धर्मशालाः डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सभी नागरिकों को घरों में ही रहने की सलाह दी गई है. डीसी ने कहा कि अगर जरूरी हो तभी घरों से बाहर निकलें और सामाजिक दूरी का पालन करें. घर में बुजुर्गों विशेषकर बीमारों का ध्यान रखें.
राकेश प्रजापति ने कहा कि अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय के निर्देश मानें. संक्रमण रोकने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप डाउनलोड करें. इसके साथ ही कोरोना योद्वाओं, डॉक्टरों, पुलिस कर्मियों, सफाई कर्मचारियों सभी का सम्मान करें. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए अभी तक कोई दवाई नहीं बनी है और लोगों को स्वयं ही अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी.
होम क्वारंटीन का उल्लंघन किया तो परिवार के सदस्यों पर भी होगी कार्रवाई
डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बाहरी राज्य में फंसे लोगों को सरकार के दिशा-निर्देश पर कांगड़ा जिला में वापस आने की अनुमति दी गई है, लेकिन इन लोगों को 28 दिनों तक अपने घरों में रहने और सामाजिक दूरी की पूरी अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
इन निर्देशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने का प्रावधान भी किया गया है. उपायुक्त राकेश प्रजापति ने कहा कि बाहरी राज्यों से आए नागरिकों के कोविड-19 के लिए रेंडम सैंपल भी लिए जाएंगे. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को दिशा-निर्देश दिए गए हैं.
दवाइयों की होम डिलीवरी हो रही सुनिश्चित
जिला कांगड़ा में वरिष्ठ नागरिकों और रोगियों को जरूरी दवाइयों की होम डिलीवरी की व्यवस्था भी की गई है. इस बाबत विभिन्न दवाइयों के दुकानों के मालिकों के नंबर भी सार्वजनिक किए गए हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन और जिला हेल्पलाइन के माध्यम से भी रोगियों को जरूरी दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है ताकि वरिष्ठ नागरिकों और रोगियों को समय पर दवाइयां उपलब्ध हो सकें और घर से भी बाहर नहीं निकलना पड़े.
आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कर्फ्यू पास नहीं जरूरी
उपायुक्त ने कहा कि आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए किसी भी कर्फ्यू पास की आवश्यकता नहीं है. जो दवाएं जिला में उपलब्ध नहीं थी, उन्हें पठानकोट और चंडीगढ़ से मंगवाया गया है. हिमाचल के बाहर सरकार द्वारा वित्त पोषित योजनाओं के माध्यम से दवाएं लेने वाले मरीजों को जरूरी दवाएं उपलब्ध करवाईं गईं है.
ये भी पढ़ें- ओलावृष्टि से सेब की फसल को नुकसान, ननखड़ी के बागवानों को सताने लगी चिंता