चंबा: हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग ने 10 जुलाई तक सरकारी और निजी स्कूलों में बच्चों के एडमिशन के लिए अधिसूचना जारी की है. शिक्षा विभाग के इस फैसले को डलहौजी की विधायक आशा कुमारी ने न्याय संगत नहीं बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार को स्कूल खोलने से पहले विधानसभा सत्र बुलाना चाहिए, ताकि प्रदेश के लोगों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर विश्वास पैदा हो सके.
डलहौजी की विधायक आशा कुमारी ने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले चिंता का विषय है. प्रदेश में कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा 850 के पार पहुंच चुका है. ऐसे में सरकार को स्कूल खोलने का फैसला नहीं लेना चाहिए, क्योंकि छोटे बच्चे प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर पाएंगे.
आशा कुमारी ने बताया कि प्रदेश सरकार को इस साल को जीरो ईयर घोषित कर देना चाहिए और बच्चों को पास कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जैसे ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की गई थी, वैसे ही आगे भी पढ़ाई होती रहना चाहिए.
आशा कुमारी का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में सरकार द्वारा स्कूलों को खोलने के लिए जारी की गई अधिसूचना समझ के परे है, क्योंकि अभी तक प्रदेश विधानसभा का सत्र नहीं बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि स्कूल खुल जाने के बाद अगर एक भी बच्चा कोरोना संक्रमित हो गया, तो महामारी पर नियंत्रण करना मुश्किल हो जाएगा. ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कानून में संशोधन करे और बच्चों को अगली क्लास में प्रवेश दे, ताकि वो घर बैठे अगली कक्षा की पढ़ाई कर सके.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. बीते शनिवार को 30 नए मामले सामने आए हैं, जिसमें से हमीरपुर में 10, बिलासपुर में 5, किन्नौर में 3, मंडी में 2, कांगड़ा में सात, सोलन में 3 नए मामले सामने आए हैं.
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