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25 साल बाद नवंबर के पहले सप्ताह में शुरु हुआ गन्ना पिराई सत्र - sugarcane crushing season 2022 23

यमुनानगर में सरस्वती शुगर मिल के गन्ना पिराई सत्र 2022-23 की शुरुआत हो चुकी है. 25 साल बाद नवंबर के पहले सप्ताह में सरस्वती शुगर मिल शुरु हुआ है.

Saraswati Sugar Mill in Yamunanagar
Saraswati Sugar Mill in Yamunanagar
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Published : Nov 8, 2022, 5:35 PM IST

यमुनानगर: हरियाणा के यमुनानगर में सरस्वती शुगर मिल के गन्ना पिराई सत्र 2022-23 की मंगलवार से विधिवत शुरूआत (sugarcane crushing season 2022 23) हुई. शुगर मिल के मुख्य संचालन अधिकारी एसके सचदेवा ने पिराई सत्र का शुभारंभ किया. 25 साल बाद ऐसा हुआ है कि मिल का पिराई सत्र जल्द शुरु किया गया है ताकि किसानों को शुगर मिल में गन्ना लाने में किसी भी तरह की परेशानी ना हो.

एशिया की प्रसिद्ध सरस्वती शुगर मिल जिसकी स्थापना सन 1933 में हुई (Saraswati Sugar Mill in Yamunanagar) थी. 91 साल बाद मंगलवार को एक बार फिर गन्ना पिराई सत्र की शुरुआत हुई. इस दौरान शुगर मिल के मुख्य संचालन अधिकारी एसके सचदेवा मौके पर मौजूद रहे. उन्होंने बताया कि यह मौका 25 साल बाद आया है, जब नवंबर महीने के पहले हफ्ते में पिराई सत्र शुरु किया गया है.

उन्होंने बताया कि मिल के एरिया में 97 हजार एकड़ में गन्ने की फसल लगी हुई है. यहां तीन जिलों से गन्ना आता है. यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और करनाल के करीब 22 से 23 हजार किसान इस मिल के साथ जुड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि जहां पिछले साल 162 लाख क्विंटल गन्ने की खरीद की गई थी तो इस बार मिल की तरफ से किसानों का 175 लाख क्विंटल गन्ना खरीदा जाएगा.

उन्होंने बताया कि हर साल किसान पिराई सत्र शुरु होने का इंतजार करते हैं. लेकिन इस बार उनके इंतजार से पहले ही खरीद शुरु कर दी गई है ताकि किसानों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो. उन्होंने बताया कि शुगर मिल पहुंचने वाले किसानों के लिए मिल प्रबंधन की तरफ से उचित इंतजाम भी किए गए हैं. पहले दिन यहां मेहर सिंह, जसबीर सिंह, सालीम हसन और गन्ना क्रय केंद्र कूलपुर से गन्ना पहुंचा.

किसानों ने बताया कि इस बार जल्द पिराई सत्र शुरु होने से उन्हें काफी फायदा होगा क्योंकि देरी से पिराई सत्र शुरु होने पर एकदम से किसानों की पर्चियां आ जाती है और फिर एक तरफ मिल में जाम लग जाता है तो दूसरी तरफ सड़कों पर भी जाम लग जाता है. लेकिन जैसे जल्दी शुरुआत हुई है और ये सत्र लंबा चलेगा तो सारी व्यवस्था सही रहने की उम्मीद है.

आपको बता दें कि यमुनानगर स्थित ये मिल एशिया की सबसे मशहूर मिल है. यमुनानगर जिले की स्थापना से भी पहले यहां पर इस मिल की स्थापना हो (Sugarcane crushing season begins in Yamunanagar) चुकी थी. जहां पहले हजारों क्विंटलों में यहां गन्ना पिराई होती थी तो अब यहां लाखों क्विंटलों गन्ने की पिराई होती है. फिलहाल देखना ये होगा की इस मिल का ये पिराई सत्र कितना लंबा चलेगा.

यमुनानगर: हरियाणा के यमुनानगर में सरस्वती शुगर मिल के गन्ना पिराई सत्र 2022-23 की मंगलवार से विधिवत शुरूआत (sugarcane crushing season 2022 23) हुई. शुगर मिल के मुख्य संचालन अधिकारी एसके सचदेवा ने पिराई सत्र का शुभारंभ किया. 25 साल बाद ऐसा हुआ है कि मिल का पिराई सत्र जल्द शुरु किया गया है ताकि किसानों को शुगर मिल में गन्ना लाने में किसी भी तरह की परेशानी ना हो.

एशिया की प्रसिद्ध सरस्वती शुगर मिल जिसकी स्थापना सन 1933 में हुई (Saraswati Sugar Mill in Yamunanagar) थी. 91 साल बाद मंगलवार को एक बार फिर गन्ना पिराई सत्र की शुरुआत हुई. इस दौरान शुगर मिल के मुख्य संचालन अधिकारी एसके सचदेवा मौके पर मौजूद रहे. उन्होंने बताया कि यह मौका 25 साल बाद आया है, जब नवंबर महीने के पहले हफ्ते में पिराई सत्र शुरु किया गया है.

उन्होंने बताया कि मिल के एरिया में 97 हजार एकड़ में गन्ने की फसल लगी हुई है. यहां तीन जिलों से गन्ना आता है. यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और करनाल के करीब 22 से 23 हजार किसान इस मिल के साथ जुड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि जहां पिछले साल 162 लाख क्विंटल गन्ने की खरीद की गई थी तो इस बार मिल की तरफ से किसानों का 175 लाख क्विंटल गन्ना खरीदा जाएगा.

उन्होंने बताया कि हर साल किसान पिराई सत्र शुरु होने का इंतजार करते हैं. लेकिन इस बार उनके इंतजार से पहले ही खरीद शुरु कर दी गई है ताकि किसानों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो. उन्होंने बताया कि शुगर मिल पहुंचने वाले किसानों के लिए मिल प्रबंधन की तरफ से उचित इंतजाम भी किए गए हैं. पहले दिन यहां मेहर सिंह, जसबीर सिंह, सालीम हसन और गन्ना क्रय केंद्र कूलपुर से गन्ना पहुंचा.

किसानों ने बताया कि इस बार जल्द पिराई सत्र शुरु होने से उन्हें काफी फायदा होगा क्योंकि देरी से पिराई सत्र शुरु होने पर एकदम से किसानों की पर्चियां आ जाती है और फिर एक तरफ मिल में जाम लग जाता है तो दूसरी तरफ सड़कों पर भी जाम लग जाता है. लेकिन जैसे जल्दी शुरुआत हुई है और ये सत्र लंबा चलेगा तो सारी व्यवस्था सही रहने की उम्मीद है.

आपको बता दें कि यमुनानगर स्थित ये मिल एशिया की सबसे मशहूर मिल है. यमुनानगर जिले की स्थापना से भी पहले यहां पर इस मिल की स्थापना हो (Sugarcane crushing season begins in Yamunanagar) चुकी थी. जहां पहले हजारों क्विंटलों में यहां गन्ना पिराई होती थी तो अब यहां लाखों क्विंटलों गन्ने की पिराई होती है. फिलहाल देखना ये होगा की इस मिल का ये पिराई सत्र कितना लंबा चलेगा.

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