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Gata Loops का भूत! इस हाइवे से गुजरते वक्त चढ़ाई जाती है पानी की बोतल और सिगरेट, वरना हो जाता है... - hairpin bends on Manali Leh highway

कुल्लू मनाली का नाम सुनते ही खूबसूरत वादियां और बर्फबारी याद आने लगती है, लेकिन मनाली से लेह सड़क मार्ग पर एक ऐसी जगह है जिसकी कहानी सुनते ही आप खौफ में आ जाएंगे और अगली बार यहां जाने से पहले इस बात का ध्यान रखें... पढ़ें पूरी खबर... (Ghost of Gata Loops) (Himachal Horror Story) (Leh Manali Highway News).

Ghost of Gata Loops
Gata Loops का भूत
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 8, 2023, 6:10 PM IST

Updated : Sep 8, 2023, 6:37 PM IST

कुल्लू: दुनियाभर में रहस्यों से भरी कई ऐसी जगहें हैं जो इंसान की सोच के परे है. इन जगहों के किस्से हैरान करने वाले होते हैं, इनसे जुड़ी कहानियां रोंगटे खड़े करने वाली होती हैं. हालांकि कुछ इसे सच मानते हैं, कुछ चमत्कार तो कुछ अंधविश्वास, लेकिन कल्पना और सच के बीच तैरती ऐसी कई कहानियां हमारे इर्द गिर्द ही होती हैं. ऐसे ही एक किस्सा है गाटा लूप्स का, जिसे कई लोग भूत का मंदिर या Ghost Temple के नाम से भी जानते हैं. आपने मंदिर में चढ़ावे के रूप कई अलग-अलग चीजों के बारे में सुना और देखा होगा लेकिन किसी मंदिर में पानी की बोतलें चढ़ाई जाएं तो ऐसी कहानी में दिलचस्पी बढ़ना लाज़मी है. अगर आप मनाली से लेह जाने का प्लान बना रहे हैं तो ये कहानी आपके लिए और भी ज्यादा रोमांचक होने वाली है.

कहां है ये जगह- अब एक सवाल कि क्या भूत होते हैं ? इस सवाल से हर किसी का सामना जिंदगी में कभी ना कभी तो हुआ होगा. बचपन में डराने के लिए बताई गई भूतों की कहानी हो या फिर फिल्मी पर्दे पर कोई हॉरर फिल्म, ये टॉपिक किसी में डर तो किसी में जिज्ञासा पैदा कर ही देता है. सोचिये आप कहीं घूमने जा रहे हैं और बीच सड़क पर एक भूत आपकी गाड़ी रोककर आपसे खाना-पानी मांगने लगे तो क्या होगा ?

Ghost of Gata Loops
कहानी गाटा लूप्स के भूत की...

ऐसी ही एक जगह है गाटा लूप्स का घोस्ट टैंपल, जो हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के बॉर्डर पर है. मनाली-लेह हाइवे से गुजरते वक्त सरचू से आगे गाटा लूप्स नाम की जगह है. यहां सड़क पर एक के बाद एक 21 तीखे मोड़ आते हैं, जिनसे होकर ही मनाली से लेह के बीच का सफर तय करना होता है.

यहां चढ़ाई जाती है पानी की बोतल और सिगरेट- मनाली को लेह से जोड़ने वाले हाइवे पर हर साल लाखों पर्यटक सफर करते हैं. वैसे तो ये सड़क मार्ग दुनिया के सबसे ऊंचे सड़क मार्गों में शुमार है और इससे होकर गुजरने का एक्सपीरियंस ही अलग है. लेकिन इस हाइवे से गुजरते हुए आपको एक जगह पर पानी की बोतलों का ढेर मिल जाएगा. इन 21 तीखे मोड़ों में से 19वें मोड़ पर एक छोटा सा मंदिर बना हुआ है, जहां इस हाइवे से गुजरने वाले लोग पानी की बोतल, सिगरेट और खाना चढ़ाते हैं.

Ghost in Gata Loops
गाटा लूप्स में 21 मोड़ हैं, जहां 19वें मोड़ पर ये भूत का मंदिर बनाया गया है.

