बिलासपुर: जिले में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए पिछले एक वर्ष से की जा रही डीसी बिलासपुर की कोशिश रंग ला रही है. हाल ही में घोषित हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के 12वीं कक्षा के परिणाम में प्रदेश भर के टॉप-10 मेधावियों में बिलासपुर जिला नंबर वन रहा है. बिलासपुर जिला की सबसे अधिक 9 मेरिट्स आई है. वहीं, इस बार के परीक्षा परिणाम में भी सुधार नजर आया है.
जिले की शिक्षा व्यवस्था को लेकर डीसी विवेक भाटिया ने बताया कि पिछले एक साल से किए गए विभिन्न प्रयासों से इस बार जिला में 12वीं कक्षा के बोर्ड का वार्षिक परीक्षा का परिणाम पिछले साल की तुलना में 5 प्रतिशत बेहतर रहा है. उन्होंने बताया कि जिले में कुल 44 सौ स्टूडेंट्स ने विज्ञान, कला और वाणिज्य संकाय में 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा दी थी. परीक्षा में 67.25 फीसदी बच्चों ने सफलता हासिल की है.
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डीसी ने बताया कि इस बार जिले के 25 स्कूलों का वार्षिक परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत रहा है. जबकि 55 स्कूलों का परीक्षा परिणाम 90 प्रतिशत से अधिक रहा है. सिर्फ 2 स्कूल ऐसे रहे हैं जहां परिणाम 25 फीसदी से कम रहा है.
डीसी बिलासपुर का ये प्रयास लाया रंग
डीसी विवेक भाटिया के प्रयासों से जिला में पहली बार विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों के लिए प्री-बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन किया गया. प्री-बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्र डाइट व अनुभवी अध्यापकों के सहयोग से तैयार करवाए गए थे. इसके अलावा डीसी ने जिले के बड़े अधिकारियों को एक-एक स्कूल की जिम्मेदारी सौंपी थी. अधिकारियों ने भी स्कूलों पर साल भर नजर रखी और उनकी खामियों को दूर करने के सकारात्मक प्रयास किए.
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इस सत्र की नई योजनाएं
डीसी विवेक भाटिया ने बताया कि इस बार जिला में बोर्ड परीक्षा में शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. 15 नवंबर तक पाठ्यक्रम को पूर्ण करवा लेने का लक्ष्य तय किया गया है. प्रयास किया जा रहा है कि इस बार कला संकाय की छात्र-छात्राओं के लिए भी प्री-बोर्ड परीक्षा आयोजित हो. जिसके लिए डाइट संस्थान के माध्यम से ही गुणवत्तायुक्त स्टडी मटेरियल तैयार करवाया जाएगा. जिसमें वीडियो कंटेंट भी शामिल होगा. वहीं, इस बार जिला प्रशासन विद्यार्थियों को को निशुल्क कोचिंग दिलवाने का भी प्रयास कर रहा है.
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन पड़ोसी राज्यों में भी किसी अच्छी कोचिंग सेंटर से मदद लेने का प्रयास कर रहा है. जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों श्री नयना देवी में 15-15 दिन की कोचिंग देने पर भी शिक्षा विभाग विचार कर रहा है.