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भारत की मलेशियाई पीएम को दो टूक - CAA आतंरिक मामला, दखल न दें

हाल ही में मलेशियाई पीएम ने कुआलालंपुर शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान भारत के नए नागरिकता कानून की आलोचना की थी. भारत के विदेश मंत्रालय ने इसे तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है. पढ़ें विस्तार से...

India Slams Malaysian PM
भारत का मलेशियाई पीएम को जवाब
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Published : Dec 20, 2019, 11:49 PM IST

नई दिल्ली : भारत और मलेशिया के बीच पहले से ही कड़वे हुए रिश्तों में और भी ज्यादा कड़वाहट आ रही है क्योंकि भारत के विदेश मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन कानून पर मलेशियाई पीएम महाथिर मोहम्मद की टिप्पणी को खारिज कर दिया है.

मलेशियाई प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने कुआलालंपुर शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान भारत के नए नागरिकता कानून की आलोचना करते हुए कहा, 'मुझे यह देखकर खेद है कि भारत, जो एक धर्मनिरपेक्ष राज्य होने का दावा करता है, अब कुछ मुस्लिमों को उनकी नागरिकता से ही वंचित कर रहा है.'

भारत के विदेश मंत्रालय ने इसे तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है और एक बयान जारी करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम में गैर-नागरिकों के लिए तीन देशों से उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के लिए प्राकृतिककरण के माध्यम से नागरिकता का प्रावधान है.

अधिनियम भारत के किसी भी नागरिक की स्थिति पर किसी भी तरह से प्रभाव नहीं डालता है, या किसी भारतीय को उसके या उसकी नागरिकता से वंचित भी नहीं करता है.

पढ़ें : इंडिया गेट पर CAA के विरोध में हुआ प्रदर्शन, Go Back के लगे नारे

इस बात ने मलेशियाई प्रधानमंत्री को तथ्यों की समझ के बिना भारत के आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी करने से भी रोका है.

गौरतलब है कि भारत और मलेशिया के संबंध काफी समय से खराब चल रहे हैं. खासतौर से जब से कश्मीर से धारा 370 को निरस्त किया गया है मलेशिया जो कि पाकिस्तान का करीबी सहयोगी रहा है, ने भारत के इस कदम की आलोचना भी की थी.

बता दें मलेशियाई प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने न्यूयॉर्क में 74 वें यूएनजीए सत्र में इस मुद्दे को उठाया.

नई दिल्ली : भारत और मलेशिया के बीच पहले से ही कड़वे हुए रिश्तों में और भी ज्यादा कड़वाहट आ रही है क्योंकि भारत के विदेश मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन कानून पर मलेशियाई पीएम महाथिर मोहम्मद की टिप्पणी को खारिज कर दिया है.

मलेशियाई प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने कुआलालंपुर शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान भारत के नए नागरिकता कानून की आलोचना करते हुए कहा, 'मुझे यह देखकर खेद है कि भारत, जो एक धर्मनिरपेक्ष राज्य होने का दावा करता है, अब कुछ मुस्लिमों को उनकी नागरिकता से ही वंचित कर रहा है.'

भारत के विदेश मंत्रालय ने इसे तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है और एक बयान जारी करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम में गैर-नागरिकों के लिए तीन देशों से उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के लिए प्राकृतिककरण के माध्यम से नागरिकता का प्रावधान है.

अधिनियम भारत के किसी भी नागरिक की स्थिति पर किसी भी तरह से प्रभाव नहीं डालता है, या किसी भारतीय को उसके या उसकी नागरिकता से वंचित भी नहीं करता है.

पढ़ें : इंडिया गेट पर CAA के विरोध में हुआ प्रदर्शन, Go Back के लगे नारे

इस बात ने मलेशियाई प्रधानमंत्री को तथ्यों की समझ के बिना भारत के आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी करने से भी रोका है.

गौरतलब है कि भारत और मलेशिया के संबंध काफी समय से खराब चल रहे हैं. खासतौर से जब से कश्मीर से धारा 370 को निरस्त किया गया है मलेशिया जो कि पाकिस्तान का करीबी सहयोगी रहा है, ने भारत के इस कदम की आलोचना भी की थी.

बता दें मलेशियाई प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने न्यूयॉर्क में 74 वें यूएनजीए सत्र में इस मुद्दे को उठाया.

Intro:New Delhi: The already troubled relationship between India and Malaysia is all set get bitter further as New Delhi has slammed Malaysian PM Mahathir Mohamad comments on the Citizenship Amendment Act. Body:Malaysian PM during his address at the Kuala Lumpur Summit criticised India's new Citizenship law by saying, "I am sorry to see that India, which claims to be a secular state now is taking action to deprive some Muslims of their citizenship."

Calling this factually inaccurate, Ministry of External Affairs issued a statement saying that the Citizenship Amendment Act provides for citizenship through naturalization to be fast-tracked for non-citizens who are persecuted minorities from three countries. The Act does not impact in any manner on the status of any citizen of India, or deprive any Indian of any faith of her or his citizenship. 

It even refrained the Malaysian PM from making such statements on India's internal developments, especially without a right understanding of the facts.Conclusion:India-Malaysia relationship has been on downward spree for quite some time. Specially, after Modi administration revoked Article 370 from Kashmir. Post which Malaysia which has been a close ally of Pakistan criticised government's move. Mahathir Mohamad even raised the issue at the 74th UNGA session in New York.
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