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भाजपा के मेनिफेस्टो को लेकर हिमाचल कॉर्पोरेट सेक्टर के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने खोला मोर्चा, सरकार पर लगाए ये आरोप

हिमाचल प्रदेश कॉर्पोरेट सेक्टर रिटायरीज कोऑर्डिनेशन कमेटी के (HP Corporate Sector Retirees Coordination Committee) अध्यक्ष देवीलाल ठाकुर ने कहा कि 1999 से पहले रेगुलर हुए 6730 कर्मचारियों को पेंशन का प्रावधान किया जाना था. लेकिन सरकार इस मुद्दे को नजरअंदाज कर रही है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि 31 मार्च तक इस पेंशन योजना का लाभ बकाया बचे हुए अधिकारियों और कर्मचारियों को दिया जाए वरना विधानसभा का घेराव किया जाएगा.

HP Corporate Sector Retired Employees
कॉर्पोरेट सेक्टर रिटायरीज कोऑर्डिनेशन कमेटी
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Published : Feb 10, 2022, 6:53 PM IST

हमीरपुर: निगम और बोर्डों से सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने पेंशन बहाली को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इन कर्मचारियों का कहना है कि 1999 से पहले रेगुलर हुए 6730 कर्मचारियों को (HP Corporate Sector Retirees Coordination Committee) पेंशन का प्रावधान किया जाना था. दो बार सरकारों ने इस मुद्दे को अपने मेनिफेस्टो में भी शामिल किया, लेकिन पेंशन बहाल नहीं की गई. आज भी 1999 से पहले रेगुलर हो चुके यह सेवानिवृत्त कर्मचारी पेंशन की मांग कर रहे हैं.

विभिन्न मंचों पर भी पेंशन न दिए जाने की मांग सार्वजनिक तौर पर रखी जा चुकी है. हर बार मात्र आश्वासनों में ही बात को नजरअंदाज कर दिया जाता है. गुरुवार को होटल हमीर में आयोजित पत्रकार वार्ता में हिमाचल प्रदेश कॉर्पोरेट सेक्टर रिटायरीज कोऑर्डिनेशन कमेटी सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने अपनी बात रखी. इसमें विभिन्न निगमों और बोर्डों के लगभग 30 सदस्यों ने भाग लिया. बैठक में इस बारे में चर्चा की गई कि भारतीय जनता पार्टी सरकार के द्वारा अक्तूबर 1999 में जो पेंशन योजनाअधिसूचना जारी की थी उसको अभी तक लागू नहीं किया है.

यह योजना केवल उन अधिकारियों-कर्मचारियों पर (HP Corporate Sector Retired Employees) लागू होनी है जो 1999 तक रेगुलर थे व जिन्होंने अपने निगमों और बोर्डों के अध्यक्षों को अपने-अपने लेटर सौंपे थे. उन्होंने इसे हिमाचल प्रदेश सरकार के वित्त विभाग को भेज दिए थे. इस बारे घोषणा पत्र में यह भी अंकित है कि एक कमेटी गठित करके इसे लागू कर दिया जाएगा. कमेटी की मांग यह है कि 31 मार्च तक इस पेंशन योजना का लाभ बकाया बचे हुए अधिकारियों और कर्मचारियों को दिया जाए. यदि इस पेंशन योजना को व इस बारे कमेटी गठित किए जाने की प्रक्रिया को वर्तमान सरकार पूरा नहीं करती है तो कर्मचारी और अधिकारी विधानसभा का घेराव करेंगें और इसकी पूरी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी.

हिमाचल प्रदेश कॉर्पोरेट सेक्टर रिटायरीज कोऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष देवीलाल ठाकुर ने कहा कि 2007 में भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष एवं वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस पेंशन योजना को लागू करने के लिए कर्मचारियों को आश्वासन दिया था. मई, 2003 में भाजपा सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धुमल ने कारपोर्स फण्ड के लिए 3 करोड़ रुपये जारी किए थे. उसी से ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन मिलनी शुरु हो गई थी.

