बिलासपुर: बिलासपुर सदर के पूर्व विधायक बंबर ठाकुर (Former MLA Bambar Thakur) ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) के खिलाफ जमकर बयानबाजी की है. बिलासपुर के सर्किट हाउस (Circuit House) में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक बंबर ने कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जो बिलासपुर से ही संबंध रखते हैं और केंद्र में स्वास्थ्य मंत्री भी रहे हैं उनके पिता का इलाज निजी अस्पताल में करवाना पड़ा.
बता दें कि जेपी नड्डा के पिता बीमार हुए तो उन्हें सुविधाओं के अभाव के कारण इस क्षेत्रीय अस्पताल से वापस लौटा दिया गया. जिसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाना पड़ा. जहां उन्हें देखने के लिए स्वयं जगत प्रकाश नड्डा, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur), स्वास्थ्य मंत्री के समेत कई मंत्री और विधायक पहुंचे थे. तब क्या मुख्यमंत्री को यह ध्यान नहीं आया कि डबल इंजन की सरकार के मुखिया के अपने सरकारी अस्पताल में यह कैसी अव्यवस्था है. उनकी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पिता को अपने इलाज के लिए निजी अस्पाल में दाखिल करवाना पड़ा.
बंबर ठाकुर ने कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तो निजी अस्पताल के भारी व्यय को आसानी से वहन कर सकते हैं पर क्या आम रोगी निजी अस्पतालों के भारी खर्च को वहन करने में सक्षम है. इसी के साथ पूर्व विधायक ने क्षेत्रीय अस्पताल में चल रही अव्यवस्थाओं को लेकर सदर के विधायक तथा सरकार को आड़े हाथों लिया है.
उन्होंने कहा कि अगर दो दिन के अंदर यह सारी कमियां दूर नहीं की गई तो 6 अगस्त को अस्पताल परिसर में धरना दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि अपने कार्यकाल में उन्होंने इस अस्पताल के अंदर सभी डॉक्टरों की व्यवस्था की थी. सिटी स्कैन और अल्ट्रा साउंड की व्यवस्था थी. इसके अलावा जनरेटर सेट और एक बड़ा पानी का टैंक भी बनवा कर दिया था, लेकिन आज ना तो वह सीटी स्कैन की मशीन चल रही है और ना ही जनरेटर को चलाया जा रहा है और ना ही उस बड़े टैंक में पानी भरा जा रहा है .
बंबर ठाकुर ने कहा कि इस बात की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए कि संबंधित अधिकारियों व राजनेताओं की निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में महंगे रेटों पर यह सुविधाएं उपलब्ध करवाने वालों से कहीं कोई सांठगांठ तो नहीं है, क्योंकि हर माह इन टेस्टों को क्षेत्रीय अस्पाल में उपलब्ध न करवा कर निजी क्लीनिकों और अस्पतालों को भेज कर उन्हें लाखों रुपयों का लाभ पहुंचाया जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर आम आदमी को उनके हाथों लुटने को विवश किया जा रहा है.
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले चार वर्षों से प्रदेश सरकार कांग्रेस शासन काल में उनके द्वारा आरंभ की गई उपरोक्त सुविधाओं के अलावा 24 घंटे विभिन्न प्रकार के टेस्ट की सुविधा को चालू रख पाने में पूरी तरह से असफल रही है. बंबर ठाकुर ने कहा कि अस्पताल में लंबे समय से जनरल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉक्टर और पोस्टमार्टम करने के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉक्टर तक को नियुक्त नहीं कर पाई है. अब तो कोरोना का बहाना बना कर प्रसूता महिलाओं को डॉक्टरों द्वारा देखे जाने के सुविधा भी छीन ली गई है.
बंबर ठाकुर ने हैरानी व्यक्त की कि समीप के कोठीपुरा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) में 74 डॉक्टर नियुक्त कर दिए हैं. उन में से अधिकांश को इसलिए कुछ भी करने को नहीं है क्योंकि जनवरी 2019 में आरंभ की जाने वाली एम्स की ओपीडी अभी तक भी चालू नहीं हो पाई है.
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