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भारी बारिश के बीच भी चलता रहा टारिंग का काम, विभाग के कर्मचारी देखते रहे तमाशा

जिला मुख्यालय से दस किलोमीटर दूर बारिश के दौरान टारिंग का कार्य चलता रहा. लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने इसे राकने का प्रयास नहीं किया था.

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Published : Oct 10, 2019, 6:57 PM IST

बारिश के दौरान टारिंग का कार्य

हमीरपुर: जिला मुख्यालय से दस किलोमीटर दूर शिमला-मटौर नेशनल हाईवे पर दंगड़ी में बारिश के दौरान टारिंग का कार्य चलता रहा. विभाग के अधिकारियों ने काम को रोकने के बजाय तमाशा देखते रहे. उपायुक्त के आदेशों के बाद सड़क का कार्य रोका गया.

बता दें कि बुधवार दोपहर बाद हमीरपुर में भारी बारिश के कारण सड़कों पर कई जगह पानी जमा हो गया. सड़क पर पड़े गड्ढे भी पानी से लबालब भर गए, लेकिन इसकी परवाह न करते हुए एनएच पर बेपरवाह टारिंग का कार्य चलता रहा.

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने कार्य को रोकने की हिम्मत तक नहीं दिखाई. उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए. स्थानीय लोगों ने प्रदेश सरकार और प्रशासन से इस मामले की जांच करवाकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.

एनएच प्राधिकरण हमीरपुर के प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर योगेश राउत ने कहा कि प्लांट से बिटूमन मिश्रित माल लेकर गाड़ियां सड़क पर आ चुकी थीं जिन्हें वापस करना मुश्किल था. बारिश में टारिंग हुई लेकिन बारिश इतनी ज्यादा नहीं थी कि काम रोका जाए.

हमीरपुर: जिला मुख्यालय से दस किलोमीटर दूर शिमला-मटौर नेशनल हाईवे पर दंगड़ी में बारिश के दौरान टारिंग का कार्य चलता रहा. विभाग के अधिकारियों ने काम को रोकने के बजाय तमाशा देखते रहे. उपायुक्त के आदेशों के बाद सड़क का कार्य रोका गया.

बता दें कि बुधवार दोपहर बाद हमीरपुर में भारी बारिश के कारण सड़कों पर कई जगह पानी जमा हो गया. सड़क पर पड़े गड्ढे भी पानी से लबालब भर गए, लेकिन इसकी परवाह न करते हुए एनएच पर बेपरवाह टारिंग का कार्य चलता रहा.

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने कार्य को रोकने की हिम्मत तक नहीं दिखाई. उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए. स्थानीय लोगों ने प्रदेश सरकार और प्रशासन से इस मामले की जांच करवाकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.

एनएच प्राधिकरण हमीरपुर के प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर योगेश राउत ने कहा कि प्लांट से बिटूमन मिश्रित माल लेकर गाड़ियां सड़क पर आ चुकी थीं जिन्हें वापस करना मुश्किल था. बारिश में टारिंग हुई लेकिन बारिश इतनी ज्यादा नहीं थी कि काम रोका जाए.

Intro:जिला मुख्यालय के बाद 10 किलोमीटर दूर फिर से बारिश में सड़क टारिंग का कार्य, विभागीय प्रणाली पर सवाल
हमीरपुर.
जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर बारिश के दौरान टारिंग का कार्य चलता रहा। लेकिन विभाग के अधिकारी इस काम को रोकने के बजाय तमाशबीन बने रहे। यह मामला शिमला-मटौर नेशनल हाईवे पर दंगड़ी में पेश आया। बता दें कि बुधवार दोपहर के बाद हमीरपुर में भारी बारिश हुई। बारिश के कारण सड़कों पर कई जगह पानी जमा हो गया। सड़क पर पड़े गड्ढे भी पानी से लबालब भर गए। लेकिन इसकी परवाह किए बगैर एनएच पर बेपरवाह टारिंग का कार्य चलता रहा। जिला मुख्यालय हमीरपुर के बाहर बस स्टैंड के बाहर मुख्य मार्ग पर भी 28 सितंबर को इस तरह बारिश के बीच टारिंग का कार्य हो गया। लेकिन लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने कार्य को रोकने की हिम्मत तक नहीं दिखाई। बाद में उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा ने लोनिवि के अधिकारियों को आदेश दिए। बार-बार इस तरह की कोताही से लोनिवि और एनएच प्राधिकरण के अधिकारियों की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। लोगों सुनील शर्मा, विवेक पठानिया, राहुल वर्मा, विनोद ठाकुर, सुशील कुमार और अश्वनी शर्मा ने प्रदेश सरकार और प्रशासन से इस मामले की जांच करवाकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

बाइट
एनएच प्राधिकरण हमीरपुर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर योगेश राउत ने कहा कि प्लांट से बिटूमन मिश्रित माल लेकर गाड़ियां सड़क पर आ चुकी थीं। जिन्हें वापस करना मुश्किल था। हां बारिश में टारिंग हुई है। लेकिन वहां बारिश इतना ज्यादा नहीं थी कि काम बंद कर दिया जाए। अगर टारिंग उखड़ेगी तो दोबारा टारिंग कर दी जाएगी।
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