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राष्ट्रपति कोविंद ने गुजरात विधानसभा को किया संबोधित

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुजरात विधानसभा को संबोधित किया और निर्वाचित प्रतिनिधियों व आम नागरिकों से देश के विकास तथा उज्ज्वल भविष्य के लिए काम करने का आग्रह किया. यह किसी भी राष्ट्रपति द्वारा राज्य विधानसभा को पहला संबोधन था, और यह कार्यक्रम भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के जश्न के तौर पर मनाए जा रहे 'आजादी के अमृत महोत्सव' का हिस्सा था.

राष्ट्रपति कोविंद
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Published : Mar 24, 2022, 11:38 AM IST

Updated : Mar 24, 2022, 3:35 PM IST

गांधीनगर: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को गुजरात विधानसभा को संबोधित करते हुए देश के विकास के लिए राज्य के लोगों और भारत के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल जैसे नेताओं के योगदान की सराहना की. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से 'विकास के गुजरात मॉडल' को एक अनुकरणीय उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है, जिसे देश के किसी भी क्षेत्र और राज्य में लागू किया जा सकता है. राष्ट्रपति ने कहा, 'साबरमती रिवरफ्रंट शहरी परिवर्तन का एक प्रभावशाली उदाहरण है. पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए साबरमती और इसके निवासियों के बीच संबंधों को एक नया आयाम दिया गया है. यह नदी तट पर स्थित देश के अन्य सभी शहरों के लिए एक अच्छा उदाहरण हो सकता है.'

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि जब देश में 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाया जा रहा है, तब 'यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए सार्थक कदम उठाएं, ताकि 2047 में, जब भारत अपनी स्वतंत्रता शताब्दी मनाए तो उस समय की पीढ़ी को देश पर गर्व हो.' उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत के शताब्दी वर्ष को स्वर्णिम युग बनाने के उद्देश्य से केंद्र, राज्य सरकारें और नागरिक मिलकर विकास के पथ पर आगे बढ़ते रहेंगे. गुजरात विधानसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम व विकास में राज्य के लोगों और नेताओं के योगदान के लिए उनकी सराहना भी की.

पढ़ें- शपथ ग्रहण समारोह के मंच पर पीएम मोदी समेत बैठेंगे 62 वीवीआईपी

राष्ट्रपति ने कहा, 'गुजरात के लोग एक स्वतंत्र भारत की कल्पना करने में अग्रणी थे. 19 वीं शताब्दी के अंतिम दशकों में, दादाभाई नौरोजी जैसे व्यक्तियों ने भारतीयों के अधिकारों के लिए अपनी आवाज उठाई. उस संघर्ष को तब गुजरात के लोगों ने मजबूत किया और अंततः महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई.' उन्होंने कहा, 'भारत के लोगों के दिलों में सरदार पटेल का दर्जा केवड़िया में स्थित दुनिया की सबसे ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (पटेल की प्रतिमा) से भी ऊंचा है.' कोविंद ने यह भी कहा कि वडोदरा के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ ने उच्च शिक्षा प्राप्त करने में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की मदद की थी और 'यहां (गुजरात में) आंबेडकर ने अस्पृश्यता को समाप्त करने की शपथ ली थी.'

गांधीनगर: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को गुजरात विधानसभा को संबोधित करते हुए देश के विकास के लिए राज्य के लोगों और भारत के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल जैसे नेताओं के योगदान की सराहना की. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से 'विकास के गुजरात मॉडल' को एक अनुकरणीय उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है, जिसे देश के किसी भी क्षेत्र और राज्य में लागू किया जा सकता है. राष्ट्रपति ने कहा, 'साबरमती रिवरफ्रंट शहरी परिवर्तन का एक प्रभावशाली उदाहरण है. पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए साबरमती और इसके निवासियों के बीच संबंधों को एक नया आयाम दिया गया है. यह नदी तट पर स्थित देश के अन्य सभी शहरों के लिए एक अच्छा उदाहरण हो सकता है.'

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि जब देश में 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाया जा रहा है, तब 'यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए सार्थक कदम उठाएं, ताकि 2047 में, जब भारत अपनी स्वतंत्रता शताब्दी मनाए तो उस समय की पीढ़ी को देश पर गर्व हो.' उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत के शताब्दी वर्ष को स्वर्णिम युग बनाने के उद्देश्य से केंद्र, राज्य सरकारें और नागरिक मिलकर विकास के पथ पर आगे बढ़ते रहेंगे. गुजरात विधानसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम व विकास में राज्य के लोगों और नेताओं के योगदान के लिए उनकी सराहना भी की.

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राष्ट्रपति ने कहा, 'गुजरात के लोग एक स्वतंत्र भारत की कल्पना करने में अग्रणी थे. 19 वीं शताब्दी के अंतिम दशकों में, दादाभाई नौरोजी जैसे व्यक्तियों ने भारतीयों के अधिकारों के लिए अपनी आवाज उठाई. उस संघर्ष को तब गुजरात के लोगों ने मजबूत किया और अंततः महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई.' उन्होंने कहा, 'भारत के लोगों के दिलों में सरदार पटेल का दर्जा केवड़िया में स्थित दुनिया की सबसे ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (पटेल की प्रतिमा) से भी ऊंचा है.' कोविंद ने यह भी कहा कि वडोदरा के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ ने उच्च शिक्षा प्राप्त करने में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की मदद की थी और 'यहां (गुजरात में) आंबेडकर ने अस्पृश्यता को समाप्त करने की शपथ ली थी.'

Last Updated : Mar 24, 2022, 3:35 PM IST
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