यमुनानगर: एक कहावत है, डूबते को तिनके का सहारा. कुछ यही उम्मीद मौजूदा दौर में प्रदेश के व्यवसायी सरकार से कर रहे हैं. कोरोना के चलते चौपट हुए बिजनेस को फिर से जिंदा करने में लगे उद्यमी बजट से बड़ी उम्मीद लगाए बैठे हैं. हरियाणा अपने कई छोटे और लघु उद्योगों के लिए देशभर में जाना जाता है.
प्लाईवुड इंडस्ट्री का जब भी जिक्र होता है तो यमुनानगर का नाम सबसे पहले आता है. ये शहर प्लाईवुड इकाइयों के क्लस्टर के लिए जाना जाता है. यमुनानगर ही बड़े उद्योगों को देश की बेहतरीन लकड़ी उपलब्ध कराता है. कोरोना की मार झेल रहे व्यापारी हर साल की तरह इस साल भी पेश होने वाले मनोहर लाल के बजट से उम्मीद लगाए बैठे हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत में व्यापारियों ने ये भी कहा कि उनके ऊपर बहुत ज्यादा टैक्स लगा दिया गया है. फैक्ट्री एक्ट लाइसेंस , ट्रेड लाइसेंस और प्रॉपर्टी टैक्स बहुत ज्यादा हो गए हैं. सरकार ने ट्रेड लाइसेंस टर्न ओवर के हिसाब से कर दिया गया है जो कि छोटे उद्योगों के लिए बहुत ज्यादा है.
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प्लाइवुड उद्यमियों को तकलीफ है कि किसी भी सरकार ने प्लाई बोर्ड इंडस्ट्री की कोई मदद नहीं की. बल्कि लगातार उनके टैक्स बढ़ाए जा रहे हैं. व्यापारियों की ये भी मांग है जीएसटी की 18 फीसदी दर कम करके 12 फीसदी की जाए ताकि उन्हें थोड़ी राहत मिल सके.
केंद्र सरकार अपना बजट पेश कर चुकी है और कुछ ही दिनों में हरियाणा का बजट पेश होने वाला है. प्रदेश का लघु उद्योग कोरोना महामारी के बाद आ रहे इस बजटे के मनोहर होने की उम्मीद कर रहा है.