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आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने सरकारी कर्मचारी घोषित करने की उठाई मांग, सीएम को भेजा मांगपत्र - धर्मशाला आंगनबाड़ी कर्मचारी

आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने सरकारी कर्मी घोषित किए जाने की मांग फिर से आंगनबाड़ी कर्मियों ने बुलंद कर दी है. जिसके चलते हिमाचल प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की जिला इकाई की प्रधान अजय कुमारी के नेतृत्व में उपायुक्त कांगड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री सहित केंद्र सरकार को मांगपत्र भेजा है.

Anganwadi employees raised demand to declare government employees,
आंगनबाड़ी कर्मचारी
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Published : Feb 16, 2021, 12:24 PM IST

धर्मशाला : आंगनबाड़ी में कार्यरत कर्मचारियों को सरकारी कर्मी घोषित किए जाने की मांग फिर से आंगनबाड़ी कर्मियों ने बुलंद कर दी है. जिसके चलते कार्यरत कर्मियों ने हिमाचल प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की जिला इकाई की प्रधान अजय कुमारी के नेतृत्व में उपायुक्त कांगड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री सहित केंद्र सरकार को मांगपत्र भेजा है.

जिला प्रधान अजय कुमारी सहित प्रतिनिधिमंडल में शामिल अन्य कर्मियों ने बताया कि उन्होंने पांच प्रमुख मांगों को लेकर मांगपत्र भेजा है. जिसमें आंगनबाड़ी में कार्यरत सभी कर्मियों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए. उन्हें सामाजिक सुरक्षा देकर उन्हें उचित श्रेणी में जल्द शामिल किया जाए.

वीडियो रिपोर्ट.

हिमाचल प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ इकाई जिला कांगड़ा की अध्यक्षा अजय कुमारी ने कहा कि आंगनबाड़ी में कार्यरत कर्मचारी सरकार की विभिन्न योजनओं को सरकारी कर्मचारी की तरह क्रियान्वित करती हैं.

सरकार की बहुत सारी महत्वकांक्षी योजनाएं जैसे टीकाकरण, पल्स पोलियो की ड्रॉप पिलाना, वोटर लिस्ट का सर्वे करना, जन्म मृत्यु का पंजीकरण करना, जनगणना करना मतदाता सूची में छुटे हुए लोगों का या नए मतदाता के नाम को सूची में शामिल करवाना, सरकार की ओर भी अन्य काम जो समय- समय पर आंगनबाड़ी कर्मचारियों को दिए जाते हैं.

इसके अलावा अपने विभाग का कार्य नियमित अपने केंद्र को संचालित करना, बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के साथ-साथ पोषाहार देना गर्भवती और धात्री महिलओं एवं किशोरी बालिकाओं को पोषाहार एवं आयरन की दवा वितरित करने जैसे अनेक कामों को हम आंगनबाड़ी की बहने करती आ रहीं हैं.

गैर सरकारी कर्मचारियों को काम का बोझ नहीं

जबकि किसी भी सरकारी, अर्धसरकारी और गैर सरकारी कर्मचारियों को इतने काम का बोझ नहीं दिया जाता है. उनका कहना है कि सरकार की ओर से महिलाओं के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं लायी जा रही हैं, लेकिन हम आंगनबाड़ी में कार्यकर्ताओं को इन योजनाओं से दरकिनार कर उपेक्षित किया जा रहा है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगें

1. आंगनबाड़ी में कार्यरत सभी कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए एवं सामाजिक सुरक्षा देकर उन्हें उचित श्रेणी मे यथाशीघ्र शामिल किया जाए.

2. आंगनबाड़ी में कार्यरत कर्मचारियों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन सेविका को 18000/ सहायिका को 9000/ रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जाए.

3. राष्ट्रीय शिक्षा निति-2020 के अंतर्गत देश के सभी आंगनबाड़ी कन्द्रों को प्राथमिक विद्यालय की मान्यता देते हुए इनमें कार्यरत कार्यकर्ता एवं मिनी कार्यकर्ता को पूर्व प्राथमिक शिक्षिका (प्री प्राइमरी टीचर) और सहायिका को पूर्व प्राथमिक सह शिशिका (प्री प्राइमरी असिस्टेंट टीचर ) का सम्मानजनक पदनाम दिया जाए.

4. आंगनबाड़ी में कार्यरत सभी कर्मचारियों के लिए भी भविष्य निधि, पेंशन, ग्रेच्युटी और चिकित्सा सुविधा यथाशीघ्र लागू किया जाए.

