हमीरपुर: यूक्रेन के खारकीव शहर में 14 सौ के लगभग भारतीय मेडिकल स्टूडेंट रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बावजूद ट्रेन में दाखिल नहीं हो पाए. यहां पर यूक्रेन के नागरिकों को ही पुलिस की तरफ से ट्रेन में बिठाने की प्राथमिकता दी गई और इस बीच सिक्योरिटी की तरफ से गोलियां भी रेलवे स्टेशन पर चलाई गईं.
जान बचाने के लिए भारतीय मेडिकल स्टूडेंट यहां से मेट्रो के बंकर की तरफ रवाना हुए जो कि ठीक सामने 100 मीटर की दूरी पर था. इसके कुछ 200 मीटर के दायरे में ही भारी बमबारी और रूस की तरफ से की गई है. यहां पर फंसे हमीरपुर जिले के एक मेडिकल स्टूडेंट अनन्य शर्मा के पिता ने यह खुलासा किया है.
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में अनन्य के पिता संजीव शर्मा ने कहा (Russia Attack Ukraine) कि लगभग 1400 मेडिकल स्टूडेंट के साथ उनका बेटा भी 10 से 12 किलोमीटर पैदल चलकर रेलवे स्टेशन पहुंचा. यहां पर उन्हें यूक्रेन के वेस्टर्न साइड के लिए ट्रेन लेनी थी, लेकिन यूक्रेन की पुलिस द्वारा उन्हें ट्रेन में एंट्री नहीं दी गई. यहां पर यूक्रेन के नागरिकों को भी प्राथमिकता दी जा रही है.
संजीव शर्मा ने कहा कि बेटे ने फोन पर उन्हें बताया कि उनकी यूनिवर्सिटी (Russia Ukraine War) और हॉस्टल के बंकर पर भी मिसाइल दागे गए हैं. हालात ऐसे हैं कि अब मेट्रो के हॉस्टल में सभी स्टूडेंट भूखे प्यासे बैठे हैं और उन्हें अब खाना मिलने की भी उम्मीद नहीं है. पिछले कल से ही सभी स्टूडेंट बिना खाने के ही पैदल चल रहे हैं.
वहीं, भारतीय दूतावास के अधिकारियों के तरफ से महज एडवाइजरी जारी (all indian nationals in kharkiv) की जा रही है और (russia ukraine dispute) धरातल पर उन्हें कोई भी मदद नहीं दी जा रही है. संजीव शर्मा का स्पष्ट कहना है कि सरकार को इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए.
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