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भारतीय सेना सैनिकों के राशन में शामिल करेगी बाजरा - Prime Minister Narendra Modi

भारतीय सेना ने सैनिकों को दिए जाने वाले राशन में बदलाव किया है. इसके तहत अब सैनिकों के राशन में बाजरा को शामिल किया गया है. बदलाव को देखते हुए सेना ने अपने रसोइयों को भी प्रशिक्षित करने का कदम उठाया है. पढ़िए पूरी खबर...

Indian Army
भारतीय सेना
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Published : Mar 22, 2023, 4:43 PM IST

नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र के द्वारा 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (International Year of Millets) घोषित किए जाने के क्रम में बाजरा की खपत बढ़ाने के उद्देश्य से भारतीय सेना ने सैनिकों को दिए जाने वाले राशन में बड़ा बदलाव किया है. इसे अब सैनिकों के राशन में बाजरा को शामिल किया गया है. इस बारे में सेना ने बुधवार को कहा कि आधी सदी के बाद इस ऐतिहासिक फैसले से यह सुनिश्चित होगा कि सैनिकों को पारंपरिक अनाज की आपूर्ति की जाए. अब सैनिकों को कुल राशन का 25 फीसदी तक गेहूं के आटे की जगह ज्वार, बाजरा और रागी का आटा देगी. हालांकि सैनिकों के पास 25 फीसदी तक यह चुनने का विकल्प होगा. बता दें कि बाजार में प्रोटीन, सूक्ष्म पोषक तत्वों और रसायनों का एक अच्छा स्रोत होने का लाभ होता है, इससे सैनिकों के आहार के पोषण को बढ़ावा मिलेगा.

सेना के मुताबिक पारंपरिक बाजरा स्वास्थ्य लाभ के साथ और भौगोलिक तथा जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल जीवन शैली की बीमारियों को कम करने और सैनिकों की संतुष्टि और मनोबल को बढ़ाने में एक अहम कदम साबित होगा. इसी कड़ी में सेना ने अपने रसोइयों को प्रशिक्षित करने के लिए कदम उठाए हैं. फलस्वरूप बड़ाखाना, कैंटीनों और घर में खाना पकाने में बाजरा को बड़े पैमाने पर शामिल करने के लिए सभी संघों को सलाद दी गई है.

सैनिकों के राशन में अनाज की अधिकृत पात्रता के 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होने वाले बाजरे के आटे की खरीद के लिए वर्ष 2023-24 को देखते हुए सरकार की मंजूरी मांगी गई है. वहीं सीएसडी कैंटीन के माध्यम से बाजरा पेश किया जा रहा है. इसके अलावा शिक्षण संस्थानों में अपना बाजरा जानो जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है. दूसरी तरफ रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्द को देखते हुए विकासशील और गरीब देशों में खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा से एक बड़ा खतरा पैदा हो गया है. फलस्वरूप बाजरा को भोजन से निपटने के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने पिछले सप्ताह खाद्य सुरक्षा से निपटने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में बाजरा उत्पादन बढ़ाने और पोषक-अनाज को शामिल करने का आह्वान किया था. साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि बिना किसी उर्वरक के बाजरा को प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में भी उगाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें - Withdrawal of Army from Valley: कश्मीर घाटी से सेना की वापसी पर सरकार बना रही बड़ा प्लान

नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र के द्वारा 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (International Year of Millets) घोषित किए जाने के क्रम में बाजरा की खपत बढ़ाने के उद्देश्य से भारतीय सेना ने सैनिकों को दिए जाने वाले राशन में बड़ा बदलाव किया है. इसे अब सैनिकों के राशन में बाजरा को शामिल किया गया है. इस बारे में सेना ने बुधवार को कहा कि आधी सदी के बाद इस ऐतिहासिक फैसले से यह सुनिश्चित होगा कि सैनिकों को पारंपरिक अनाज की आपूर्ति की जाए. अब सैनिकों को कुल राशन का 25 फीसदी तक गेहूं के आटे की जगह ज्वार, बाजरा और रागी का आटा देगी. हालांकि सैनिकों के पास 25 फीसदी तक यह चुनने का विकल्प होगा. बता दें कि बाजार में प्रोटीन, सूक्ष्म पोषक तत्वों और रसायनों का एक अच्छा स्रोत होने का लाभ होता है, इससे सैनिकों के आहार के पोषण को बढ़ावा मिलेगा.

सेना के मुताबिक पारंपरिक बाजरा स्वास्थ्य लाभ के साथ और भौगोलिक तथा जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल जीवन शैली की बीमारियों को कम करने और सैनिकों की संतुष्टि और मनोबल को बढ़ाने में एक अहम कदम साबित होगा. इसी कड़ी में सेना ने अपने रसोइयों को प्रशिक्षित करने के लिए कदम उठाए हैं. फलस्वरूप बड़ाखाना, कैंटीनों और घर में खाना पकाने में बाजरा को बड़े पैमाने पर शामिल करने के लिए सभी संघों को सलाद दी गई है.

सैनिकों के राशन में अनाज की अधिकृत पात्रता के 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होने वाले बाजरे के आटे की खरीद के लिए वर्ष 2023-24 को देखते हुए सरकार की मंजूरी मांगी गई है. वहीं सीएसडी कैंटीन के माध्यम से बाजरा पेश किया जा रहा है. इसके अलावा शिक्षण संस्थानों में अपना बाजरा जानो जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है. दूसरी तरफ रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्द को देखते हुए विकासशील और गरीब देशों में खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा से एक बड़ा खतरा पैदा हो गया है. फलस्वरूप बाजरा को भोजन से निपटने के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने पिछले सप्ताह खाद्य सुरक्षा से निपटने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में बाजरा उत्पादन बढ़ाने और पोषक-अनाज को शामिल करने का आह्वान किया था. साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि बिना किसी उर्वरक के बाजरा को प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में भी उगाया जा सकता है.

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