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समोसे पर सियासत! भाजपा का तंज- "जनता से ज्यादा सुक्खू सरकार को सीएम के समोसों की चिंता" - BJP MLA TARGETS CM SUKHU

भाजपा विधायक ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार को विकासात्मक कार्यों की जगह सिर्फ मुख्यमंत्री के समोसों की चिंता है.

BJP Targets Sukhu Govt on Samosa Politics
हिमाचल में सीएम के समोसों पर मचा बवाल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 8, 2024, 8:42 AM IST

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए लाए गए समोसे को स्टाफ को देने के लेकर बिठाई गई जांच पर भाजपा ने निशाना साधा है. भाजपा विधायक एवं मीडिया विभाग के प्रभारी रणधीर शर्मा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, "हिमाचल प्रदेश की जनता परेशान है और हंसी की बात तो ये है की सरकार को मुख्यमंत्री के समोसे की चिंता है. ऐसा लगता है कि सरकार को किसी भी विकासात्मक कार्यों की चिंता नहीं है, केवल मात्र अपने खानपान की चिंता है."

रणधीर शर्मा ने कहा, "हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए लाए गए समोसे से जुड़ी एक हालिया घटना ने विवाद को जन्म दे दिया है. समोसे गलती से मुख्यमंत्री के बजाय उनके सुरक्षा कर्मचारियों के पास पहुंच गए, जिसकी सीआईडी जांच करवाई गई. जांच में इस गलती को "सरकार विरोधी" कृत्य करार दिया गया, सरकार विरोधी कृत्य अपने आप में ही एक बड़ा शब्द है."

क्या है पूरा मामला?

दरअसल ये गड़बड़ी तब हुई जब 21 अक्टूबर को सीआईडी मुख्यालय में मुख्यमंत्री सुक्खू के दौरे के लिए लक्कड़ बाजार स्थित होटल रेडिसन ब्लू से समोसे और केक के तीन डिब्बे मंगवाए गए, लेकिन ये नाश्ता सीएम की जगह उनकी सुरक्षा टीम को परोस दिया गया. डिप्टी एसपी रैंक के एक अधिकारी ने इस गड़बड़ी की जांच की. रिपोर्ट के अनुसार, आईजी रैंक के एक अधिकारी ने एक सब-इंस्पेक्टर (एसआई) को सीएम के लिए नाश्ता खरीदने का निर्देश दिया. फिर एसआई ने एक सहायक एसआई (एएसआई) और एक हेड कांस्टेबल को होटल से नाश्ता लाने का काम सौंपा. उन्होंने तीन सीलबंद डिब्बे में नाश्ता लाया और एसआई को इसके बारे में बताया.

मेन मेनू का हिस्सा नहीं थे समोसे

जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद पर्यटन विभाग के कर्मचारियों से इस बारे में सलाह ली कि क्या ये स्नैक्स मुख्यमंत्री के लिए थे. उन्हें बताया गया कि ये आइटम उनके लिए बनाए गए मेनू का हिस्सा नहीं थे, जिससे भ्रम की स्थिति और बढ़ गई. जांच में पता चला कि सिर्फ एसआई को ही पता था कि ये डिब्बे खास तौर पर सीएम सुक्खू के लिए थे. जब इन्हें महिला इंस्पेक्टर को सौंपा गया तो उन्होंने किसी वरिष्ठ अधिकारी से पुष्टि नहीं की और इन्हें नाश्ते के लिए जिम्मेदार मैकेनिकल ट्रांसपोर्ट (एमटी) सेक्शन को भेज दिया. इस गलती के कारण इन बक्सों को उनके उचित व्यक्ति तक पहुंचने से पहले कई हाथों इधर से उधर हुए.

सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बने समोसे

रिपोर्ट में कहा गया है कि समन्वय की यह कमी इस गलती का एक महत्वपूर्ण कारण था. सीआईडी विभाग के एक अधिकारी ने एक लिखित नोट में इस घटना पर चिंता व्यक्त की. नोट में जांच रिपोर्ट में नामित लोगों पर सीआईडी और सरकारी हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया गया है. यह घटना हिमाचल प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है.

