हमीरपुर: विज्ञान मेले में एक सरकारी स्कूल के बच्चें ने ऐसा प्रोजेक्ट बनाया है जिसकी लोक निमार्ण विभाग ने भी तारीफ की है. सरकारी स्कूल जंदड़ू के नौवी कक्षा के छात्र विशाल कुमार ने देश की सबसे बड़ी समस्या देश को प्लास्टिक मुक्त करने की दिशा में एक कदम उठाया है.
यह मॉडल एक शमशानघाट का है और जहां पर देह संस्कार किया जाता है, लेकिन शमशानघाट के मॉडल को इस तरह बनाया गया है कि उसमें अब प्लास्टिक को जलाया जा सकता है.
छात्र विशाल कुमार ने बताया कि इस मॉडल के अनुसार अगर हर गांव में इस मॉडल को ध्यान में रखकर शमशानघाट बनाए जाते है तो काफी हद तक प्लास्टिक से मुक्ति मिल सकती है. छात्र ने बताया कि शमशानघाट के ऊपरी सतह पर एक चेंबर बनाया गया है जिसमें गांवों में इकट्ठा होने वाले प्लास्टिक को स्टोर कर सकते हैं.
शमशानघाट में कोई अंतिम संस्कार किया जाएगा तो उससे जो हीट पैदा होगी उससे वह चेंबर गर्म हो जाएगा. इस चेंबर में डाला गया प्लास्टिक तरल रूप में पाइप द्वारा शमशान घाट के निचले चेंबर में इकट्ठा हो जाएगा. वह धीरे-धीरे ठोस आकार ले लेगा.
प्लास्टिक से सड़क भी बनाई जा सकेगी. हिमाचल में प्लास्टिक से तैयार सड़कों का जाल महज कुछ किलो मीटर तक ही सीमित है लेकिन इस मॉडल में बताई गई तकनीक से लोक निर्माण विभाग सड़कों में भी इसका इस्तेमाल कर सकता है.