हमीरपुर: भाजपा में शामिल होने वाले कांग्रेसी नेताओं की लंबी लाइन लगी है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने हमीरपुर में सोमवार को आयोजित हुई भाजपा प्रदेश पदाधिकारियों से पूर्व मीडिया कर्मियों से रूबरू होते हुए यह बयान दिया है. अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस को अपने संगठन और पार्टी की चिंता करनी चाहिए और कांग्रेस के बड़े नेता देश में कम और विदेशों में ज्यादा नजर आते हैं. उन्होंने (Anurag Thakur on Congress) तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस लगातार एक बाद दूसरा राज्य हारती जा रही है और अभी हाल ही में पंजाब में कांग्रेस पार्टी को छोड़कर बीजेपी में ज्वाइन हुए हैं यह शुरूआत है और कांग्रेस के बड़े नेताओं की लंबी कतार लगी है भाजपा में आने के लिए.
प्रदेश कार्यसमिति की बैठक पर उन्होंने कहा कि भाजपा लगातार संगठन को मजबूत करने का काम करती है और कार्यकर्ताओं की पार्टी होने के नाते पार्टी के संगठन को बल दिया जाता है तो साथ ही संगठन व जनता से जुड़े हुए विषयों पर चर्चा की जाती है. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार में भाजपा की सरकारें हैं इसलिए केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ किस तरह से जनता को पहुंचाया जाए इसके लिए बैठक में रणनीति बनती है. शिमला में केंद्र सरकार के आठ साल के जश्न पर पीएम की रैली पर विपक्ष के सवालों पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी ने पिछले चार सालों में हिमाचल की सेवा करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है.
उन्होंने कहा कि हिमाचल को विशेष राज्य (Anurag Thakur in Hamirpur) का दर्जा देने का काम भाजपा की सरकार ने किया है और यह दर्जा कांग्रेस सरकारों ने छीना था. उन्होंने कहा कहा कि केजरीबाल का झूठ अब जनता के सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में डूबी हुई आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार है और आम के मंत्री सत्येन्द्र जैन भ्रष्टाचार में गिरफ्तार हुए हैं. उन्होंने कहा कि आखिरकार भ्रष्ट लोगों को आप की सरकार में मंत्री क्यों बनाया गया है. उन्होंने कहा कि पंजाब में सरकार बनने के दो माह के भीतर ही भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं तो एक मंत्री को निकालना पड़ा है. आगामी विस चुनावों में नए चेहरों को टिकट आवंटन के सवाल पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि कौन चुनाव जीत सकता है और कौन टिकट के लिए सशक्त है इसका निर्णय (Anurag Thakur on AAP) करने का काम पार्टी हाईकमान का है. उन्होंने कहा कि पार्टी के द्वारा जीतने वाले उम्मीदवारों का चयन शीर्ष नेतृत्व का होता है. उन्होंने कहा कि विधानसभा की स्थानीय परिस्थितियों को देखकर विचार विमर्श करके ही टिकट के लिए उम्मीदवार का नाम फाइनल होता है.