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डंपिंग साइट पर मृत पशुओं को जलाने से ग्रामीण हो रहे बीमार, सरकार से मदद की गुहार

बिलासपुर में नगर परिषद के डंपिंग साइट में कूड़ा फेंकने और उसी कूड़े में मृत पशुओं को जलाने से बामटा पंचायत के ग्रामीण बीमार हो रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कचरा जलाने से हो रहे प्रदूषण के कारण उन्हें सांस लेने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

bampta Villagers becoming ill
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Published : Jan 7, 2020, 10:33 AM IST

बिलासपुरः जिला बिलासपुर में नगर परिषद के डंपिंग साइट में कूड़ा फेंकने और उसी कूड़े में मृत पशुओं को जलाने से बामटा पंचायत के ग्रामीण बीमार हो रहे हैं. एक ग्रामीण महिला का कहना है कि 2 सालों से उसका बच्चा इससे फैले प्रदूषण की वजह से बीमार है.

ग्रामीणों का कहना है कचरा जलाने से हो रहे प्रदूषण के कारण उन्हें सांस लेने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय महिला सरिता देवी ने कहा कि वायु प्रदूषण की वजह से वह बीमार रहती हैं. वहीं, गांव में अधिकतर लोग इस समस्या के कारण बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन नगर परिषद को इन ग्रामीणों की कोई भी सुध नहीं ले रहा है.

वीडियो.

ग्रमीणों ने बताया कि डंपिंग साइट पर नगर परिषद के कर्मचारियों द्वारा मृत पशुओं को जलाया जाता है. जबकि कायदे के अनुसार यहां पर पशुओं को दबाना चाहिए. ताकि यहां पर किसी भी तरह से लोगों को दिक्कत का सामना ना करना पड़े. लेकिन नगर परिषद बिना किसी की परवाह किए यहां पर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है. जिसके कारण आज यह समस्या पैदा हो गई है.

गौरतलब है कि बामटा पंचायत प्रधान सहित ग्रामीणों ने अभी हाल ही में डंपिंग साइट पर खूब विरोध हुआ था और यहां पर कूड़ा फेंकने के लिए नगर परिषद के कर्मचारियों को मनाही कर दी थी. इसके बाद विवाद इतना बढ़ गया कि शहर में 15 दिन तक कूड़ा नहीं उठाया गया. क्योंकि नगर परिषद के सभी कूड़ा वाहन कूड़े से भर गए थे. वहीं, अब देखना यह है कि नगर परिषद ने 6 महीने के भीतर डंपिंग साइट बदलने का आश्वासन दिया है. ग्रामीणों ने सरकार से समस्या को हल करने की मांग की है.

ये भी पढ़ें- 4 सालों बाद पकड़ी गई उद्घोषित महिला अपराधी, कर रखी थी तीन शादियां

बिलासपुरः जिला बिलासपुर में नगर परिषद के डंपिंग साइट में कूड़ा फेंकने और उसी कूड़े में मृत पशुओं को जलाने से बामटा पंचायत के ग्रामीण बीमार हो रहे हैं. एक ग्रामीण महिला का कहना है कि 2 सालों से उसका बच्चा इससे फैले प्रदूषण की वजह से बीमार है.

ग्रामीणों का कहना है कचरा जलाने से हो रहे प्रदूषण के कारण उन्हें सांस लेने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय महिला सरिता देवी ने कहा कि वायु प्रदूषण की वजह से वह बीमार रहती हैं. वहीं, गांव में अधिकतर लोग इस समस्या के कारण बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन नगर परिषद को इन ग्रामीणों की कोई भी सुध नहीं ले रहा है.

वीडियो.

ग्रमीणों ने बताया कि डंपिंग साइट पर नगर परिषद के कर्मचारियों द्वारा मृत पशुओं को जलाया जाता है. जबकि कायदे के अनुसार यहां पर पशुओं को दबाना चाहिए. ताकि यहां पर किसी भी तरह से लोगों को दिक्कत का सामना ना करना पड़े. लेकिन नगर परिषद बिना किसी की परवाह किए यहां पर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है. जिसके कारण आज यह समस्या पैदा हो गई है.

