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Old Pension: छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन लागू होने के बाद भी नाखुश हैं पेंशनर, जानिए इसके पीछे की असल वजह

नई पेंशन स्कीम 2004 से लागू थी और राज्य सरकार ने ऑप्शन दिया है कि जो नई पेंशन योजना का लाभ लेना चाहते हैं वह ले सकते हैं. वहीं जिन्हें पुरानी पेंशन योजना चाहिए वह पुरानी पेंशन योजना का लाभ ले सकते हैं. अब कर्मचारियों को समझ ही नहीं आ रहा है कि किसमें  फायदा है और किसमें नुकसान.

implementation of old pension in chhattisgarh
पुरानी पेंशन लागू होने के बाद भी नाखुश हैं पेंशनर
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Published : Jun 21, 2023, 11:43 PM IST

Updated : Jun 22, 2023, 6:16 AM IST

पुरानी पेंशन लागू होने के बाद भी नाखुश हैं पेंशनर

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए कर्मचारियों से अभिमत मांगा था और लोगों ने पुरानी पेंशन लेने के लिए फॉर्म भरकर जमा भी कर दिया. बावजूद इसके अभी भी पेंशनरों में असमंजस की स्थिति है. उन्हें अभी भी समझ नहीं आ रहा कि किस पेंशन में होने से ज्यादा लाभ है और किस में नुकसान. क्योकि नई पेंशन योजना के तहत जो राशि केंद्र सरकार ने काटी है, वह मिलेगी या नहीं, इसे लेकर भी पेंशनरों में असमंजस बरकरार है.


नई और पुरानी पेंशन के नफा-नुकसान को लेकर असमंजस: छत्तीसगढ़ राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री अश्वनी चेलक का कहना है "मजबूरी में उन्होंने फॉर्म भर दिया. कर्मचारियों को समझ नहीं आ रहा है. सब जगह असमंजस की स्थिति बनी है. न तो सेंट्रल गवर्नमेंट क्लियर कर रही है और न ही स्टेट गवर्नमेंट. स्टेट गवर्नमेंट कहती है कि जो पैसा एनपीएस में कट गया, उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं है. सेंट्रल गवर्नमेंट उसमें कुछ बोल नहीं रही है. अब या तो सेंट्रल गवर्नमेंट पूरे देश में पुरानी पेंशन स्कीम लागू कर दे या फिर छत्तीसगढ़ सरकार को पुरानी पेंशन योजन बिना शर्त लागू कर देना चाहिए."

"जो नए कर्मचारियों की भर्ती हो रही उनके लिए पुरानी पेंशन योजना लाभकारी है. लेकिन जो नई पेंशन योजना के तहत 2004 के बाद कर्मचारी नियुक्त हुए हैं, उनकी 8-9 साल की सर्विस हो चुकी है, नई पेंशन योजना में उसकी राशि कटी हुई है, उस राशि का क्या होगा. छत्तीसगढ़ सरकार साफ कहती है कि उस पैसे की जिम्मेदारी हमारी नहीं है, केंद्र सरकार जाने. आप पैसा लाइए और हमारे खाते में जमा करिए. कर्मचारी कहां से पैसा लाकर जमा करेगा. जो ऑप्शन भरा जा रहा है, नया पेंशन लेना है या पुराना पेंशन, उसमें कई क्राइटेरिया है और तमाम तरह की दिक्कतें हैं. ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार को बिना शर्त पुरानी पेंशन योजना को लागू करना चाहिए." -अश्वनी चेलक, प्रदेश महामंत्री राज्य कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़

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बिना शर्त पुरानी पेंशन योजना लागू करे छत्तीसगढ़ सरकार: कर्मचारियों की मांग है कि बिना शर्त के राज्य सरकार को पुरानी पेंशन योजना को लागू करना चाहिए. जो एनपीएस में कर्मचारियों के पैसों की कटौती हुई है, उसके लिए भी छत्तीसगढ़ सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए. अश्वनी चेलक ने कहा कि "ऐसी जानकारी भी आ रही है कि जो ऑप्शन भरने से कर्मचारी छूट गए हैं उन्हें दोबारा ऑप्शन भरने का मौका राज्य सरकार की ओर से दिया जा रहा है."

97 परसेंट कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना का फार्म भरा: छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने का ऐलान किया था. इसके तहत 1 अप्रैल 2022 से पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई है. इसके लिए कर्मचारियों से फॉर्म भरवाए गए थे. लगभग 1 साल कवायद चलने के बाद 97 फसदी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना के लिए फॉर्म भर दिया है. 1 फसदी कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने 2004 से शुरू हुई नई पेंशन योजना को भर चुके हैं. वहीं 2 फीसदी कर्मचारियों ने कोई राय नहीं दी है. जिन कर्मचारियों ने कोई राय नहीं दी है उन्हें एक बार फिर राज्य सरकार नई पेंशन योजना या पुरानी पेंशन योजना चुनने का मौका दे रही है. जानकारी के मुताबिक जिन लोगों ने कोई ऑप्शन नहीं चुना है, उनमें से या तो कुछ कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्त हो गए हैं या फिर कुछ की मौत हो चुकी है.

