हमीरपुर: भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय की अग्निपथ भर्ती योजना के विरोध में वीर भूमि कहे जाने वाले हमीरपुर जिले में बड़ा प्रदर्शन देखने को मिला है. अग्निपथ भर्ती योजना के साथ ही 2 साल पहले आयोजित हुई आर्मी भर्ती के ग्राउंड टेस्ट की लिखित परीक्षा रद्द करने के विरोध में जिला मुख्यालय में भाजपा के झंडे और केंद्र और प्रदेश सरकार के पोस्टर भी जलाए गए हैं. सुबह 9:00 बजे के करीब गांधी चौक हमीरपुर पर युवा एकत्र होना शुरू हुए प्रदर्शनकारी युवा में अधिकतर वह युवा शामिल थे जो आर्मी भर्ती का ग्राउंड टेस्ट पास कर चुके थे. यह युवा पिछले 2 साल से आर्मी के लिखित परीक्षा के शेड्यूल का इंतजार कर रहे थे लेकिन अग्निपथ भर्ती योजना के लॉन्च होते ही पूर्व की सभी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है.
भर्ती रद्द होने से आक्रोशित युवाओं ने गांधी चौक का हमीरपुर (Protest against Agnipath scheme in Hamirpur) से बस स्टैंड तक विरोध रैली निकाली और यहां पर मुख्य सड़क पर आधे घंटे से अधिक समय तक चक्का जाम रखा. चक्का जाम के दौरान पुलिस बल मौके पर तैनात था जिस वजह से यातायात पूरी तरह से बाधित नहीं हुआ, लेकिन युवाओं के प्रदर्शन को शांत करवाने में पुलिस के भी यहां पर खूब पसीने छूटे. युवाओं ने यहां पर केंद्र और प्रदेश सरकार के पोस्टरों को फाड़ कर सड़क पर जलाया और भाजपा के झंडे भी यहां पर जलाए गए.
बस स्टैंड हमीरपुर पर लगे उन पोस्टर को जलाया गया है जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पोस्टर लगे थे. तमाम प्रयासों के बावजूद जब प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए तो पुलिस अधीक्षक हमीरपुर आकृति शर्मा मौके पर पहुंची और इसके बाद इस प्रदर्शन को लीड कर रहे कुछ युवाओं को हिरासत में भी लिया गया. इस हाई वोल्टेज प्रदर्शन में भीड़ को तितर-बितर करने के पुलिस की तरफ से तमाम प्रयास किए गए लेकिन लगभग 1 घंटे से अधिक के इस प्रदर्शन में युवाओं का आक्रोश देखने लायक था. भर्ती को रद्द किए जाने के साथ ही युवाओं में अग्निपथ भर्ती योजना को लेकर भी खासा आक्रोश था. युवाओं का स्पष्ट कहना है कि वह नौकरी के लिए नहीं देश की सेवा के लिए सेना में भर्ती होना चाहते हैं 4 साल का फॉर्मूला यहां पर नहीं चलेगा.
2 साल पहले आर्मी भर्ती परीक्षा का ग्राउंड टेस्ट पास करने वाले युवा गौरव का कहना है कि वह लिखित परीक्षा के शेड्यूल का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने लिखित परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग क्लासेज में अभी तक ₹400000 खर्च कर दिए हैं. हालात ऐसे हैं कि पहले केंद्र सरकार ने कृषि कानून से किसानों को अदानी और अंबानी का नौकर बनाना चाहा और अब जवानों को उनका नौकर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. 4 साल सेना में सेवा देने के बाद बाद में क्या जवान अदानी और अंबानी की कंपनी में सैल्यूट मारेंगे. सचिन चंदेल का कहना है कि सरकार का फैसला गलत है. वह लगातार आर्मी की भर्ती के लिए तैयारी कर रहे हैं पिछले 3 साल से सड़कों पर दौड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिन साथियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है उन्हें थोड़ा जाए और यह बताया जाए कि उन्हें के जुर्म में हिरासत में लिया गया है.