कारगिल युद्ध: हरियाणा के एक 'हीरो' की ज़ाकिर हुसैन की अनकही दास्तां
🎬 Watch Now: Feature Video
फरीदाबाद: साल 1999 में कारगिल का युद्ध को कौन भुला सकता है? जब देश के हजारों वीर जवानों ने बॉर्डर पर अपना लहू, पानी की तरह बहा दिया था, मगर मुल्क पर आंच नहीं आने दी. ऐसे ही देश के परवानों में शामिल थे, फरीदाबाद के गांव सोपता के रहने वाले जाकिर हुसैन. शहीद जाकिर हुसैन का जन्म 6 जून 1969 में गांव सोपता में एक किसान परिवार में हुआ. जाकिर हुसैन का परिवार बेहद गरीब सा और उनके पिताजी कृषि से उनका पालन पोषण कर रहे थे. जाकिर हुसैन के दो अन्य भाई भी हैं. जाकिर हुसैन ने अपनी दसवीं तक की पढ़ाई पड़ोस के गांव सीकरी में बने सरकारी स्कूल से की. 1982 में जाकिर हुसैन करने का रजिया के साथ हुई. शादी के बाद 1988 में जाकिर हुसैन ने फौजी मैं भर्ती कंप्लीट कर ली. जाकिर हुसैन जिस समय फौज में भर्ती हुए उस समय उनकी आयु केवल 19 वर्ष थी. 1999 पाकिस्तान के साथ हुई कारगिल के युद्ध में जाकिर हुसैन शहादत को प्राप्त हुए. ईटीवी भारत पर बातचीत करते हुए जाकिर हुसैन के सहपाठी रहे शरीफ खान ने बताया कि जाकिर हुसैन बेहद सरल स्वभाव का व्यक्ति था. उनका कहना है कि वह शुरू से ही फौज में भर्ती होना चाहता था. स्कूल के समय में वह अपने दोस्तों से फौज के बारे में चर्चा किया करता था.उनका कहना है कि शहीद जाकिर हुसैन में बचपन से ही देशभक्ती की भावना थी.