2 लाख 90 हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने चुनी पुरानी पेंशन योजना: राज्य सरकार ने 1 अप्रैल से 2022 से पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी है. सरकार ने अधिकारियों कर्मचारियों से विकल्प मांगा था कि वे किस स्कीम में रहना चाहते हैं. इसके बाद 3 लाख 911 कर्मचारियों में से 2 लाख 90 हजार 675 ने ओपीएस में जाने का फैसला किया है. 2447 कर्मचारियों ने 2004 के बाद की पेंशन स्कीम में ही बने रहने का फैसला किया है. वहीं 7789 कर्मचारी ऐसे भी हैं, जिन्होंने अभी तक कोई विकल्प नहीं चुना है.

नई पेंशन योजना में शामिल होंगे ऑप्शन न चुनने वाले: जिन कर्मचारियों ने किसी भी पेंशन के लिए फॉर्म नहीं भरा है, उनमें से करीब 4500 कर्मचारियों की मृत्यु या सेवानिवृत्ति हो चुकी है. इनके अलावा जिन्होंने कोई विकल्प नहीं चुना है उन्हें नई पेंशन योजना का ही लाभ मिलेगा. रायपुर में 1196, रायपुर सिटी 489, कोरिया 111, सरगुजा 203, जशपुर 32, रायगढ़ 803, कोरबा 237, जांजगीर 287, बिलासपुर 762, कवर्धा 03, राजनांदगांव 119, दुर्ग 248, महासमुंद 204 और धमतरी में 115 लोगों ने कोई विकल्प नहीं चुना है.

नई पेंशन योजना के तहत 19 हजार करोड़ केंद्र के खाते में जमा: नई पेंशन योजना 2004 के अनुसार कर्मचारियों के वेतन का 10% और इतना ही सरकार द्वारा अंशदान मिलाकर प्रतिमाह वेतन का 20 % पेंशन फंड में जमा किया जाता है. यह राशि नेशनल सिक्यूरिटीज डिपोजिटरीज लिमिटेड मुंबई के पास जमा की जाती है. मई 2023 तक इस फंड में प्रदेश के कर्मचारियों का लगभग 19 हजार करोड़ रुपए जमा है. इस फंड को मैनेज करने के लिए सरकार ने 3 फंड मैनेजर एलआईसी, यूटीआई व एसबीआई को नियुक्त कर रखे हैं. ये मैनेजर्स इस पेंशन फंड को शेयर बाजार, डेबिट फंड व सरकारी बॉड्स में निवेश करते हैं. 2008 से अभी तक प्रति वर्ष 10 फीसदी से अधिक ब्याज अर्जित किया गया है.

पुरानी पेंशन लागू होने के बाद भी नाखुश हैं पेंशनर

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए कर्मचारियों से अभिमत मांगा था और लोगों ने पुरानी पेंशन लेने के लिए फॉर्म भरकर जमा भी कर दिया. बावजूद इसके अभी भी पेंशनरों में असमंजस की स्थिति है. उन्हें अभी भी समझ नहीं आ रहा कि किस पेंशन में होने से ज्यादा लाभ है और किस में नुकसान. क्योकि नई पेंशन योजना के तहत जो राशि केंद्र सरकार ने काटी है, वह मिलेगी या नहीं, इसे लेकर भी पेंशनरों में असमंजस बरकरार है.


नई और पुरानी पेंशन के नफा-नुकसान को लेकर असमंजस: छत्तीसगढ़ राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री अश्वनी चेलक का कहना है "मजबूरी में उन्होंने फॉर्म भर दिया. कर्मचारियों को समझ नहीं आ रहा है. सब जगह असमंजस की स्थिति बनी है. न तो सेंट्रल गवर्नमेंट क्लियर कर रही है और न ही स्टेट गवर्नमेंट. स्टेट गवर्नमेंट कहती है कि जो पैसा एनपीएस में कट गया, उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं है. सेंट्रल गवर्नमेंट उसमें कुछ बोल नहीं रही है. अब या तो सेंट्रल गवर्नमेंट पूरे देश में पुरानी पेंशन स्कीम लागू कर दे या फिर छत्तीसगढ़ सरकार को पुरानी पेंशन योजन बिना शर्त लागू कर देना चाहिए."

