बिलासपुर: घुमारवीं उपमंडल के तहत 14वें वित्त आयोग का पैसा खर्च करने के मामले में कुछ पंचायतें ने रिकॉर्ड बनाया है. वहीं, कुछ पंचायतें ऐसी भी है, जिन्होंने नाममात्र ही पैसे खर्च किए हैं.
मोरसिंघी पंचायत ने 91 प्रतिशत पैसा खर्च कर रिकॉर्ड बनाया है. वहीं, ग्राम पंचायत कोठी 20.46 प्रतिशत पैसा ही खर्च कर पाई है. घुमारवीं उपमंडल के तहत 45 पंचायतें आती हैं जिनमें आठ पंचायतें सदर विधानसभा क्षेत्र की भी हैं.
पंचायतों में पैसे की कमी विभाग की तरफ से नहीं होती है, लेकिन पंचायत प्रतिनिधि काम करवाने में रूचि नहीं दिखाते हैं जिससे लोगों को होने वाले विकासात्मक कार्यों से वंचित रहना पड़ता है.
बीडीओ घुमारवीं जीत राम चौधरी ने कहा कि ब्लॉक में पंचायतों के लिए 14 वें वित्त आयोग का काफी पैसा आया था जिससे कुछ पंचायतों के द्धारा बहुत बढ़िया पैसों का सदुपयोग किया गया है.
वहीं, कुछ ऐसी भी पंचायतें हैं जिन्होंने पैसों को खर्च करने मे कंजूसी दिखाई है. घुमारवी ब्लॉक के तहत जितनी भी पंचायते आती है सभी को एक सम्मान दृष्टि से देखा गया था. ब्लॉक ने सभी पंचायतों को पैसा जारी किया था लेकिन कुछ पंचायतों ने इसका सदुपयोग किया है. वहीं, कुछ ने विकास कार्य करने में रूचि नहीं दिखाई है.
पांच पंचायतों में किए सबसे ज्यादा पैसे खर्च
ग्राम पंचायत मोरसिंघी ने विकास कार्यों पर 91 प्रतिशत पैसा खर्च किया. ग्राम पंचायत ननांवा ने 84 प्रतिशत, ग्राम पंचायत हवाण ने 81 प्रतिशत, ग्राम पंचायत करलोटी ने 78 प्रतिशत, ग्राम पंचायत रोहिण ने 77 प्रतिशत पैसा विकास कार्यों पर खर्च किया है.
पांच पंचायतों में हुआ बहुत कम पैसा खर्च
ग्राम पंचायत कोठी ने 20.46 प्रतिशत, ग्राम पंचायत कुठेड़ा ने 38.18 प्रतिशत, ग्राम पंचायत हटवाड़ ने 39.72 प्रतिशत, ग्राम पंचायत लहेड़ी सरेल ने 39.76 प्रतिशत, ग्राम पंचायत पंतेहड़ा ने 39.85 प्रतिशत पैसा ही विकास कार्यों पर खर्च किया है.
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