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शहीद संजीव कुमार का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, नम आंखों से दी गई विदाई - kupwara encounter

संजीव कुमार के आतंकी मुठभेड़ में उनकी शहादत की खबर मिलते ही परिवार व पूरा क्षेत्र शोक में डूब गया. चौपर के माध्यम से शहीद के शव को शपड़ी तक लाया गया जहां से आर्मी की गाड़ी में बिलासपुर जिला स्थित उनके पैतृक गांव लाया गया.

Martyr Sanjeev Kumar cremated
शहीद संजीव कुमार
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Published : Apr 6, 2020, 9:08 PM IST

बिलासपुर: घुमारवीं उपमंडल की भराड़ी उपतहसील के हटवाड़ ग्राम पंचायत के तहत देहरा गांव का सैनिक 43 वर्षीय संजीव कुमार जम्मू कश्मीर में कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हो गए. संजीव कुमार फोरपैरा मिलिट्री में थे और इन दिनों श्रीनगर के कुपवाड़ा में तैनात थे.

संजीव कुमार के आतंकी मुठभेड़ में उनकी शहादत की खबर मिलते ही परिवार व पूरा क्षेत्र शोक में डूब गया. चौपर के माध्यम से शहीद के शव को शपड़ी तक लाया गया जहां से आर्मी की गाड़ी में बिलासपुर जिला स्थित उनके पैतृक गांव लाया गया. शहीद का राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि संजीव कुमार को बचपन से ही सेना में जाने की इच्छा थी और वह 27 अगस्त 1996 को फोरपैरा मिलिट्री फोर्स में भर्ती हुए थे. संजीव कुमार अपने माता पिता का इकलौता बेटा था. जैसे ही आतंकी मुठभेड़ में संजीव कुमार के शहीद होने की खबर मिली है तब से माता पिता बेसुध हैं और संजीव की पत्नी सुजाता व बेटे सातवीं कक्षा के छात्र तनिष्क का भी रो रोकर बुरा हाल है.

वहीं, इनके पार्थिव शव को ले जाते समय लोगों में काफी गुस्सा देखा गया. लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद और संजीव अमर रहे के नारे लगाए. शहीद संजीव कुमार अपने पीछे बूढ़े मां बाप के आलावा पत्नी व एक बेटे को छोड़ कर गए. घुमारवीं विधानसभा विधायक राजेन्द्र गर्ग ने सूबेदार संजीव कुमार के शहीद होने पर गहरा दुख व्यक्त किया व परिवार का ढांढस बंधाया व सरकार की तरफ से हर संभव सहायता का भी विश्वास दिया.

ये भी पढ़ें: राजकीय सम्मान के साथ हुआ शहीद बालकृष्ण का अंतिम संस्कार, शहर में गूंजे भारत माता की जय के नारे

बिलासपुर: घुमारवीं उपमंडल की भराड़ी उपतहसील के हटवाड़ ग्राम पंचायत के तहत देहरा गांव का सैनिक 43 वर्षीय संजीव कुमार जम्मू कश्मीर में कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हो गए. संजीव कुमार फोरपैरा मिलिट्री में थे और इन दिनों श्रीनगर के कुपवाड़ा में तैनात थे.

संजीव कुमार के आतंकी मुठभेड़ में उनकी शहादत की खबर मिलते ही परिवार व पूरा क्षेत्र शोक में डूब गया. चौपर के माध्यम से शहीद के शव को शपड़ी तक लाया गया जहां से आर्मी की गाड़ी में बिलासपुर जिला स्थित उनके पैतृक गांव लाया गया. शहीद का राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि संजीव कुमार को बचपन से ही सेना में जाने की इच्छा थी और वह 27 अगस्त 1996 को फोरपैरा मिलिट्री फोर्स में भर्ती हुए थे. संजीव कुमार अपने माता पिता का इकलौता बेटा था. जैसे ही आतंकी मुठभेड़ में संजीव कुमार के शहीद होने की खबर मिली है तब से माता पिता बेसुध हैं और संजीव की पत्नी सुजाता व बेटे सातवीं कक्षा के छात्र तनिष्क का भी रो रोकर बुरा हाल है.

वहीं, इनके पार्थिव शव को ले जाते समय लोगों में काफी गुस्सा देखा गया. लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद और संजीव अमर रहे के नारे लगाए. शहीद संजीव कुमार अपने पीछे बूढ़े मां बाप के आलावा पत्नी व एक बेटे को छोड़ कर गए. घुमारवीं विधानसभा विधायक राजेन्द्र गर्ग ने सूबेदार संजीव कुमार के शहीद होने पर गहरा दुख व्यक्त किया व परिवार का ढांढस बंधाया व सरकार की तरफ से हर संभव सहायता का भी विश्वास दिया.

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