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स्कूलों में अध्यापकों के 1500 पद खाली, बेरोजगार कला अध्यापकों को नियुक्ति की आस - कला अध्यापकों के पद रिक्त

प्रदेश के स्कूलों में 1500 के करीब कला अध्यापकों के पद रिक्त चल रहे हैं. सरकार सरकारी स्कूलों में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने का दावा करती है लेकिन स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले विषयों के अध्यापक उपलब्ध नहीं होते हैं.

Vacant post of teachers
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Published : Oct 10, 2019, 2:39 PM IST

हमीरपुर: प्रदेश सरकार ने बेरोजगार कला अध्यापकों को आरटीई का हवाला देकर अंधेरे में रखा जा रहा है. शिक्षा विभाग ने कला अध्यापक की नियुक्ति पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है. जबकि कला विषय के महत्व को देखते हुए सीबीएसई ने इसे अनिवार्य विषय घोषित करने के आदेश जारी किए गए हैं.

जानकारी के अनुसार प्रदेश के स्कूलों में इस समय 1500 के करीब कला अध्यापकों के पद रिक्त चल रहे हैं. इनका कहना है कि प्रदेश सरकार से रिक्त पदों को भरने की मांग करने पर आरटीई और स्टैंडिंग पूल का हवाला दिया जाता है. हैरानी की बात यह है कि प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने का दावा करती है लेकिन स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले विषयों के अध्यापक उपलब्ध नहीं होते हैं तो ऐसे में गुणवत्ता की बात करना बेमानी है.

कला अध्यापकों ने कहा कि कला का विषय के साथ गहरा संबंध है और कला समाज का दर्पण है. बच्चा अपने भावों को कला के माध्यम से प्रकट कर सकता है. राजकीय सी एंड वी अध्यापक संघ की 29 अप्रैल को हुई बैठक के दौरान शिक्षा निदेशक मनमोहन शर्मा व उपनिदेशक हितेश आजाद नें स्कूलों में कला विषय को अनिवार्य करने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. प्रदेश के कला अध्यापकों नें सरकार से कला विषय को अनिवार्य करने व रिक्त पदों को शीघ्र भरने का आग्रह किया है.

हमीरपुर: प्रदेश सरकार ने बेरोजगार कला अध्यापकों को आरटीई का हवाला देकर अंधेरे में रखा जा रहा है. शिक्षा विभाग ने कला अध्यापक की नियुक्ति पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है. जबकि कला विषय के महत्व को देखते हुए सीबीएसई ने इसे अनिवार्य विषय घोषित करने के आदेश जारी किए गए हैं.

जानकारी के अनुसार प्रदेश के स्कूलों में इस समय 1500 के करीब कला अध्यापकों के पद रिक्त चल रहे हैं. इनका कहना है कि प्रदेश सरकार से रिक्त पदों को भरने की मांग करने पर आरटीई और स्टैंडिंग पूल का हवाला दिया जाता है. हैरानी की बात यह है कि प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने का दावा करती है लेकिन स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले विषयों के अध्यापक उपलब्ध नहीं होते हैं तो ऐसे में गुणवत्ता की बात करना बेमानी है.

कला अध्यापकों ने कहा कि कला का विषय के साथ गहरा संबंध है और कला समाज का दर्पण है. बच्चा अपने भावों को कला के माध्यम से प्रकट कर सकता है. राजकीय सी एंड वी अध्यापक संघ की 29 अप्रैल को हुई बैठक के दौरान शिक्षा निदेशक मनमोहन शर्मा व उपनिदेशक हितेश आजाद नें स्कूलों में कला विषय को अनिवार्य करने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. प्रदेश के कला अध्यापकों नें सरकार से कला विषय को अनिवार्य करने व रिक्त पदों को शीघ्र भरने का आग्रह किया है.

Intro:प्रदेश के स्कूलो में कला अध्यापको के 1500 पद खाली
गुणवत्तायुक्त शिक्षा के दावे खोखले
प्रदेश में कला अनिवार्य विषय नहीं जबकि सीबीएसई नें अनिवार्य करने के जारी किए निर्देश


प्रदेश सरकार द्वारा बेरोजगार कला अध्यापकों को आर टी ई का हवाला देकर अंधेरे में रखा जा रहा है| यह कहना है प्रदेश के उन हजारों बेरोजगार कला अध्यापकों का जो पिछले कई वर्षों से सरकारी स्कूलों में अपनी नियुक्तियों की आस लिए बैठे हैं|
जानकारी के अनुसार प्रदेश के स्कूलों में इस समय पन्द्रह सौ के करीब कला अध्यापकों के पद रिक्त चल रहे हैं। इनका कहना है कि प्रदेश सरकार से रिक्त पदों को भरने की मांग करने पर कभी आरटीई तो कभी स्टैंडिंग पूल का हवाला दिया जाता है। विडंबना यह है कि प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने का दावा करती है लेकिन जब स्कूल में पढ़ाए जाने वाले विषय के अध्यापक ही उपलब्ध नहीं होंगे तो गुणवत्ता की बात करना बेमानी है। ऐसे में अभिभावक भी सरकारी स्कूलों से मुंह मोड रहे हैं। कला अध्यापकों के मुताबिक कला का हर विषय के साथ गहरा संबंध है व कला समाज का दर्पण है ।अगर कोई बच्चा अपने भावों को प्रकट करना चाहता है तो वह कला के माध्यम से प्रकट कर सकता है।
29 अप्रैल को राजकीय सी एंड वी अध्यापक संघ की बैठक के दौरान शिक्षा निदेशक मनमोहन शर्मा व उपनिदेशक हितेश आजाद नें स्कूलों में कला विषय को अनिवार्य करने का आश्वासन दिया था लेकिन आज तक कोई भी फैसला नहीं लिया गया। जबकि कला विषय के महत्व को देखते हुए सीबीएसई द्वारा इसे अनिवार्य विषय घोषित करने के आदेश जारी किए गए हैं। प्रदेश के कला अध्यापकों नें सरकार से कला विषय को अनिवार्य करने व रिक्त पदों को शीघ्र भरने का आग्रह किया है।
Body:रवि ठाकुर बड़सरConclusion:
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