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हिमाचल प्रदेश में 55 हजार किसानों ने अपनाई प्राकृतिक खेती: परमार

विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश की 2934 पंचायतों के लगभग 55 हजार किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है. इस दौरान 29 विभिन्न लाभार्थियों को परमार ने 11 लाख 40 हजार की सहायता राशि के चेक वितरित किये.

Vipin Singh Parmar distributed the amount checks under Scheme in dharamshala
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Published : Aug 30, 2020, 6:35 PM IST

धर्मशाला: राष्ट्रीय कृषि सतत मिशन योजना के तहत 29 विभिन्न लाभार्थियों को विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने 11 लाख 40 हजार की सहायता राशि के चेक वितरित किये.

सुलह विधानसभा क्षेत्र के अक्षैणा में विकास खण्ड सुलाह और भवारना के लाभार्थियों को देसी गाय, वर्मी कम्पोस्ट के पिट वाटर पंप, पावर वीडर, ट्रैक्टर और गौशाला को पक्का इत्यादि करने के लिये सहायता उपलब्ध करवाई गई.

विधानसभा अध्यक्ष ने सभी लाभार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और लगभग 70 प्रतिशत आबादी की आर्थिकी कृषि पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों को समृद्ध और स्वावलंबी बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. पारमार ने कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए दर्जनों योजनाएं चला रही है. जिनका सीधा लाभ किसानों को पहुंच रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान समृद्धि योजना में किसानों को प्रतिवर्ष 6 हजार रुपये की सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है. उन्होंने कहा कि किसानों की लागत को कम करने और आय को दोगुणा करने के लिए प्रदेश में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना में किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

55 हजार किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया

उन्होंने कहा कि प्रदेश की 2934 पंचायतों के लगभग 55 हजार किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है. उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा की 734 पंचायतों 13 हजार 852 किसान 185 हैक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती कर रहें हैं और जिला के लगभग 16 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षित किया गया है. उन्होंने कहा कि सुलाह हलके में भी 22 हैक्टेयर क्षेत्र में 1293 किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है.

परमार ने कहा कि लोगों को प्राकृतिक खेती की प्रेरित करने के लिए देसी गाय एवं अन्य उपकरण लेने के लिए अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सुलाह हलके को लावारिस पशु रहित बनाने के लिये नागिनी में गौसदन बनाया गया है और आने वाले समय में यहां काऊ सेंचुरी स्थापित की जाएगी.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी में प्रभावित लोगों को घर के नजदीक रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए समग्र मनरेगा और एक बीघा योजना शुरू की गई है. इसके अलावा परमार ने महिला मोर्चा की बैठक में भी शिरकत की. इस अवसर पर सुलाह मंडल अध्यक्ष देश राज शर्मा सहित अन्य लाभार्थी उपस्थित रहे.

धर्मशाला: राष्ट्रीय कृषि सतत मिशन योजना के तहत 29 विभिन्न लाभार्थियों को विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने 11 लाख 40 हजार की सहायता राशि के चेक वितरित किये.

सुलह विधानसभा क्षेत्र के अक्षैणा में विकास खण्ड सुलाह और भवारना के लाभार्थियों को देसी गाय, वर्मी कम्पोस्ट के पिट वाटर पंप, पावर वीडर, ट्रैक्टर और गौशाला को पक्का इत्यादि करने के लिये सहायता उपलब्ध करवाई गई.

विधानसभा अध्यक्ष ने सभी लाभार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और लगभग 70 प्रतिशत आबादी की आर्थिकी कृषि पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों को समृद्ध और स्वावलंबी बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. पारमार ने कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए दर्जनों योजनाएं चला रही है. जिनका सीधा लाभ किसानों को पहुंच रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान समृद्धि योजना में किसानों को प्रतिवर्ष 6 हजार रुपये की सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है. उन्होंने कहा कि किसानों की लागत को कम करने और आय को दोगुणा करने के लिए प्रदेश में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना में किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

55 हजार किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया

उन्होंने कहा कि प्रदेश की 2934 पंचायतों के लगभग 55 हजार किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है. उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा की 734 पंचायतों 13 हजार 852 किसान 185 हैक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती कर रहें हैं और जिला के लगभग 16 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षित किया गया है. उन्होंने कहा कि सुलाह हलके में भी 22 हैक्टेयर क्षेत्र में 1293 किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है.

परमार ने कहा कि लोगों को प्राकृतिक खेती की प्रेरित करने के लिए देसी गाय एवं अन्य उपकरण लेने के लिए अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सुलाह हलके को लावारिस पशु रहित बनाने के लिये नागिनी में गौसदन बनाया गया है और आने वाले समय में यहां काऊ सेंचुरी स्थापित की जाएगी.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी में प्रभावित लोगों को घर के नजदीक रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए समग्र मनरेगा और एक बीघा योजना शुरू की गई है. इसके अलावा परमार ने महिला मोर्चा की बैठक में भी शिरकत की. इस अवसर पर सुलाह मंडल अध्यक्ष देश राज शर्मा सहित अन्य लाभार्थी उपस्थित रहे.

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