धर्मशाला: सरकारी नौकरी के साथ सस्ते राशन का चस्का जिला कांगड़ा के 150 के करीब अधिकारियों कर्मचारियों को भारी पड़ा है. राज्य के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में 146 परिवारों से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने 16.50 लाख रुपए की रिकवरी की है. वहीं सरकार विभागों प्रशासन की लापरवाही भी अब सबके सामने आ गई है. जिसमें जरूरतमंद लोगों को सुविधाएं प्रदान करने वाली सरकार विभाग व प्रशासन के दावे हवा होते हुए नजर आते हैं. संपन्न लोग ही बड़े स्तर पर योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, जबकि जरूरतमंद लोगों को कोई मदद नहीं मिल पा रही है.
सरकारी नौकरी फिर भी ले रहे सस्ते राशन की सुविधा
सरकारी नौकरी के बावजूद प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत सस्ता राशन लेने वाले कर्मचारियों पर अब विभाग ने कड़ी कार्रवाई की है. विभागीय जानकारी के अनुसार जब सरकार ने यह निर्णय लिया था, उस समय विभिन्न विभागों और ट्रेजरी से लिस्टें मिली थी, जो कर्मचारी इनकम टैक्स देते थे, उस समय जिला कांगड़ा के 47 ऐसे लोग पाए गए थे, जो इनकम टैक्स दे रहे थे और बीपीएल, अंत्योदय या पीएचएस का लाभ ले रहे थे. इन लोगों को नोटिस जारी किए गए, जिनमें से 7 लोग ऐसे पाए गए, जिन्होंने कोई लाभ नहीं लिया था, जबकि 40 अन्य लोगों से 6 लाख 54 हजार 537 रुपये की राशि रिकवर की है.
लिस्ट के अवलोकन का आदेश जारी
जिला खाद्य नियंत्रक नरेंद्र धीमान ने बताया कि इसके बाद इंस्पेक्टर्स को निर्देश दिए गए थे कि पंचायतों में बीपीएल, अंतोदय की लिस्टें लेकर उनका अवलोकन कर यह पता लगाया जाए कि और लोग भी ऐसे तो नहीं जो सरकारी नौकरी में हैं और इनकम टैक्स दे रहे हैं और सस्ते राशन का लाभ भी ले रहे हैं. जिस पर जिला में 146 लोग और ऐसे पाए गए जो कि सरकारी नौकरी कर रहे थे और बीपीएल, अंत्योदय, पीएचएच का राशन भी ले रहे थे, जिन्हें नोटिस देकर उनसे 9 लाख 92 हजार 325 रुपये की रिकवरी की जा चुकी है. जो भी ऐसे मामले सामने आते जाएंगे, उन्हें नोटिस देकर उनके खिलाफ भी रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी.
16.50 लाख रुपये की रिकवरी
खाद्य आपूर्ति विभाग के जिला नियंत्रक नरेंद्र धीमान ने बताया कि जिला में अभी तक 16.50 लाख रुपये के लगभग रिकवरी खाद्य आपूर्ति विभाग ऐसे लोगों से कर चुका है, जो कि सरकारी नौकरी में है या इनकम टैक्स दे रहे हैं और बीपीएल, अंतोदय, पीएचएच का लाभ भी ले रहे थे.