नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 'मेगा गतिशक्ति मास्टर प्लान' योजना का अनावरण किया. मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए समग्र योजना को संस्थागत रूप देकर विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी के मुद्दे के समाधान के लिए पीएम-गतिशक्ति परियोजना की शुरुआत की गई है.
इस अवसर पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विषय ज्यादातर राजनीतिक दलों की प्राथमिकता से दूर रहा है. ये उनके घोषणा पत्र में भी नजर नहीं आता है. अब तो ये स्थिति आ गई है कि कुछ राजनीतिक दल, देश के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर आलोचना करने में गर्व करते हैं.
मोदी ने कहा, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ हम, अगले 25 वर्षों के भारत की बुनियाद रच रहे हैं. पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान, भारत के इसी आत्मबल को, आत्मविश्वास को आत्मनिर्भरता के संकल्प तक ले जाने वाला है.
उन्होंने कहा, 'जबकि दुनिया में ये स्वीकृत बात है कि सतत विकास (Sustainable Development) के लिए क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण एक ऐसा रास्ता है, जो अनेक आर्थिक गतिविधियों को जन्म देता है, बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार का निर्माण करता है.
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पीएम ने कहा कि पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान देश की पॉलिसी मेकिंग से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स को, इन्वेस्टर्स को एक एनालिटिकल और डिसीजन मेकिंग टूल भी देगा. इससे सरकारों को प्रभावी प्लानिंग और पॉलिसी बनाने में मदद मिलेगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले के पांच सालों में सिर्फ 3,000 किलोमीटर रेलवे का बिजलीकरण हुआ था. बीते सात सालों में हमने 24 हजार किलोमीटर से भी अधिक रेलवे ट्रैक का बिजलीकरण किया है.
उन्होंने कहा, 2014 के पहले लगभग 250 किलोमीटर ट्रैक पर ही मेट्रो चल रही थी. आज 700 किलोमीटर तक मेट्रो का विस्तार हो चुका है और 1,000 किलोमीटर नए मेट्रो रूट पर काम चल रहा.
'मेगा गतिशक्ति मास्टर प्लान' योजना का अनावरण करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए रूप से बन रहे प्रगति मैदान इलाके के मॉडल का निरीक्षण किया.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने पीएम-गतिशक्ति परियोजना देश के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य के लिए एक महत्वपूर्ण पहल बताया है. पीएमओ ने मंगलवार को कहा कि गतिशक्ति परियोजना विभागीय रुकावटों को खत्म कर देगी और प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में हितधारकों के लिए समग्र योजना को संस्थागत रूप देगी.
सभी विभागों को एक केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से एक-दूसरे की परियोजनाओं का पता चलेगा और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी लोगों, वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए एकीकृत और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी.
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पीएमओ ने कहा कि गतिशक्ति परियोजना व्यापकता, प्राथमिकता, अनुकूलन, समकालीन और विश्लेषणात्मक तथा गतिशील होने के छह स्तंभों पर आधारित है. यह बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करेगा, रसद लागत में कटौती करेगा, आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करेगा और स्थानीय वस्तुओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना देगा.