गौरतलब है कि बामटा पंचायत प्रधान सहित ग्रामीणों ने अभी हाल ही में डंपिंग साइट पर खूब विरोध हुआ था और यहां पर कूड़ा फेंकने के लिए नगर परिषद के कर्मचारियों को मनाही कर दी थी. इसके बाद विवाद इतना बढ़ गया कि शहर में 15 दिन तक कूड़ा नहीं उठाया गया. क्योंकि नगर परिषद के सभी कूड़ा वाहन कूड़े से भर गए थे. वहीं, अब देखना यह है कि नगर परिषद ने 6 महीने के भीतर डंपिंग साइट बदलने का आश्वासन दिया है. ग्रामीणों ने सरकार से समस्या को हल करने की मांग की है.

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Intro:डंपिंग साइट पर मृत पशुओं को जलाने से ग्रामीण हो रहे बीमार
महिला ने कहा 2 सालों से प्रदूषण की वजह से है बेटा बीमार
डंपिंग साइट नहीं बदली गई तो पूरा गांव हो सकता है

एक्सक्लूसिव स्टोरी...

बिलासपुर।
नगर परिषद के डंपिंग साइड में जलाए जा रहे कूड़े व मृत पशुओं की वजह से बामटा पंचायत के ग्रामीण बीमार हो रहे हैं। पंचायत में 2 सालों से एक बच्चा इस प्रदूषण की वजह से अधिक बीमार हुआ है। वायु प्रदूषण की वजह से यहां पर ग्रामीणों को सांस लेने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पंचायत की महिला सरिता देवी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि 2 सालों से उनका बेटा सांस की बीमारी से जूझ रहा है। अस्पताल में उपचार के लिए जब अपने बेटे को लेकर गए तो चिकित्सकों का कहना है कि वायु प्रदूषण की वजह से उनका बेटा बीमार हुआ है। महिला सरिता देवी ने कहा कि वायु प्रदूषण की वजह से वह बीमार रहती है। वही, गांव में अधिकतर लोग इस समस्या के कारण बीमार पड़ रहे हैं। लेकिन नगर परिषद को इन ग्रामीणों की कोई भी परवाह नहीं है।


Body:पंचायत की महिला सरिता देवी का कहना है कि अगर नगर परिषद यहां से डंपिंग साइट नहीं बदलती है तो वह सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने से भी परहेज नहीं करेंगी। उन्होंने बताया कि डंपिंग साइट पर नगर परिषद के कर्मचारियों द्वारा मृत पशुओं को जलाया जाता है। जबकि कायदे के अनुसार यहां पर पशुओं को दबाना चाहिए। ताकि यहां पर किसी भी तरह से लोगों को दिक्कत का सामना ना करना पड़े। लेकिन नगर परिषद बिना किसी की परवाह किए यहां पर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। जिसके कारण आज यह समस्या पैदा हो गई है।

बाइट...
सरिता देवी...पीड़ित महिला।


Conclusion:गौरतलब है कि बामटा पंचायत प्रधान सहित ग्रामीणों ने अभी हाल ही में डंपिंग साइट पर खूब विरोध किया और यहां पर कूड़ा फेंकने के लिए नगर परिषद के कर्मचारियों को मनाही कर दी। इसके बाद विवाद इतना बढ़ गया कि शहर में 15 दिन तक कूड़ा नहीं उठाया गया। क्योंकि नगर परिषद के सभी कूड़ा वाहन कूड़े से भर गए थे। वहीं, अब देखना यह बाकी है कि आगामी 6 माह के भीतर क्या निर्णय सामने आता है। क्योंकि 6 माह के हस्तक्षेप के बाद यहां से नगर परिषद को डंपिंग साइट बदलनी पड़ेगी।
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