कुल्लूः कबायली जिला लाहौल स्पिति के केलांग में एक दिवसीय जिला स्तरीय कृषि मेला आयोजित हुआ. मेले का आयोजन कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण लाहौल स्पिति द्वारा किया गया. किसान मेले में कृषि, आईटी एवं जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की.
इस दौरान अपने संबोधन में कृषि मंत्री ने बताया कि मौजुदा दौर में रासायनिक खाद से खेती करने के लिए अधिक खर्च करना पड़ रहा है. रासायनिक खाद से मिट्टी का स्वास्थय भी खराब हो रहा है और पैदावार भी कम हो रही है.
कृषि मंत्री ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर दिया. मारकंडा ने कहा कि प्राकृतिक खेती करने से पैदावार भी अधिक की जा सकती है और कृषि भूमि को अधिक नुकसान भी नहीं होगा. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये, किसानों को कृषि विश्वाविद्यालय पालमपुर में प्रशिक्षण भी दिया जाता है.
इसके अलावा प्रदेश सरकार देशी गाय को खरीदने के लिए, पुराने टैकों की मरम्मत करने, प्राकृतिक कीट नाशक बनाने के लिये ड्रम क्रय करने, गौशालाओं के निर्माण एवं कुलह की मरम्मत करने के लिए सरकार किसानों को अनुदान प्रदान कर रही है.
मंत्री ने ये भी जानकारी दी कि जल्द ही जिला मुख्यालय केलांग में मिट्टी परीक्षण लैब का निर्माण किया जाएगा. साथ ही उन्होंने बताया कि प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के तहत मटर व गोभी को भी शामिल किया गया है. 37 विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियों को कृषि उपज के तौर पर शामिल किया गया है, जिससे किसानों का काफी फायदा होगा.
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कृषि मंत्री ने तीन किसानों को राज्य कृषि यंत्रीकरण प्रोग्राम के तहत कृषि के लिए ट्रैक्टर की चाबी भी प्रदान की. इन ट्रैक्टरों पर राज्य सरकार द्वारा तीन लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है. मेले में कृषि विज्ञान केन्द्र कुमुमसेरी के वैज्ञानिक डॉ. लव भूषण, डॉ. सुरेन्द्र ठाकुर, डॉ. रमेश लाल ने किसानों को जानकारी दी.
वहीं, राष्ट्रीय ओषधीय पौध बोर्ड के वैज्ञानिक डॉ. मदन लाल व कृषि विभाग के एमएस डॉ. राजेन्द्र ठाकुर ने प्राकृतिक खेती व किसानों को प्राकृतिक कीटनाशक बनाने, मिट्टी परीक्षण एवं बीजों के उपचार के बारे में किसानों को विस्तार से जानकारी दी.