इसके पीछे की कहानी- हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी के साहित्यकार एवं सेवानिवृत District Public Relations Officer शेर सिंह इसके पीछे की कहानी बताते हैं. साल 1998 की सर्दियों में यहां से सामान लेकर एक ट्रक लेह की ओर जा रहा था, जिसमें ड्राइवर के साथ उसका बीमार हेल्पर भी मौजूद था. इसी बीच ट्रक खराब हो गया. काफी देर तक जब कोई गाड़ी हाइवे पर नहीं आई तो ट्रक ड्राइवर मदद लाने के लिए नजदीकी गांव के लिए रवाना हो गया. ड्राइवर ने हेल्पर को ट्रक में रहने को कहा ताकि हाइवे पर किसी वाहन के आने पर मदद ली जा सके. बीमार होने के कारण ड्राइवर ने हेल्पर को ट्रक में रहने की सलाह दी और जल्दी आने की बात कहकर चला गया. ट्रक ड्राइवर मैकेनिक के लिए जिस नजदीकी गांव के लिए निकला था वो करीब 40 किलोमीटर दूर था. जहां पहुंचने में ट्रक ड्राइवर को काफी वक्त लग गया और इसी बीच बर्फबारी भी शुरू हो गई. जिसके कारण वो वक्त पर मैकेनिक को लेकर नहीं आ पाया.

Ghost in Gata Loops
ये कचरा नहीं है ये भूत के मंदिर में चढ़ाई गई पानी की बोतलें हैं.

जब बर्फबारी का दौर थमा तो ट्रक ड्राइवर करीब 5 दिन बाद स्थानीय लोगों को लेकर वापस गाटा लूप्स पहुंचा, लेकिन तब तक हेल्पर की भूख, प्यास, ठंड और बीमारी से ट्रक में ही मौत हो चुकी थी. जिसके बाद ट्रक ड्राइवर ने लोगों के साथ मिलकर हेल्पर के शव वहीं दफना दिया. अंतिम संस्कार के बाद ट्रक ड्राइवर वहां से चला गया.

फिर भूत मांगने लगा पानी- शेर सिंह बताते हैं कि इसके बाद वहां भूत देखे जाने की बातें होने लगी. हाइवे से गुजरने वाले लोग और ड्राइवरों को एक लड़का नजर आता था जो उनसे खाना और पानी मांगता था. लेकिन किसी को पता नहीं था कि आखिर यह कौन है और वो वहां से गुजरने वाले ड्राइवरों से खाने और पीने का सामान क्यों मांगता था. लोग ये भी मानने लगे कि जो उसे खाना या पानी नहीं देते थे उनके साथ कुछ हादसा हो जाता था. इस बीच ये कहानियां भी प्रचलित हो गई कि कुछ लोगों ने उसे पानी की बोतल दी लेकिन बोतल उसके हाथ से नीचे गिर जाती थी और वह बड़ी ही लाचारी से आंखों में आंसू लिए लोगों से पानी और खाना मांगता रहता था.

Ghost in Gata Loops
गाटा लूप्स में स्थित भूत का मंदिर.

फिर बनाया गया मंदिर- शेर सिंह बताते हैं कि इस इलाके में जब भूत और आत्मा दिखने की बातें बढ़ने लगी तो स्थानीय लोगों ने पंडित और लामाओं की मदद ली. पंडित और लामाओं ने बताया कि ये उसी ट्रक के हेल्पर की आत्मा है जो 1998 की सर्दियों में ठंड, बीमारी और भूख-प्यास के कारण मर गया था. फिर आत्मा की शांति के लिए तांत्रिकों का सहारा लिया गया और विशेष पूजा अनुष्ठान किया गया. इसके बाद यहां 21 मोड़ों वाली सड़क के 19वें मोड़ पर एक छोटा सा मंदिर बनाया गया. उसके बाद यहां से गुजरने वाले ड्राइवर इस मंदिर पर मिनरल वाटर और कोल्ड ड्रिंक की बोतलों के अलावा खाने की चीजें और सिगरेट आदि चढ़ाने लगे. शेर सिंह बताते हैं कि ट्रक के हेल्पर की मौत के करीब 3 साल बाद 2001-02 में यहां मंदिर बनाया गया और मानते हैं कि मंदिर बनने के बाद उस लड़के की आत्मा किसी को नहीं दिखाई दी.

मनाली के टैक्सी चालक संजय कुमार, रोशन लाल, दिलीप सिंह का कहना है कि वह भी कई बार यात्रियों को लेकर इसी सड़क मार्ग से लेह के लिए रवाना हुए तो वह भी अब यहां पर गुजरते समय पानी की बोतल, खाने की चीज और सिगरेट का चढ़ावा मंदिर में चढ़ाते हैं और अपनी सफल यात्रा की कामना करते हैं. देश-विदेश से आए सैलानी भी इस बात को जानते हैं और वह भी अपनी यात्रा के दौरान ये सामान मंदिर में चढ़ाना नहीं भूलते हैं. उन्होंने बताया कि उस दौर में कई टैक्सी ड्राइवरों ने उस आत्मा को महसूस किया था और कुछ टैक्सी चालकों के साथ अजीब घटनाएं भी हुई थी. ऐसे में अब सभी लोग यहां से गुजरते समय यह चढ़ावा चढ़ाना नहीं भूलते हैं. लोग मानते हैं कि अगर उन्होंने यहां पानी की बोतल नहीं चढ़ाई तो उनके साथ कुछ अनहोनी हो सकती है.

