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Cybercrime network busted: बेंगलुरु में बड़े साइबर क्राइम नेटवर्क का भंडाफोड़, ₹ 854 करोड़ का हेरफेर

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक बड़े साइबर क्राइम गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है. पुलिस ने 84 बैंक खातों से 854 करोड़ रुपये के हेरफेर का खुलासा किया है.

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बेंगलुरु में बड़े साइबर क्राइम नेटवर्क का भंडाफोड़, 84 बैंक खातों में मिले 854 करोड़ रुपये
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By ANI

Published : Oct 1, 2023, 9:37 AM IST

Updated : Oct 1, 2023, 10:05 AM IST

बेंगलुरु: राजधानी में पुलिस ने एक प्रमुख सक्रिय साइबर गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस ऑपरेशन में 84 बैंक खातों के माध्यम से 854 करोड़ रुपये के लेनदेन का खुलासा हुआ है. इसको लेकर देश भर में 5,013 मामले दर्ज किए गए हैं. बेंगलुरु की साइबर अपराध शाखा (सीसीबी) ने इस आपराधिक गिरोह के सदस्यों को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. शहर में कुल मिलाकर 17 मामले दर्ज किए गए हैं. इस गिरोह में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

जानकारी के अनुसार आरोपी विदेश में रहते हुए बेंगलुरु से खातों का प्रबंधन कर रहे थे. बेंगलुरु स्थित गिरोह के प्रमुख सदस्यों में शामिल नवारा मनोज उर्फ जॉक, फणींद्र, वसंत, श्रीनिवास, चक्रदार उर्फ चक्री और सोमशेखर उर्फ अंकल शामिल हैं. आरोपी विदेशों में रह रहे सहयोगियों को मदद कर रहे थे. गिरफ्तार किए गए लोगों में ऐनाथी असामी भी शामिल है जो बेंगलुरु के विद्यारण्यपुर और येलहंका इलाकों में रहने वाले व्यक्तियों के बैंक खातों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार था.

इस विस्तृत साइबर अपराध ऑपरेशन की कार्यप्रणाली में व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से भारत भर में लोगों को नौकरी का ऑफर देते थे. संभावित पीड़ितों को गूगल से संबंधित अंशकालिक नौकरियों में भाग लेने का लालच दिया गया था. उन्हें भुगतान के वादे के साथ विभिन्न दुकानों को रेटिंग देने और गूगल रिव्यू प्रदान करने के लिए कहा गया था.

एक बार जब लोग टेलीग्राम समूह में शामिल हो गए तो आरोपियों ने उन्हें क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित उद्यमों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्हें 1,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक की रकम निवेश करने के लिए राजी किया गया. वादा यह था कि निवेश के बाद वे रोजाना 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक का रिटर्न कमाएंगे. धीरे-धीरे जैसे-जैसे विश्वास बना और अधिक व्यक्तियों ने निवेश किया, दांव बढ़ता गया, पीड़ितों ने लाखों और यहां तक कि करोड़ों रुपये भी डाले. फिर ये धनराशि बेंगलुरु में विभिन्न बैंक खातों में जमा की गई.

ये भी पढ़ें- कर्नाटक : जिहादी गिरोह से जुड़े सभी मामलों की एनआईए करेगी जांच

इसके बाद पैसा विदेशी बैंक खातों में भेज दिया गया. बैंक खातों का प्रबंधन करने वाले साइबर अपराधी गिरोह को बदले में क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त होगी. फिर विदेशी समूह इस धनराशि को विभिन्न विदेशी कंपनियों में निवेश करेगा. ऑपरेशन के हिस्से के रूप में कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने कंप्यूटर, मोबाइल फोन, लैपटॉप, बैंक खाता रिकॉर्ड, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, स्वाइपिंग मशीन, सिम कार्ड, प्रिंटर और चेकबुक जब्त कर लिए. साथ ही आरोपियों के बैंक खातों में मौजूद 5 करोड़ रुपये सीसीबी पुलिस ने फ्रीज कर दिए हैं.

बेंगलुरु: राजधानी में पुलिस ने एक प्रमुख सक्रिय साइबर गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस ऑपरेशन में 84 बैंक खातों के माध्यम से 854 करोड़ रुपये के लेनदेन का खुलासा हुआ है. इसको लेकर देश भर में 5,013 मामले दर्ज किए गए हैं. बेंगलुरु की साइबर अपराध शाखा (सीसीबी) ने इस आपराधिक गिरोह के सदस्यों को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. शहर में कुल मिलाकर 17 मामले दर्ज किए गए हैं. इस गिरोह में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

जानकारी के अनुसार आरोपी विदेश में रहते हुए बेंगलुरु से खातों का प्रबंधन कर रहे थे. बेंगलुरु स्थित गिरोह के प्रमुख सदस्यों में शामिल नवारा मनोज उर्फ जॉक, फणींद्र, वसंत, श्रीनिवास, चक्रदार उर्फ चक्री और सोमशेखर उर्फ अंकल शामिल हैं. आरोपी विदेशों में रह रहे सहयोगियों को मदद कर रहे थे. गिरफ्तार किए गए लोगों में ऐनाथी असामी भी शामिल है जो बेंगलुरु के विद्यारण्यपुर और येलहंका इलाकों में रहने वाले व्यक्तियों के बैंक खातों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार था.

इस विस्तृत साइबर अपराध ऑपरेशन की कार्यप्रणाली में व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से भारत भर में लोगों को नौकरी का ऑफर देते थे. संभावित पीड़ितों को गूगल से संबंधित अंशकालिक नौकरियों में भाग लेने का लालच दिया गया था. उन्हें भुगतान के वादे के साथ विभिन्न दुकानों को रेटिंग देने और गूगल रिव्यू प्रदान करने के लिए कहा गया था.

एक बार जब लोग टेलीग्राम समूह में शामिल हो गए तो आरोपियों ने उन्हें क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित उद्यमों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्हें 1,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक की रकम निवेश करने के लिए राजी किया गया. वादा यह था कि निवेश के बाद वे रोजाना 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक का रिटर्न कमाएंगे. धीरे-धीरे जैसे-जैसे विश्वास बना और अधिक व्यक्तियों ने निवेश किया, दांव बढ़ता गया, पीड़ितों ने लाखों और यहां तक कि करोड़ों रुपये भी डाले. फिर ये धनराशि बेंगलुरु में विभिन्न बैंक खातों में जमा की गई.

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इसके बाद पैसा विदेशी बैंक खातों में भेज दिया गया. बैंक खातों का प्रबंधन करने वाले साइबर अपराधी गिरोह को बदले में क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त होगी. फिर विदेशी समूह इस धनराशि को विभिन्न विदेशी कंपनियों में निवेश करेगा. ऑपरेशन के हिस्से के रूप में कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने कंप्यूटर, मोबाइल फोन, लैपटॉप, बैंक खाता रिकॉर्ड, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, स्वाइपिंग मशीन, सिम कार्ड, प्रिंटर और चेकबुक जब्त कर लिए. साथ ही आरोपियों के बैंक खातों में मौजूद 5 करोड़ रुपये सीसीबी पुलिस ने फ्रीज कर दिए हैं.

Last Updated : Oct 1, 2023, 10:05 AM IST

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