिन हैरानी इस बात की है कि अभी तक प्रदेश सरकार या शिक्षा मंत्री की ओर से इसका कोई भी जवाब नहीं आया है.
वहीं, आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party In Himachal) के नेता मनीष सिसोदिया के पक्ष में आम आदमी पार्टी हिमाचल के कार्यकर्ता भी अपने-अपने इलाकों में बदहाल स्कूल व अध्यापकों की कमी को लेकर पोस्ट कर रहे हैं और वास्तविक स्थिति से सरकार को भी अवगत करवा रहे हैं. अब देखना यह है कि इस मामले में प्रदेश सरकार क्या रुख अपनाती है.
हालांकि मनीष सिसोदिया के द्वारा इस बयान को दिए 24 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है. ऐसे में प्रदेश की जनता को भी लग रहा था कि प्रदेश सरकार इसका जवाब देगी और प्रदेश में बेहतर शिक्षा व्यवस्था का दावा करने के पुख्ता सबूत भी मनीष सिसोदिया के समक्ष पेश किए जाएंगे. शुक्रवार को भी दिनभर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता हिमाचल में बदहाल शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार को कोसते हुए नजर आए. ऐसे में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद हैं. आम आदमी पार्टी कुल्लू के अध्यक्ष सुरेश नेगी, बंजार के अध्यक्ष पूर्ण चंद का कहना है कि जिला कुल्लू में भी बदहाल स्कूलों की स्थिति किसी से छुपी नहीं हुई है.
पूर्ण चंद का कहना है कि बंजार के कई ग्रामीण इलाकों में भी शिक्षकों की कमी चल रही है तो कहीं स्कूलों के भवन भी जर्जर हो चुके हैं. जहां पर छात्रों का शिक्षा ग्रहण करना काफी मुश्किल है. प्रदेश सरकार बेहतर शिक्षा व्यवस्था के दावे करती है तो अब सरकार को जनता के समक्ष भी सबूत (Manish Sisodia on education system in himachal) के साथ पेश करे. ताकि पता चल सके कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार का शिक्षा व्यवस्था का ढांचा कितना मजबूत है और हिमाचल प्रदेश में बीजेपी सरकार किस तरह से बच्चों को शिक्षा उपलब्ध करवा रही है.
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