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बरसात में कोरोना के साथ ही मलेरिया से भी करें बचाव: CMO बिलासपुर - CMO Bilaspur said prevent malaria

मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉ. प्रकाश दरोच ने बताया कि इन दिनों लोगों को कोरोना वायरस के साथ ही मलेरिया व अन्य जल जनित बीमारियों के बारे में सजग रहना चाहिए.

CMO Bilaspur said  prevent malaria
CMO Bilaspur said prevent malaria
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Published : Aug 21, 2020, 7:46 PM IST

बिलासपुरः प्रदेश में बरसात का मौसम जारी है. ऐसे में मलेरिया व अन्य जल जनित बीमारियों के फैलने की संभावना रहती है. बिलासपुर में मलेरिया के प्रति जागरुकता को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग सजग है. विभाग इस बार कोविड-19 के साथ ही मलेरिया रोग के बारे में लोगों को जागरूक कर रहा है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉ. प्रकाश दरोच ने बताया कि इन दिनों लोगों को कोरोना वायरस के साथ ही मलेरिया व अन्य जल जनित बीमारियों के बारे में सजग रहना चाहिए. डॉ. प्रकाश दरोच ने कहा कि मलेरिया एक तेज बुखार वाली बीमारी है जो संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है.

उन्होंने मलेरिया के लक्ष्णों की जानकारी देते हुए बताया कि मलेरिया की तीन अवस्थाएं हैं. इसमें शीत वाली अवस्था में तेज सर्दी, शरीर में कंपकंपी और सिर में दर्द होता है. वहीं, गर्मी वाली अवस्था में तेज बुखार, ओढ़े व पहने हुए कपड़े उतार फेंकना और तीसरी पसीने वाली अवस्था में अधिक पसीने के साथ बुखार व कमजोरी महसूस होती है.

मलेरिया की निशुल्क होती है जांच

उन्होंने बताया कि मलेरिया के लिए खून की जांच व उपचार निशुल्क किए जाते हैं. सभी प्रभावित लोगों को इन सेवाओं का लाभ उठा कर निरोग हो जाना चाहिए, ताकि मलेरिया फैलने पर रोक लगाई जा सके. उन्होंने बताया कि मलेरिया फैलाने के लिए मच्छर जिम्मेदार है. इसलिए मच्छरों पर नियन्त्रण पाना जरूरी है.

ठहरे हुए पानी में अंडे देते हैं मादा मच्छर

उन्होंने बताया कि मादा मच्छर हमेशा ठहरे हुए पानी में अंडे देते हैं. इसलिए खुले तौर पर कभी भी पानी जमा न होने दें, जहां कहीं पानी स्टोर किया जाए, उसे ढक कर रखें ताकि मच्छर प्रवेश न कर सकें. घरों के आस-पास नालियों की सफाई बनाए रखें ताकि पानी का ठहराव न हो.

ऐसे करें बचाव

सप्ताह में एक बार सूखा दिवस मनाएं, कूलरों, गमलों, और डिब्बों का पानी निकाल कर इन्हें सूखा दें. सोते समय कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी का प्रयोग करें. घर के दरवाजों और खिडकियों में जालीदार पल्ले लगवाएं. शरीर के नंगे भागों जैसे हाथ, पैर, मुहं पर मच्छर भगाने वाली क्रीम का प्रयोग करें. पूरे शरीर को ढकने वाले कपडे़ पहने, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को विशेषकर मच्छरों से बचाना चाहिए. उन्होंने बताया कि कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है. किसी भी सरकारी अस्पताल व स्वास्थ्य उपकेन्द्र में मलेरिया की पुष्टि होने पर मूल उपचार निःशुल्क किया जाता है.

ये भी पढ़ें- कब खत्म होगा वैक्सीन का इंतजार, किस देश को मिली कितनी सफलता ?

ये भी पढ़ें- CM जयराम ने राज्यपाल से की मुलाकात, कृषि विश्वविद्यालय के VC की नियुक्ति के आदेश जारी

बिलासपुरः प्रदेश में बरसात का मौसम जारी है. ऐसे में मलेरिया व अन्य जल जनित बीमारियों के फैलने की संभावना रहती है. बिलासपुर में मलेरिया के प्रति जागरुकता को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग सजग है. विभाग इस बार कोविड-19 के साथ ही मलेरिया रोग के बारे में लोगों को जागरूक कर रहा है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉ. प्रकाश दरोच ने बताया कि इन दिनों लोगों को कोरोना वायरस के साथ ही मलेरिया व अन्य जल जनित बीमारियों के बारे में सजग रहना चाहिए. डॉ. प्रकाश दरोच ने कहा कि मलेरिया एक तेज बुखार वाली बीमारी है जो संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है.

उन्होंने मलेरिया के लक्ष्णों की जानकारी देते हुए बताया कि मलेरिया की तीन अवस्थाएं हैं. इसमें शीत वाली अवस्था में तेज सर्दी, शरीर में कंपकंपी और सिर में दर्द होता है. वहीं, गर्मी वाली अवस्था में तेज बुखार, ओढ़े व पहने हुए कपड़े उतार फेंकना और तीसरी पसीने वाली अवस्था में अधिक पसीने के साथ बुखार व कमजोरी महसूस होती है.

मलेरिया की निशुल्क होती है जांच

उन्होंने बताया कि मलेरिया के लिए खून की जांच व उपचार निशुल्क किए जाते हैं. सभी प्रभावित लोगों को इन सेवाओं का लाभ उठा कर निरोग हो जाना चाहिए, ताकि मलेरिया फैलने पर रोक लगाई जा सके. उन्होंने बताया कि मलेरिया फैलाने के लिए मच्छर जिम्मेदार है. इसलिए मच्छरों पर नियन्त्रण पाना जरूरी है.

ठहरे हुए पानी में अंडे देते हैं मादा मच्छर

उन्होंने बताया कि मादा मच्छर हमेशा ठहरे हुए पानी में अंडे देते हैं. इसलिए खुले तौर पर कभी भी पानी जमा न होने दें, जहां कहीं पानी स्टोर किया जाए, उसे ढक कर रखें ताकि मच्छर प्रवेश न कर सकें. घरों के आस-पास नालियों की सफाई बनाए रखें ताकि पानी का ठहराव न हो.

ऐसे करें बचाव

सप्ताह में एक बार सूखा दिवस मनाएं, कूलरों, गमलों, और डिब्बों का पानी निकाल कर इन्हें सूखा दें. सोते समय कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी का प्रयोग करें. घर के दरवाजों और खिडकियों में जालीदार पल्ले लगवाएं. शरीर के नंगे भागों जैसे हाथ, पैर, मुहं पर मच्छर भगाने वाली क्रीम का प्रयोग करें. पूरे शरीर को ढकने वाले कपडे़ पहने, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को विशेषकर मच्छरों से बचाना चाहिए. उन्होंने बताया कि कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है. किसी भी सरकारी अस्पताल व स्वास्थ्य उपकेन्द्र में मलेरिया की पुष्टि होने पर मूल उपचार निःशुल्क किया जाता है.

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