हमीरपुरः जिला में किसानों के भारत बंद के ऐलान का मिलाजुला असर देखने को मिला. अधिकतर बाजार खुले रहे और यातायात भी सुचारू रहा, लेकिन मजदूर संगठनों और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भारत बंद को पुरजोर समर्थन नहीं दिया. हालांकि व्यापारी भी किसानों के बंद के समर्थन में थे, लेकिन कोरोना काल के दौरान हुए नुकसान का तर्क देकर दुकानदारों ने अपनी दुकानों को खुला रखा.
दुकानदारों का किसान आंदोलन को समर्थन
वहीं, हमीरपुर निवासी अजय जम्वाल का कहना है कि दुकानदारों ने दुकानें तो खुली रखी है, लेकिन दुकानदारों का समर्थन भी किसान आंदोलन को है. कोरोना की वजह से दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ा है. जिस वजह से दुकानों को अधिकतर दुकानदारों ने खुला रखा. आम आदमी का इस किसान आंदोलन को पूरी तरह से समर्थन है.
बस परिचालकों ने दिया किसानों को पूरा समर्थन
इसके अलावा निजी बस के परिचालक सुभाष का कहना है कि किसानों के आंदोलन को उनका पूरा समर्थन है, लेकिन आज बसें चलाई गई है, ताकि लोगों को दिक्कत पेश न आए उन्होंने कहा कि बसे जिला में कम ही चलाई गई हैं. उनकी 10 में से 3 ही बसे चली है. वहीं, सब्जी विक्रेता हरिओम का कहना है कि किसानों के आंदोलन को उनका समर्थन है, लेकिन उन्होंने दुकान बंद नहीं की है.
किसानों को भड़काने की कर रहें कोशिश
व्यापार मंडल हमीरपुर के उप प्रधान अश्वनी जगोता का कहना है कि किसानों के आंदोलन को उनका समर्थन है, लेकिन कोरोना की वजह से हुए नुकसान के कारण वहां दुकानों को बंद करने का निर्णय नहीं ले सकते हैं, जिस वजह से बाजार को खुला रखा गया है.
उन्होंने कहा कि कुछ लोग किसानों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन किसान समझदार हैं और सरकार आगामी दिनों में किसानों के साथ वार्ता कर इस समस्या का समाधान करेगी.
हमीरपुर में भारत बंद को समर्थन नहीं
आपको बता दें कि हमीरपुर में मंगलवार को बाजारों में कम ही रौनक देखने को मिली, लेकिन अगर भारत बंद के ऐलान की बात की जाए तो व्यापक असर बंद का देखने को नहीं मिला. दुकानें भी खुली रही और यातायात सुविधा भी सुचारू रही. हालांकि किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शनों का दौर दिनभर जारी रहा.