Disclaimer: ETV BHARAT किसी भी अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है. ये कहानी स्थानीय लोगों की मान्यताओं पर आधारित है.

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कुल्लू: दुनियाभर में रहस्यों से भरी कई ऐसी जगहें हैं जो इंसान की सोच के परे है. इन जगहों के किस्से हैरान करने वाले होते हैं, इनसे जुड़ी कहानियां रोंगटे खड़े करने वाली होती हैं. हालांकि कुछ इसे सच मानते हैं, कुछ चमत्कार तो कुछ अंधविश्वास, लेकिन कल्पना और सच के बीच तैरती ऐसी कई कहानियां हमारे इर्द गिर्द ही होती हैं. ऐसे ही एक किस्सा है गाटा लूप्स का, जिसे कई लोग भूत का मंदिर या Ghost Temple के नाम से भी जानते हैं. आपने मंदिर में चढ़ावे के रूप कई अलग-अलग चीजों के बारे में सुना और देखा होगा लेकिन किसी मंदिर में पानी की बोतलें चढ़ाई जाएं तो ऐसी कहानी में दिलचस्पी बढ़ना लाज़मी है. अगर आप मनाली से लेह जाने का प्लान बना रहे हैं तो ये कहानी आपके लिए और भी ज्यादा रोमांचक होने वाली है.

कहां है ये जगह- अब एक सवाल कि क्या भूत होते हैं ? इस सवाल से हर किसी का सामना जिंदगी में कभी ना कभी तो हुआ होगा. बचपन में डराने के लिए बताई गई भूतों की कहानी हो या फिर फिल्मी पर्दे पर कोई हॉरर फिल्म, ये टॉपिक किसी में डर तो किसी में जिज्ञासा पैदा कर ही देता है. सोचिये आप कहीं घूमने जा रहे हैं और बीच सड़क पर एक भूत आपकी गाड़ी रोककर आपसे खाना-पानी मांगने लगे तो क्या होगा ?

Ghost of Gata Loops
कहानी गाटा लूप्स के भूत की...

ऐसी ही एक जगह है गाटा लूप्स का घोस्ट टैंपल, जो हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के बॉर्डर पर है. मनाली-लेह हाइवे से गुजरते वक्त सरचू से आगे गाटा लूप्स नाम की जगह है. यहां सड़क पर एक के बाद एक 21 तीखे मोड़ आते हैं, जिनसे होकर ही मनाली से लेह के बीच का सफर तय करना होता है.

यहां चढ़ाई जाती है पानी की बोतल और सिगरेट- मनाली को लेह से जोड़ने वाले हाइवे पर हर साल लाखों पर्यटक सफर करते हैं. वैसे तो ये सड़क मार्ग दुनिया के सबसे ऊंचे सड़क मार्गों में शुमार है और इससे होकर गुजरने का एक्सपीरियंस ही अलग है. लेकिन इस हाइवे से गुजरते हुए आपको एक जगह पर पानी की बोतलों का ढेर मिल जाएगा. इन 21 तीखे मोड़ों में से 19वें मोड़ पर एक छोटा सा मंदिर बना हुआ है, जहां इस हाइवे से गुजरने वाले लोग पानी की बोतल, सिगरेट और खाना चढ़ाते हैं.

Ghost in Gata Loops
गाटा लूप्स में 21 मोड़ हैं, जहां 19वें मोड़ पर ये भूत का मंदिर बनाया गया है.

इसके पीछे की कहानी- हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी के साहित्यकार एवं सेवानिवृत District Public Relations Officer शेर सिंह इसके पीछे की कहानी बताते हैं. साल 1998 की सर्दियों में यहां से सामान लेकर एक ट्रक लेह की ओर जा रहा था, जिसमें ड्राइवर के साथ उसका बीमार हेल्पर भी मौजूद था. इसी बीच ट्रक खराब हो गया. काफी देर तक जब कोई गाड़ी हाइवे पर नहीं आई तो ट्रक ड्राइवर मदद लाने के लिए नजदीकी गांव के लिए रवाना हो गया. ड्राइवर ने हेल्पर को ट्रक में रहने को कहा ताकि हाइवे पर किसी वाहन के आने पर मदद ली जा सके. बीमार होने के कारण ड्राइवर ने हेल्पर को ट्रक में रहने की सलाह दी और जल्दी आने की बात कहकर चला गया. ट्रक ड्राइवर मैकेनिक के लिए जिस नजदीकी गांव के लिए निकला था वो करीब 40 किलोमीटर दूर था. जहां पहुंचने में ट्रक ड्राइवर को काफी वक्त लग गया और इसी बीच बर्फबारी भी शुरू हो गई. जिसके कारण वो वक्त पर मैकेनिक को लेकर नहीं आ पाया.