5. आंगनबाड़ी कर्मचारियों को भी सरकारी कर्मचारी की तरह अर्जित अवकाश (EL) , आकस्मिक अवकाश (CL), चकित्सक अवकाश ( Medical Leave) और विभिन त्यौहारों पर मिलने वाली छुट्टियां देने की यथाशीघ्र व्यस्था की जाए.

ये भी पढ़ें: हिमाचल को सुप्रीम राहत: FCA के पेंच में फंसे अरबों के 605 प्रोजेक्ट्स को SC से हरी झंडी

धर्मशाला : आंगनबाड़ी में कार्यरत कर्मचारियों को सरकारी कर्मी घोषित किए जाने की मांग फिर से आंगनबाड़ी कर्मियों ने बुलंद कर दी है. जिसके चलते कार्यरत कर्मियों ने हिमाचल प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की जिला इकाई की प्रधान अजय कुमारी के नेतृत्व में उपायुक्त कांगड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री सहित केंद्र सरकार को मांगपत्र भेजा है.

जिला प्रधान अजय कुमारी सहित प्रतिनिधिमंडल में शामिल अन्य कर्मियों ने बताया कि उन्होंने पांच प्रमुख मांगों को लेकर मांगपत्र भेजा है. जिसमें आंगनबाड़ी में कार्यरत सभी कर्मियों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए. उन्हें सामाजिक सुरक्षा देकर उन्हें उचित श्रेणी में जल्द शामिल किया जाए.

वीडियो रिपोर्ट.

हिमाचल प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ इकाई जिला कांगड़ा की अध्यक्षा अजय कुमारी ने कहा कि आंगनबाड़ी में कार्यरत कर्मचारी सरकार की विभिन्न योजनओं को सरकारी कर्मचारी की तरह क्रियान्वित करती हैं.

सरकार की बहुत सारी महत्वकांक्षी योजनाएं जैसे टीकाकरण, पल्स पोलियो की ड्रॉप पिलाना, वोटर लिस्ट का सर्वे करना, जन्म मृत्यु का पंजीकरण करना, जनगणना करना मतदाता सूची में छुटे हुए लोगों का या नए मतदाता के नाम को सूची में शामिल करवाना, सरकार की ओर भी अन्य काम जो समय- समय पर आंगनबाड़ी कर्मचारियों को दिए जाते हैं.

इसके अलावा अपने विभाग का कार्य नियमित अपने केंद्र को संचालित करना, बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के साथ-साथ पोषाहार देना गर्भवती और धात्री महिलओं एवं किशोरी बालिकाओं को पोषाहार एवं आयरन की दवा वितरित करने जैसे अनेक कामों को हम आंगनबाड़ी की बहने करती आ रहीं हैं.

गैर सरकारी कर्मचारियों को काम का बोझ नहीं

जबकि किसी भी सरकारी, अर्धसरकारी और गैर सरकारी कर्मचारियों को इतने काम का बोझ नहीं दिया जाता है. उनका कहना है कि सरकार की ओर से महिलाओं के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं लायी जा रही हैं, लेकिन हम आंगनबाड़ी में कार्यकर्ताओं को इन योजनाओं से दरकिनार कर उपेक्षित किया जा रहा है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगें

1. आंगनबाड़ी में कार्यरत सभी कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए एवं सामाजिक सुरक्षा देकर उन्हें उचित श्रेणी मे यथाशीघ्र शामिल किया जाए.

2. आंगनबाड़ी में कार्यरत कर्मचारियों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन सेविका को 18000/ सहायिका को 9000/ रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जाए.

3. राष्ट्रीय शिक्षा निति-2020 के अंतर्गत देश के सभी आंगनबाड़ी कन्द्रों को प्राथमिक विद्यालय की मान्यता देते हुए इनमें कार्यरत कार्यकर्ता एवं मिनी कार्यकर्ता को पूर्व प्राथमिक शिक्षिका (प्री प्राइमरी टीचर) और सहायिका को पूर्व प्राथमिक सह शिशिका (प्री प्राइमरी असिस्टेंट टीचर ) का सम्मानजनक पदनाम दिया जाए.

4. आंगनबाड़ी में कार्यरत सभी कर्मचारियों के लिए भी भविष्य निधि, पेंशन, ग्रेच्युटी और चिकित्सा सुविधा यथाशीघ्र लागू किया जाए.

5. आंगनबाड़ी कर्मचारियों को भी सरकारी कर्मचारी की तरह अर्जित अवकाश (EL) , आकस्मिक अवकाश (CL), चकित्सक अवकाश ( Medical Leave) और विभिन त्यौहारों पर मिलने वाली छुट्टियां देने की यथाशीघ्र व्यस्था की जाए.

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