यमुनानगर: केंद्र सरकार द्वारा कोरोना टीकाकरण के लिए स्वीकृत 35 हजार करोड़ रुपए के बजट का धीमी गति से उपयोग ऐसे समय में हो रहा है, जब टीकाकरण अभियान की गति बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसी के जरिए नए कोविड-19 टीकाकरण के मामलों में आई अभूतपूर्व वृद्धि को धीमा किया जा सकता है. ये बात कांग्रेस राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य श्याम सुंदर बत्रा ने ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत के दौरान कही.
श्याम सुदर बत्रा ने इस मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है. देशव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम पत्र कांग्रेस राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य श्याम सुंदर बत्रा ने कहा कि मोदी सरकार ने टीकाकरण के लिए 35000 करोड़ रुपये के बजट का ऐलान किया था, लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष में अभी तक इस कार्यक्रम पर सिर्फ 4744 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. जो आवंटित कुल बजट के 14 फ़ीसदी से भी कम हैं.
इन दिनों देश में महामारी की दूसरी लहर चली हुई है. उन्होंने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अक्सर बीजेपी सरकार घोषणाएं तो बड़ी-बड़ी कर देती है और पैकेज जारी कर देती है, लेकिन यह अक्सर यह नहीं बताते कि पैसा खर्च कहां किया जाएगा. हालांकि इस बार इन्होंने टीकाकरण के बजट के बारे में बताया था. उन्होंने कहा कि 35 हजार करोड़ रुपए में से करीब 4700 करोड़ रुपए खर्च किए गए. बाकी के पैसे का अब तक यह नहीं पता कि वह कहां गया.
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि यह लोग अपनी जिम्मेदारी को नहीं समझते और यह झूठी वाहवाही लूटने में विश्वास रखते हैं. कांग्रेस नेता ने महामारी की दूसरी लहर पर कहा कि यह देश की भाजपा सरकार का बड़ा फेलियर है. इस समय देश की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है. कहीं ऑक्सीजन की कमी है, तो कहीं वेंटिलेटर की, तो कहीं दवाइयों की. यह भी सरकार की देन है. क्योंकि इस समय भाजपा के लोग आपदा में भी अवसर ढूंढने में लगे हुए हैं और ब्लैक मार्केटिंग को बढ़ावा दे रहे हैं.
श्याम सुंदर बत्रा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि इस समय देश के पास दवाइयां तक मौजूद नहीं है और मोदी सरकार में वैक्सीनेशन भी पूरी तरह फेल है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब 1 मई से ढोल नगाड़ों के साथ है इन लोगों ने ऐलान किया था कि 18 से 45 वर्ष तक की आयु के लोगों का टीकाकरण किया जाएगा, लेकिन वैक्सीनेशन ना पहुंचने की वजह से इनका यह ऐलान भी फेल हो गया. श्याम सुंदर बत्रा ने कहा कि झूठे ऐलान और झूठे पैकेज की घोषणा करने के लिए यह लोग मास्टर हैं.
उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि टीकाकरण बजट पर केंद्र और राज्य की सरकार श्वेत पत्र जारी करें कि कोरोना के बारे में पिछले 1 साल में इन लोगों ने क्या-क्या फैसले लिए. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब दूसरे देशों में पहले ही कोरोना के दूसरे और तीसरे चरण का पता चल चुका था. क्या तब सरकार सोई हुई थी? श्याम सुंदर बत्रा ने सरकार को देश का मैनेजर बताते हुए कहा की सरकार देश को मैनेज करने के लिए होती है. सरकार जनता के पैसे को यूज करती है और बीजेपी सरकार फेल मैनेजर साबित हुई है