कांगड़ा: कोरोना महामारी के समय हर कोई व्यक्ति प्रभावित हुआ है. चाहे वह बिजनेसमैन हो या फिर बस चालक या टैक्सी चालक. कोरोना काल में हर किसी की आर्थिकी प्रभावित हुई है जो अभी तक मजबूत नहीं हो सकी है. जिले के टैक्सी चालकों का कहना है कि कोविड काल में उनका व्यवसाय पूरी तरह खत्म (Taxi business affected by Corona) हो गया था जो अभी तक पटरी पर लौट नहीं आया है.
टैक्सी चालकों ने (Himachal taxi drivers demand) सरकार से मांग की है कि उन्हें सरकार द्वारा कोई राहत प्रदान की जाए. सरकार को चाहिए कि टैक्सी चालकों का टैक्स माफ किया जाए क्योंकि कोरोना की मार झेल रहे टैक्सी चालक टैक्स की किश्त देने में समर्थ नहीं हैं. वहीं टैक्सी चालकों का कहना है कि पिछली सरकारों ने परमिट को 15 साल तक किया था लेकिन भाजपा की सरकार ने इसे घटाकर 8 साल कर दिया है इसको भी निरंतर बढ़ाकर 15 साल किया जाए. इसके अलावा जो प्राइवेट गाड़ियां सवारियां ढो रहीं हैं उन पर पुलिस का कोई शिकंजा नहीं है.
टैक्सी चालकों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने समय रहते उन्हें कोई राहत नहीं दी और (Problems of taxi drivers in Himachal) उनकी मांगों को अनसुना किया तो वह शीतकालीन सत्र विधानसभा (Winter Session Himachal Vidhan Sabha) का घेराव करेंगे. वहीं, गुस्साए टैक्सी चालकों ने यहां तक कह दिया है कि अगर सरकार मांगें नहीं मानती है तो वह इसका जवाब आगामी विधानसभा चुनावों (Himachal Assembly Election 2022) के दौरान देंगे और भाजपा सरकार के खिलाफ वोट करेंगे.
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