चंडीगढ़/कांगड़ा: जम्मू-कश्मीर हंदवाड़ा के चंगीमुल्ला इलाके में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए मेजर अनुज सूद पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ चंडीगढ़ के मनीमाजरा में किया गया.
शहीद मेजर की अंतिम यात्रा में सेना के कई अधिकारी शामिल, हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता और उनके परिवार के लोग शामिल हुए. हालांकि, कोरोना के चलते ज्यादा लोगों को अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति नहीं मिली.
मेजर शहीद अनुज सूद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि मेजर अनुज सूद ने देश की लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है. ऐसे शूरवीर को वो नमन करते हैं.
उन्होंने कहा कि मेजर अनुज सूद ने अपनी जान की परवाह किए बिना ही आतंकियों से लोहा लिया और वीरगति को प्राप्त हुए. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मेजर अनुज सूद की पत्नी ने भी सेना में जाने की इच्छा जाहिर की है.
जानिए कौन हैं शहीद मेजर अनुज सूद
शहीद मेजर अनुज सूद मूल रूप से हिमाचल के रहने वाले थे. उनका पैतृक गांव कांगड़ा जिला के देहरा में है, लेकिन उनका परिवार अब चंडीगढ़ शिफ्ट हो गया है. मेजर सूद का परिवार चंडीगढ़ के पंचकूला में रहता है.
मेजर अनुज सूद ब्रिगेड ऑफ गार्ड्स के अधिकारी थे. उनकी शादी दो साल पहले ही हुई थी. सेना के इस जांबाज अधिकारी का नाता भारतीय सेना से पुराना रहा है. उनके पिता चंद्रकांत सूद सेना में ब्रिगेडियर रह चुके हैं.
मेजर अनुज सूद ने अपनी पढ़ाई पंजाब पब्लिक स्कूल, नाभा से पूरी की. वो बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज थे. होनहार अनुज सूद का चयन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) में हो गया था, लेकिन उन्होंने आईआईटी की जगह एनडीए को चुना.
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