इस अधिसूचना से विभिन्न निगमों और बोर्डों के कर्मचारियों को पेंशन योजना का लाभ मिलना शुरू हो गया था. जिनकी संख्या लगभग 1400 से 1700 के बीच में है. अब लगभग 6,730 कर्मचारी और अधिकारी इस योजना से वंचित है. वर्तमान भाजपा सरकार ने 2017 के घोषणा पत्र में भी इस योजना को लागू करने व एक कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया था. लेकिन वर्तमान सरकार द्वारा न तो पेंशन दी है और न ही अब तक कमेटी का गठन किया गया है.

ये भी पढ़ें: KULLU: मनाली में बना देश का पहला फास्टैग ग्रीन टैक्स बैरियर, डीसी कुल्लू ने किया शुभारंभ

हमीरपुर: निगम और बोर्डों से सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने पेंशन बहाली को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इन कर्मचारियों का कहना है कि 1999 से पहले रेगुलर हुए 6730 कर्मचारियों को (HP Corporate Sector Retirees Coordination Committee) पेंशन का प्रावधान किया जाना था. दो बार सरकारों ने इस मुद्दे को अपने मेनिफेस्टो में भी शामिल किया, लेकिन पेंशन बहाल नहीं की गई. आज भी 1999 से पहले रेगुलर हो चुके यह सेवानिवृत्त कर्मचारी पेंशन की मांग कर रहे हैं.

विभिन्न मंचों पर भी पेंशन न दिए जाने की मांग सार्वजनिक तौर पर रखी जा चुकी है. हर बार मात्र आश्वासनों में ही बात को नजरअंदाज कर दिया जाता है. गुरुवार को होटल हमीर में आयोजित पत्रकार वार्ता में हिमाचल प्रदेश कॉर्पोरेट सेक्टर रिटायरीज कोऑर्डिनेशन कमेटी सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने अपनी बात रखी. इसमें विभिन्न निगमों और बोर्डों के लगभग 30 सदस्यों ने भाग लिया. बैठक में इस बारे में चर्चा की गई कि भारतीय जनता पार्टी सरकार के द्वारा अक्तूबर 1999 में जो पेंशन योजनाअधिसूचना जारी की थी उसको अभी तक लागू नहीं किया है.

यह योजना केवल उन अधिकारियों-कर्मचारियों पर (HP Corporate Sector Retired Employees) लागू होनी है जो 1999 तक रेगुलर थे व जिन्होंने अपने निगमों और बोर्डों के अध्यक्षों को अपने-अपने लेटर सौंपे थे. उन्होंने इसे हिमाचल प्रदेश सरकार के वित्त विभाग को भेज दिए थे. इस बारे घोषणा पत्र में यह भी अंकित है कि एक कमेटी गठित करके इसे लागू कर दिया जाएगा. कमेटी की मांग यह है कि 31 मार्च तक इस पेंशन योजना का लाभ बकाया बचे हुए अधिकारियों और कर्मचारियों को दिया जाए. यदि इस पेंशन योजना को व इस बारे कमेटी गठित किए जाने की प्रक्रिया को वर्तमान सरकार पूरा नहीं करती है तो कर्मचारी और अधिकारी विधानसभा का घेराव करेंगें और इसकी पूरी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी.

हिमाचल प्रदेश कॉर्पोरेट सेक्टर रिटायरीज कोऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष देवीलाल ठाकुर ने कहा कि 2007 में भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष एवं वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस पेंशन योजना को लागू करने के लिए कर्मचारियों को आश्वासन दिया था. मई, 2003 में भाजपा सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धुमल ने कारपोर्स फण्ड के लिए 3 करोड़ रुपये जारी किए थे. उसी से ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन मिलनी शुरु हो गई थी.

इस अधिसूचना से विभिन्न निगमों और बोर्डों के कर्मचारियों को पेंशन योजना का लाभ मिलना शुरू हो गया था. जिनकी संख्या लगभग 1400 से 1700 के बीच में है. अब लगभग 6,730 कर्मचारी और अधिकारी इस योजना से वंचित है. वर्तमान भाजपा सरकार ने 2017 के घोषणा पत्र में भी इस योजना को लागू करने व एक कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया था. लेकिन वर्तमान सरकार द्वारा न तो पेंशन दी है और न ही अब तक कमेटी का गठन किया गया है.

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