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केलांग में जिला स्तरीय कृषि मेला संपन्न, किसानों ने सीखे प्राकृतिक खेती के गुर

जिला लाहौल स्पिति के केलांग में एक दिवसीय जिला स्तरीय कृषि मेला का आयोजन हुआ. किसान मेले में कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर दिया.

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Published : Aug 14, 2019, 11:11 AM IST

Updated : Aug 14, 2019, 11:52 AM IST

कुल्लूः कबायली जिला लाहौल स्पिति के केलांग में एक दिवसीय जिला स्तरीय कृषि मेला आयोजित हुआ. मेले का आयोजन कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण लाहौल स्पिति द्वारा किया गया. किसान मेले में कृषि, आईटी एवं जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की.


इस दौरान अपने संबोधन में कृषि मंत्री ने बताया कि मौजुदा दौर में रासायनिक खाद से खेती करने के लिए अधिक खर्च करना पड़ रहा है. रासायनिक खाद से मिट्टी का स्वास्थय भी खराब हो रहा है और पैदावार भी कम हो रही है.

कृषि मंत्री ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर दिया. मारकंडा ने कहा कि प्राकृतिक खेती करने से पैदावार भी अधिक की जा सकती है और कृषि भूमि को अधिक नुकसान भी नहीं होगा. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये, किसानों को कृषि विश्वाविद्यालय पालमपुर में प्रशिक्षण भी दिया जाता है.

इसके अलावा प्रदेश सरकार देशी गाय को खरीदने के लिए, पुराने टैकों की मरम्मत करने, प्राकृतिक कीट नाशक बनाने के लिये ड्रम क्रय करने, गौशालाओं के निर्माण एवं कुलह की मरम्मत करने के लिए सरकार किसानों को अनुदान प्रदान कर रही है.

मंत्री ने ये भी जानकारी दी कि जल्द ही जिला मुख्यालय केलांग में मिट्टी परीक्षण लैब का निर्माण किया जाएगा. साथ ही उन्होंने बताया कि प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के तहत मटर व गोभी को भी शामिल किया गया है. 37 विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियों को कृषि उपज के तौर पर शामिल किया गया है, जिससे किसानों का काफी फायदा होगा.

ये भी पढ़े- पर्टयटन नगरी मनाली में दलाई लामा ने दिया विश्व शांति का संदेश

कृषि मंत्री ने तीन किसानों को राज्य कृषि यंत्रीकरण प्रोग्राम के तहत कृषि के लिए ट्रैक्टर की चाबी भी प्रदान की. इन ट्रैक्टरों पर राज्य सरकार द्वारा तीन लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है. मेले में कृषि विज्ञान केन्द्र कुमुमसेरी के वैज्ञानिक डॉ. लव भूषण, डॉ. सुरेन्द्र ठाकुर, डॉ. रमेश लाल ने किसानों को जानकारी दी.


वहीं, राष्ट्रीय ओषधीय पौध बोर्ड के वैज्ञानिक डॉ. मदन लाल व कृषि विभाग के एमएस डॉ. राजेन्द्र ठाकुर ने प्राकृतिक खेती व किसानों को प्राकृतिक कीटनाशक बनाने, मिट्टी परीक्षण एवं बीजों के उपचार के बारे में किसानों को विस्तार से जानकारी दी.


ये भी पढ़े- IGMC में किडनी ट्रांसप्लांट के डोनर्स और रिसीवर्स को आई होश, हालत में हो रहा तेजी से सुधार

कुल्लूः कबायली जिला लाहौल स्पिति के केलांग में एक दिवसीय जिला स्तरीय कृषि मेला आयोजित हुआ. मेले का आयोजन कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण लाहौल स्पिति द्वारा किया गया. किसान मेले में कृषि, आईटी एवं जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की.


इस दौरान अपने संबोधन में कृषि मंत्री ने बताया कि मौजुदा दौर में रासायनिक खाद से खेती करने के लिए अधिक खर्च करना पड़ रहा है. रासायनिक खाद से मिट्टी का स्वास्थय भी खराब हो रहा है और पैदावार भी कम हो रही है.

कृषि मंत्री ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर दिया. मारकंडा ने कहा कि प्राकृतिक खेती करने से पैदावार भी अधिक की जा सकती है और कृषि भूमि को अधिक नुकसान भी नहीं होगा. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये, किसानों को कृषि विश्वाविद्यालय पालमपुर में प्रशिक्षण भी दिया जाता है.

इसके अलावा प्रदेश सरकार देशी गाय को खरीदने के लिए, पुराने टैकों की मरम्मत करने, प्राकृतिक कीट नाशक बनाने के लिये ड्रम क्रय करने, गौशालाओं के निर्माण एवं कुलह की मरम्मत करने के लिए सरकार किसानों को अनुदान प्रदान कर रही है.

