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चार पैरों वाली व्हेल का 4.3 करोड़ साल पुराना जीवाश्म, मौत के देवता का कनेक्शन !

मिस्र में खोज के दौरान चार पैरों वाले व्हेल की नई प्रजाति का पता चला है. इसके बारे में जितना अधिक शोध हो रहा है, उतनी ही अधिक चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है. आप अंदाजा लगा सकते हैं इसका अस्तित्व 4.3 करोड़ साल पहले था. इसके चार पैर होते थे. इसका मौत के देवता से सीधा कनेक्शन भी स्थापित किया गया है ! आइए विस्तार से पढ़ते हैं पूरी खबर.

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व्हेल
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Published : Aug 30, 2021, 5:09 PM IST

हैदराबाद : मिस्र में व्हेल की एक ऐसी प्रजाति का जीवाश्म मिला है, जो करीब 4.3 करोड़ वर्ष पहले अस्तित्व में थी. इसका नाम फियोमिसेटस अनुबिस रखा गया है.

ईजिप्ट के पश्चिमी रेगिस्तानी इलाके में इसका जीवाश्म पाया गया. इसका वजन करीब 600 किलोग्राम और लंबाई तीन मीटर अनुमान लगाया गया है. व्हेल की यह प्रजाति पानी के अलावा जमीन पर भी चल सकती थी.

अनुबिस ईजिप्ट के प्राचीन देवता का नाम है. फियोमिसेटस की खोपड़ी का आकार मृतकों के सियार जैसे सिर वाले देवता से मिलता-जुलता है. जिस जगह पर जीवाश्म पाया गया, उसे फेयूम ओएसिस कहा जाता है.

इसकी पूरी रिपोर्ट मंसौरा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने प्रकाशित की है. रॉयल सोसाइटी की प्रक्रिया बी, बायोलॉजिकल साइसेंस में रिपोर्ट प्रकाशित है.

इस अध्ययन दल का नेतृत्व करने वाले अब्दुल्लाह गौहर ने कहा कि फियोमिसेटस अनुबिस बहुत ही महत्वपूर्ण व्हेल की प्रजाति है और यह मिस्र और अफ्रीका के जीवाश्मिकी की बहुत अहम खोज है.

जीवाश्म का अध्ययन करने वालों ने 2008 में मिस्र के फियोम डिप्रेशन के एक अभियान के दौरान इसकी खोज की थी. लगभग 56 से 3.39 करोड़ साल पहले के इओसीन युग के समुद्री जीवन के जीवाश्मों के लिए प्रसिद्ध है. शोध दल की निगरानी मंसौरा विवि के वर्टेब्रेट फ़सिल्स सेंटर के अध्यक्ष हिशाम सल्लम कर रहे थे.

अध्ययन दल ने चार साल के कठिन मेहनत के बाद इसे दस्तावेज में समेटा है, ताकि मिस्र से बाहर भी ऐसे अध्ययन किए जा सकें. व्हेल की यह प्रजाति अफ्रीका की सबसे पुरानी है.

हैदराबाद : मिस्र में व्हेल की एक ऐसी प्रजाति का जीवाश्म मिला है, जो करीब 4.3 करोड़ वर्ष पहले अस्तित्व में थी. इसका नाम फियोमिसेटस अनुबिस रखा गया है.

ईजिप्ट के पश्चिमी रेगिस्तानी इलाके में इसका जीवाश्म पाया गया. इसका वजन करीब 600 किलोग्राम और लंबाई तीन मीटर अनुमान लगाया गया है. व्हेल की यह प्रजाति पानी के अलावा जमीन पर भी चल सकती थी.

अनुबिस ईजिप्ट के प्राचीन देवता का नाम है. फियोमिसेटस की खोपड़ी का आकार मृतकों के सियार जैसे सिर वाले देवता से मिलता-जुलता है. जिस जगह पर जीवाश्म पाया गया, उसे फेयूम ओएसिस कहा जाता है.

इसकी पूरी रिपोर्ट मंसौरा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने प्रकाशित की है. रॉयल सोसाइटी की प्रक्रिया बी, बायोलॉजिकल साइसेंस में रिपोर्ट प्रकाशित है.

इस अध्ययन दल का नेतृत्व करने वाले अब्दुल्लाह गौहर ने कहा कि फियोमिसेटस अनुबिस बहुत ही महत्वपूर्ण व्हेल की प्रजाति है और यह मिस्र और अफ्रीका के जीवाश्मिकी की बहुत अहम खोज है.

जीवाश्म का अध्ययन करने वालों ने 2008 में मिस्र के फियोम डिप्रेशन के एक अभियान के दौरान इसकी खोज की थी. लगभग 56 से 3.39 करोड़ साल पहले के इओसीन युग के समुद्री जीवन के जीवाश्मों के लिए प्रसिद्ध है. शोध दल की निगरानी मंसौरा विवि के वर्टेब्रेट फ़सिल्स सेंटर के अध्यक्ष हिशाम सल्लम कर रहे थे.

अध्ययन दल ने चार साल के कठिन मेहनत के बाद इसे दस्तावेज में समेटा है, ताकि मिस्र से बाहर भी ऐसे अध्ययन किए जा सकें. व्हेल की यह प्रजाति अफ्रीका की सबसे पुरानी है.

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