Ghost in Gata Loops
ये कचरा नहीं है ये भूत के मंदिर में चढ़ाई गई पानी की बोतलें हैं.

जब बर्फबारी का दौर थमा तो ट्रक ड्राइवर करीब 5 दिन बाद स्थानीय लोगों को लेकर वापस गाटा लूप्स पहुंचा, लेकिन तब तक हेल्पर की भूख, प्यास, ठंड और बीमारी से ट्रक में ही मौत हो चुकी थी. जिसके बाद ट्रक ड्राइवर ने लोगों के साथ मिलकर हेल्पर के शव वहीं दफना दिया. अंतिम संस्कार के बाद ट्रक ड्राइवर वहां से चला गया.

फिर भूत मांगने लगा पानी- शेर सिंह बताते हैं कि इसके बाद वहां भूत देखे जाने की बातें होने लगी. हाइवे से गुजरने वाले लोग और ड्राइवरों को एक लड़का नजर आता था जो उनसे खाना और पानी मांगता था. लेकिन किसी को पता नहीं था कि आखिर यह कौन है और वो वहां से गुजरने वाले ड्राइवरों से खाने और पीने का सामान क्यों मांगता था. लोग ये भी मानने लगे कि जो उसे खाना या पानी नहीं देते थे उनके साथ कुछ हादसा हो जाता था. इस बीच ये कहानियां भी प्रचलित हो गई कि कुछ लोगों ने उसे पानी की बोतल दी लेकिन बोतल उसके हाथ से नीचे गिर जाती थी और वह बड़ी ही लाचारी से आंखों में आंसू लिए लोगों से पानी और खाना मांगता रहता था.

Ghost in Gata Loops
गाटा लूप्स में स्थित भूत का मंदिर.

फिर बनाया गया मंदिर- शेर सिंह बताते हैं कि इस इलाके में जब भूत और आत्मा दिखने की बातें बढ़ने लगी तो स्थानीय लोगों ने पंडित और लामाओं की मदद ली. पंडित और लामाओं ने बताया कि ये उसी ट्रक के हेल्पर की आत्मा है जो 1998 की सर्दियों में ठंड, बीमारी और भूख-प्यास के कारण मर गया था. फिर आत्मा की शांति के लिए तांत्रिकों का सहारा लिया गया और विशेष पूजा अनुष्ठान किया गया. इसके बाद यहां 21 मोड़ों वाली सड़क के 19वें मोड़ पर एक छोटा सा मंदिर बनाया गया. उसके बाद यहां से गुजरने वाले ड्राइवर इस मंदिर पर मिनरल वाटर और कोल्ड ड्रिंक की बोतलों के अलावा खाने की चीजें और सिगरेट आदि चढ़ाने लगे. शेर सिंह बताते हैं कि ट्रक के हेल्पर की मौत के करीब 3 साल बाद 2001-02 में यहां मंदिर बनाया गया और मानते हैं कि मंदिर बनने के बाद उस लड़के की आत्मा किसी को नहीं दिखाई दी.

मनाली के टैक्सी चालक संजय कुमार, रोशन लाल, दिलीप सिंह का कहना है कि वह भी कई बार यात्रियों को लेकर इसी सड़क मार्ग से लेह के लिए रवाना हुए तो वह भी अब यहां पर गुजरते समय पानी की बोतल, खाने की चीज और सिगरेट का चढ़ावा मंदिर में चढ़ाते हैं और अपनी सफल यात्रा की कामना करते हैं. देश-विदेश से आए सैलानी भी इस बात को जानते हैं और वह भी अपनी यात्रा के दौरान ये सामान मंदिर में चढ़ाना नहीं भूलते हैं. उन्होंने बताया कि उस दौर में कई टैक्सी ड्राइवरों ने उस आत्मा को महसूस किया था और कुछ टैक्सी चालकों के साथ अजीब घटनाएं भी हुई थी. ऐसे में अब सभी लोग यहां से गुजरते समय यह चढ़ावा चढ़ाना नहीं भूलते हैं. लोग मानते हैं कि अगर उन्होंने यहां पानी की बोतल नहीं चढ़ाई तो उनके साथ कुछ अनहोनी हो सकती है.

Disclaimer: ETV BHARAT किसी भी अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है. ये कहानी स्थानीय लोगों की मान्यताओं पर आधारित है.

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Last Updated : Sep 8, 2023, 6:37 PM IST
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