ये भी पढ़ें: "जब तक भाजपा है, तभी तक देश का अस्तित्व है, पीएम मोदी ही विकसित भारत का सपना पूरा कर सकते हैं"

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शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए लाए गए समोसे को स्टाफ को देने के लेकर बिठाई गई जांच पर भाजपा ने निशाना साधा है. भाजपा विधायक एवं मीडिया विभाग के प्रभारी रणधीर शर्मा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, "हिमाचल प्रदेश की जनता परेशान है और हंसी की बात तो ये है की सरकार को मुख्यमंत्री के समोसे की चिंता है. ऐसा लगता है कि सरकार को किसी भी विकासात्मक कार्यों की चिंता नहीं है, केवल मात्र अपने खानपान की चिंता है."

रणधीर शर्मा ने कहा, "हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए लाए गए समोसे से जुड़ी एक हालिया घटना ने विवाद को जन्म दे दिया है. समोसे गलती से मुख्यमंत्री के बजाय उनके सुरक्षा कर्मचारियों के पास पहुंच गए, जिसकी सीआईडी जांच करवाई गई. जांच में इस गलती को "सरकार विरोधी" कृत्य करार दिया गया, सरकार विरोधी कृत्य अपने आप में ही एक बड़ा शब्द है."

क्या है पूरा मामला?

दरअसल ये गड़बड़ी तब हुई जब 21 अक्टूबर को सीआईडी मुख्यालय में मुख्यमंत्री सुक्खू के दौरे के लिए लक्कड़ बाजार स्थित होटल रेडिसन ब्लू से समोसे और केक के तीन डिब्बे मंगवाए गए, लेकिन ये नाश्ता सीएम की जगह उनकी सुरक्षा टीम को परोस दिया गया. डिप्टी एसपी रैंक के एक अधिकारी ने इस गड़बड़ी की जांच की. रिपोर्ट के अनुसार, आईजी रैंक के एक अधिकारी ने एक सब-इंस्पेक्टर (एसआई) को सीएम के लिए नाश्ता खरीदने का निर्देश दिया. फिर एसआई ने एक सहायक एसआई (एएसआई) और एक हेड कांस्टेबल को होटल से नाश्ता लाने का काम सौंपा. उन्होंने तीन सीलबंद डिब्बे में नाश्ता लाया और एसआई को इसके बारे में बताया.

मेन मेनू का हिस्सा नहीं थे समोसे

जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद पर्यटन विभाग के कर्मचारियों से इस बारे में सलाह ली कि क्या ये स्नैक्स मुख्यमंत्री के लिए थे. उन्हें बताया गया कि ये आइटम उनके लिए बनाए गए मेनू का हिस्सा नहीं थे, जिससे भ्रम की स्थिति और बढ़ गई. जांच में पता चला कि सिर्फ एसआई को ही पता था कि ये डिब्बे खास तौर पर सीएम सुक्खू के लिए थे. जब इन्हें महिला इंस्पेक्टर को सौंपा गया तो उन्होंने किसी वरिष्ठ अधिकारी से पुष्टि नहीं की और इन्हें नाश्ते के लिए जिम्मेदार मैकेनिकल ट्रांसपोर्ट (एमटी) सेक्शन को भेज दिया. इस गलती के कारण इन बक्सों को उनके उचित व्यक्ति तक पहुंचने से पहले कई हाथों इधर से उधर हुए.

सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बने समोसे

रिपोर्ट में कहा गया है कि समन्वय की यह कमी इस गलती का एक महत्वपूर्ण कारण था. सीआईडी विभाग के एक अधिकारी ने एक लिखित नोट में इस घटना पर चिंता व्यक्त की. नोट में जांच रिपोर्ट में नामित लोगों पर सीआईडी और सरकारी हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया गया है. यह घटना हिमाचल प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है.

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