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नलिनी श्रीहरण की याचिका पर तमिलनाडु सरकार को मद्रास उच्च न्यायालय का नोटिस

राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरण की इस अर्जी पर मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया है. क्योंकि तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने नलिनी को रिहा करने की मंत्रिपरिषद की नौ सितंबर, 2018 की सलाह नहीं मानी.

मद्रास उच्च न्यायालय
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Published : Dec 21, 2019, 12:04 AM IST

चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरण की इस अर्जी पर शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया कि उसे 10सितंबर, 2018 से वेल्लोर जेल में अवैध हिरासत में रखा जा रहा है.

अपनी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में उसने कहा कि उसे अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है क्योंकि तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने उसे रिहा करने की मंत्रिपरिषद की नौ सितंबर, 2018 की सलाह नहीं मानी.

न्यायमूर्ति आर सुब्बैया और न्यायमूर्ति आर पोंगिअप्पन की खंडपीठ ने अतिरिक्त जन अभियोजक को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई की अगली तारीख 7 जनवरी, 2020 तय की.

नलिनी ने 1980 के मारू राम्स मामले का हवाला दिया जिसमें संविधान पीठ ने व्यवस्था दी कि संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत राज्य सरकार की सलाह राज्य के प्रमुख के लिए बाध्यकारी होगी.

पढ़ें - नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : अन्य राज्यों के लिए मॉडल बन रहा अंबिकापुर वेस्ट मैनेजमेंट

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्याकांड में नलिनी, उसके पति मुरूगन और पांच अन्य मुजरिम उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. राजीव गांधी का 21 मई, 1991 को श्रीपेरूम्बदुर के समीप एक चुनाव रैली में बम विस्फोट में निधन हो गया था.

चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरण की इस अर्जी पर शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया कि उसे 10सितंबर, 2018 से वेल्लोर जेल में अवैध हिरासत में रखा जा रहा है.

अपनी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में उसने कहा कि उसे अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है क्योंकि तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने उसे रिहा करने की मंत्रिपरिषद की नौ सितंबर, 2018 की सलाह नहीं मानी.

न्यायमूर्ति आर सुब्बैया और न्यायमूर्ति आर पोंगिअप्पन की खंडपीठ ने अतिरिक्त जन अभियोजक को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई की अगली तारीख 7 जनवरी, 2020 तय की.

नलिनी ने 1980 के मारू राम्स मामले का हवाला दिया जिसमें संविधान पीठ ने व्यवस्था दी कि संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत राज्य सरकार की सलाह राज्य के प्रमुख के लिए बाध्यकारी होगी.

पढ़ें - नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : अन्य राज्यों के लिए मॉडल बन रहा अंबिकापुर वेस्ट मैनेजमेंट

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्याकांड में नलिनी, उसके पति मुरूगन और पांच अन्य मुजरिम उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. राजीव गांधी का 21 मई, 1991 को श्रीपेरूम्बदुर के समीप एक चुनाव रैली में बम विस्फोट में निधन हो गया था.

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.CHENNAI LGM2
TN-HC-NALINI
HC notice to TN govt on HCP by Nalini Sriharan
Chennai, Dec 20 (PTI) The Madras High Court on Friday
issued notice to the Tamil Nadu government on a petition by
NaliniSriharan, a life convict in the Rajiv Gandhi
assassination case,claiming that she was being illegaly
detained in Vellore prison from September 10 2018.
In her Habeas Corpus Petition, she submitted she was
illegally detained as the Governor of Tamil Nadu had not acted
on the September 9 2018 advice of the council of Ministers to
release her.
The division bench, comprising Justices R Subbiah and R
Pongiappan, before which the HCP came up, issued notice to the
Addditional Public Prosecutor and posted the matter for
further hearing to January 7 2020.
Nalini referred to the Maru Rams case in 1980, in which a
constitution bench held that the advice of the state
government under Article 161 of the Constitution would be
binding on the head of the state.
She contended that as the power under Article 161 (power
of the Governor to grant pardons and suspend, remit or commute
sentences in certain cases), has already been exercised by
Tamil Nadu, the Governor has no discretion, but to act on the
Sept 9 2018 advice of the council of ministers.
Earlier this year, Nalini had moved the Court, seeking a
direction to Tamil Nadu Governor Banwarilal Purohit to
release all the seven convicts as per the decision of the
Tamil Nadu government cabinet in 2018, recommending their
release under Article 161 of the Constitution.
However, the High Court had dismissed her petition.
The petitioner submitted that since she had not been
released as per the advice of the council of ministers, her
continuous detention was illegal and violative of Article 14
(equality before law) and 21 (Protection of life and liberty)
of the Constitution.
Nalini and her husband Murugan, besides five other
convicts, are undergoing life imprisonment in the case related
to the assassination of former prime minister Rajiv Gandhi at
an election rally in Sriperumbudur near here on May 21, 1991.
PTI COR
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