धर्मशाला: लोकतंत्र में एक-एक वोट का महत्व है. चुनाव आयोग के नियम भी कहते हैं कि एक भी मतदाता वोट देने के अधिकार से वंचित नहीं रहना चाहिए. लोकतंत्र की इस मूल भावना के अनुरूप हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की सबसे दुर्गम पंचायत बड़ा भंगाल में वर्तमान में रह रहे 17 लोगों को पंचायत चुनावों में मतदान की सुविधा देने के लिए जिला प्रशासन एडवांस में पोलिंग पार्टी रवाना करेगा.
डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने इसकी पुष्टि की है. करीब 7700 फीट की ऊंचाई पर पीर पंजाल और धौलाधार पर्वतमाला के बीच बसे बैजनाथ उपमंडल के गांव बड़ा भंगाल के अधिकतर लोग सर्दियों के मौसम में अमूमन नवम्बर से मई महीने तक 80 किलोमीटर दूर गांव बीड़ में बनाए अपने आशियानों में रहने आ जाते हैं.
पंचायत कार्यालय है बीड़ में
इस दौरान अति बुजुर्ग लोग और उनकी देखभाल के लिए चंद परिजन ही गांव में रह जाते हैं. सर्दियों में पंचायत का कार्यालय भी बीड़ से ही चलता है. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 627 की कुल आबादी वाली बड़ा भंगाल पंचायत में कुल 439 मतदाता हैं. इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 227 और 212 महिला मतदाता शामिल हैं.
पंचायत में कुल 5 वार्ड
पंचायत में कुल पांच वार्ड हैं और इस बार प्रधान का पद अनारक्षित है. प्रशासन ने बड़ा भंगाल पंचायत के चुनाव के लिए बीड़ में अलग मतदान केंद्र स्थापित किया है. वर्तमान में बीड़ में निवास कर रहे लोग तो वहां स्थापित पोलिंग बूथ में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे, लेकिन बड़ा भंगाल में रुके 17 लोग चाहकर भी वोट देने के लिए 80 किलोमीटर का पैदल सफर कर बीड़ नहीं पहुंच सकते हैं.
बर्फबारी के कारण संपर्कमार्ग बंद
भारी बर्फबारी के बाद 4,654 मीटर ऊंचा थमसर पास बंद हो चुका है या फिर उन्हें 300 किलोमीटर का लंबा सफर तय कर चम्बा के रास्ते से पहुंचना होगा और यह मार्ग भी बर्फबारी से कई जगह बाधित है. इसके चलते जिला प्रशासन बड़ा भंगाल में ही एक दर्जन से अधिक लोगों को मतदान की सुविधा देने के लिए अग्रिम पोलिंग पार्टी रवाना करेगा.
पहली बार साल 2007 में बना पोलिगं बूथ
गौरतलब है कि जिला कांगड़ा की अति दुर्गम बड़ा भंगाल पंचायत में पहली बार साल 2007 के विधानसभा चुनाव में पोलिंग बूथ स्थपित किया गया था। चुनाव के लिए हेलीकॉप्टर से पोलिंग पार्टी रवाना की गई थी. 2009 में गांव के लोगों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया था. 2012 और 2017 के विधानसभा चुनावों और 2014 के लोकसभा चुनावों में भी गांव में पोलिंग बूथ स्थपित कर लोगों को लोकतंत्र के महापर्व में आहुति देने का अवसर प्रदान किया गया.
2019 के लोकसभा चुनाव में खराब मौसम के चलते हेलीकॉप्टर की उड़ान न होने पर 18 सदस्यों वाली पोलिंग पार्टी 3 दिन का पैदल सफर तय कर बड़ा भंगाल पहुंची थी. उस समय पंचायत में शत-प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ था.
डीसी कांगड़ा और जिला निर्वाचन अधिकारी राकेश कुमार प्रजापति ने कहा कि पंचायत चुनावों को लेकर प्रशासन द्वारा एक पोलिंग बूथ बड़ा भंगाल में स्थापित किया जाएगा, जबकि एक पोलिंग बूथ बीड़ बिलिंग में स्थापित किया जाएगा. ताकि सभी लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में राज्य चुनाव आयोग को लिखा गया है कि जिला प्रशासन को एक चौपर उपलब्ध करवाया जाए. ताकि पोलिंग पार्टियों को चुनावों से पूर्व बड़ा भंगाल रवाना किया जा सके.
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