"जो नए कर्मचारियों की भर्ती हो रही उनके लिए पुरानी पेंशन योजना लाभकारी है. लेकिन जो नई पेंशन योजना के तहत 2004 के बाद कर्मचारी नियुक्त हुए हैं, उनकी 8-9 साल की सर्विस हो चुकी है, नई पेंशन योजना में उसकी राशि कटी हुई है, उस राशि का क्या होगा. छत्तीसगढ़ सरकार साफ कहती है कि उस पैसे की जिम्मेदारी हमारी नहीं है, केंद्र सरकार जाने. आप पैसा लाइए और हमारे खाते में जमा करिए. कर्मचारी कहां से पैसा लाकर जमा करेगा. जो ऑप्शन भरा जा रहा है, नया पेंशन लेना है या पुराना पेंशन, उसमें कई क्राइटेरिया है और तमाम तरह की दिक्कतें हैं. ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार को बिना शर्त पुरानी पेंशन योजना को लागू करना चाहिए." -अश्वनी चेलक, प्रदेश महामंत्री राज्य कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़

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छत्तीसगढ़ में पेंशन स्कीम पर सियासी टेंशन, नई या पुरानी किस स्कीम में मिलेगा पैसा
छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग, विपक्ष ने भी किया समर्थन


बिना शर्त पुरानी पेंशन योजना लागू करे छत्तीसगढ़ सरकार: कर्मचारियों की मांग है कि बिना शर्त के राज्य सरकार को पुरानी पेंशन योजना को लागू करना चाहिए. जो एनपीएस में कर्मचारियों के पैसों की कटौती हुई है, उसके लिए भी छत्तीसगढ़ सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए. अश्वनी चेलक ने कहा कि "ऐसी जानकारी भी आ रही है कि जो ऑप्शन भरने से कर्मचारी छूट गए हैं उन्हें दोबारा ऑप्शन भरने का मौका राज्य सरकार की ओर से दिया जा रहा है."

97 परसेंट कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना का फार्म भरा: छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने का ऐलान किया था. इसके तहत 1 अप्रैल 2022 से पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई है. इसके लिए कर्मचारियों से फॉर्म भरवाए गए थे. लगभग 1 साल कवायद चलने के बाद 97 फसदी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना के लिए फॉर्म भर दिया है. 1 फसदी कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने 2004 से शुरू हुई नई पेंशन योजना को भर चुके हैं. वहीं 2 फीसदी कर्मचारियों ने कोई राय नहीं दी है. जिन कर्मचारियों ने कोई राय नहीं दी है उन्हें एक बार फिर राज्य सरकार नई पेंशन योजना या पुरानी पेंशन योजना चुनने का मौका दे रही है. जानकारी के मुताबिक जिन लोगों ने कोई ऑप्शन नहीं चुना है, उनमें से या तो कुछ कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्त हो गए हैं या फिर कुछ की मौत हो चुकी है.

2 लाख 90 हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने चुनी पुरानी पेंशन योजना: राज्य सरकार ने 1 अप्रैल से 2022 से पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी है. सरकार ने अधिकारियों कर्मचारियों से विकल्प मांगा था कि वे किस स्कीम में रहना चाहते हैं. इसके बाद 3 लाख 911 कर्मचारियों में से 2 लाख 90 हजार 675 ने ओपीएस में जाने का फैसला किया है. 2447 कर्मचारियों ने 2004 के बाद की पेंशन स्कीम में ही बने रहने का फैसला किया है. वहीं 7789 कर्मचारी ऐसे भी हैं, जिन्होंने अभी तक कोई विकल्प नहीं चुना है.

नई पेंशन योजना में शामिल होंगे ऑप्शन न चुनने वाले: जिन कर्मचारियों ने किसी भी पेंशन के लिए फॉर्म नहीं भरा है, उनमें से करीब 4500 कर्मचारियों की मृत्यु या सेवानिवृत्ति हो चुकी है. इनके अलावा जिन्होंने कोई विकल्प नहीं चुना है उन्हें नई पेंशन योजना का ही लाभ मिलेगा. रायपुर में 1196, रायपुर सिटी 489, कोरिया 111, सरगुजा 203, जशपुर 32, रायगढ़ 803, कोरबा 237, जांजगीर 287, बिलासपुर 762, कवर्धा 03, राजनांदगांव 119, दुर्ग 248, महासमुंद 204 और धमतरी में 115 लोगों ने कोई विकल्प नहीं चुना है.

नई पेंशन योजना के तहत 19 हजार करोड़ केंद्र के खाते में जमा: नई पेंशन योजना 2004 के अनुसार कर्मचारियों के वेतन का 10% और इतना ही सरकार द्वारा अंशदान मिलाकर प्रतिमाह वेतन का 20 % पेंशन फंड में जमा किया जाता है. यह राशि नेशनल सिक्यूरिटीज डिपोजिटरीज लिमिटेड मुंबई के पास जमा की जाती है. मई 2023 तक इस फंड में प्रदेश के कर्मचारियों का लगभग 19 हजार करोड़ रुपए जमा है. इस फंड को मैनेज करने के लिए सरकार ने 3 फंड मैनेजर एलआईसी, यूटीआई व एसबीआई को नियुक्त कर रखे हैं. ये मैनेजर्स इस पेंशन फंड को शेयर बाजार, डेबिट फंड व सरकारी बॉड्स में निवेश करते हैं. 2008 से अभी तक प्रति वर्ष 10 फीसदी से अधिक ब्याज अर्जित किया गया है.

Last Updated : Jun 22, 2023, 6:16 AM IST
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