मंत्री ने ये भी जानकारी दी कि जल्द ही जिला मुख्यालय केलांग में मिट्टी परीक्षण लैब का निर्माण किया जाएगा. साथ ही उन्होंने बताया कि प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के तहत मटर व गोभी को भी शामिल किया गया है. 37 विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियों को कृषि उपज के तौर पर शामिल किया गया है, जिससे किसानों का काफी फायदा होगा.

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कृषि मंत्री ने तीन किसानों को राज्य कृषि यंत्रीकरण प्रोग्राम के तहत कृषि के लिए ट्रैक्टर की चाबी भी प्रदान की. इन ट्रैक्टरों पर राज्य सरकार द्वारा तीन लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है. मेले में कृषि विज्ञान केन्द्र कुमुमसेरी के वैज्ञानिक डॉ. लव भूषण, डॉ. सुरेन्द्र ठाकुर, डॉ. रमेश लाल ने किसानों को जानकारी दी.


वहीं, राष्ट्रीय ओषधीय पौध बोर्ड के वैज्ञानिक डॉ. मदन लाल व कृषि विभाग के एमएस डॉ. राजेन्द्र ठाकुर ने प्राकृतिक खेती व किसानों को प्राकृतिक कीटनाशक बनाने, मिट्टी परीक्षण एवं बीजों के उपचार के बारे में किसानों को विस्तार से जानकारी दी.


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Intro:कुल्लू

डा रामलाल मारकंडा ने की अध्यक्षता।Body:

कुल्लू,
कबायली जिला लाहौल स्पिति के केलंग में एक दिवसीय जिला स्तरीय कृषि मेले का आयोजन किया गया। इस मेले का आयोजन कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण लाहौल स्पिति ने किया गया। इस किसान मेले में कृषि, आईटी एवं जनजातीय विकास मंत्री डा रामलाल मारकंडा ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की।
अपने सम्बोधन में कृषि मंत्री ने बताया कि आज के दौर में अत्याधिक रायायनिक खाद के प्रयोग से किसानों को वांछित लाभ नही मिल पा रहा है। किसानों को खेती करने के लिये अधिक व्यय करना पड़ रहा है। रायायनिक खाद के प्रयोग से मिटटी का स्वास्थय भी खराव हो रहा है जिससे पैदावार भी कम हो रही है। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए आज प्राकृृतिक खेती की आवश्यकता महसूस की जा रही है। उन्होनें बताया कि प्राकृृतिक खेती का अपनाने से किसान अधिक पैदावार प्राप्त कर सकता है तथा कृृृषि भूमी को अधिक नुकसान भी नहीं होगा। उन्होनें इस अवसर पर लाहौल के किसानों को अवगत करवाया कि प्रदेश सरकार प्राकृृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये किसानों को कृृषि विश्वाविद्यालय पालमपुर में प्रशिक्षण भी दिया जाता है। देसी गाय को क्रय करने के लिये, पुराने टैकों की मुरम्मत करने, प्राकृृतिक कीट नाशक बनाने के लिये ड्रम क्रय करने, गौशालाओं के निर्माण एवं कुलहों की मुरम्मत करने के लिये सरकार किसानों को अनुदान प्रदान कर रही है। उन्होनें यह भी जानकारी किसानों को दी कि शीघ्र ही जिला मुख्यालय केलंग में मिटटी परीक्षण लैब का निर्माण किया जाएगा। उन्होनें किसानों को यह भी जानकारी दी कि प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के तहत मटर व गोभी को भी शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त उन्होनें यह भी बताया कि 37 विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियों को कृृषि उपज के तौर पर शामिल किया गया है जिससे किसानों का काफी फायदा होगा। कृृषि मंत्री ने तीन किसानों को राज्य कृषि यन्त्रीकरण प्रोग्राम के तहत कृषि हेतू ट्रैक्टर की चाबी भी प्रदान की। इन टैक्टरों पर राज्य सरकार द्वारा तीन लाख रूपये का अनुदान दिया जा रहा है।
जिला कृषि अधिकारी डा. हेम राज वर्मा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा जिला में चलाई जा रही विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। Conclusion:इस मेले के दौरान कृृषि विज्ञान केन्द्र कुमुमसेरी के वैज्ञानिक डा.लव भूषण, डा.सुरेन्द्र ठाकुर, डा.रमेश लाल, राष्ट्रीय ओषधीय पौध बोर्ड के वैज्ञानिक डा. मदन लाल व कृषि विभाग के एस.एम.एस. डा. राजेन्द्र ठाकुर ने प्राकृतिक खेती व किसानों को प्राकृृतिक कीटनाशक बनाने, मिटटी परीक्षण एवं बीजों के उपचार के बारे में किसानों को विस्तृृत जानकारी प्रदान की।
Last Updated : Aug 14, 2019, 11:52 AM IST
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