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वीर सावरकर सहित कई महापुरूषों के बारे में पढ़ेंगे छात्र, हरियाणा सरकार ने इतिहास की पुस्तकों में किया बड़ा संशोधन - हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर

हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को पढ़ाई जाने वाली इतिहास की पुस्तकों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहें है. इस संबंध में एक विशेष बातचीत के दौरान हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर (Haryana Education Minister Kanwarpal Gujjar) ने बताया कि अब तक बच्चों को छोटा इतिहास पढ़ाया जा रहा था. सरकार द्वारा कक्षा दर कक्षा विद्यार्थियों को पढ़ाई जाने वाली इतिहास की पुस्तकों में सुधार किया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा जानकारी बच्चों को दी जा सके.

Haryana Education Minister Kanwarpal Gujjar
हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर .
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Published : May 11, 2022, 1:04 PM IST

यमुनानगर: हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को पढ़ाई जाने वाली इतिहास की पुस्तकों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहें है. इस संबंध में एक विशेष बातचीत के दौरान हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर (Haryana Education Minister Kanwarpal Gujjar) ने बताया कि अब तक बच्चों को छोटा इतिहास पढ़ाया जा रहा था. सरकार द्वारा कक्षा दर कक्षा विद्यार्थियों को पढ़ाई जाने वाली इतिहास की पुस्तकों में सुधार किया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा जानकारी बच्चों को दी जा सके.

शिक्षा मंत्री की माने तो वर्ष 1947 तक बच्चों को बहुत सारी स्वतंत्रता संग्राम की गाथाएं पढ़ाई जाती थी, लेकिन उसके बाद इन गाथाओं की ओर किसी ने खासा ध्यान नहीं दिया. वहीं, उनकी सरकार ने इन गाथाओं के अब इतिहास में जोड़ना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि वीर सावरकर एक महान विद्वान थे, देश की आजादी में उनका बहुत बड़ा योगदान था. बहुत से क्रांतिकारियों का कहना है कि 1857 की क्रांति पर वीर सावरकर द्वारा लिखी गई पुस्तक को पढ़कर या वीर सावरकर के नजदीक आने से वह आंदोलन में शामिल हुए थे.

हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर .

शिक्षा मंत्री ने बताया कि सावरकर ने एक कठिन जीवन बिताया था. उन्हें दो बार आजीवन कारावास हुआ था. इतने अत्याचार सहकर भी साहित्य रचना की प्रेरणा देना कोई मामूली बात नहीं है. उन्होंन कहा कि निश्चित तौर पर उनके बारे में पढ़ा जाना चाहिए और इस ओर प्रयास भी किए जा रहे हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि हरियाणा में बहुत महान पुरूष हुए हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. इनमें राजा नाहर सिंह, राव तुलाराम, सर छोटूराम और सर रीखीराम जैसे नाम शामिल हैं.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में भी ऐसे बहुत महान क्रांतिकारी हुए हैं, जिनके बलिदान के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी को हरियाणा के पाठ्यक्रम से हटाया नहीं जाएगा, क्योंकि एक समय में दो विचारधाराएं हो सकती हैं. वीर सावरकर और महात्मा गांधी एक दूसरे के विरोधी या दुश्मन नहीं थे, दोनों का अपना अपना तरीका था. उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए महात्मा गांधी को जो सही लगा उन्होंने वैसा किया और वीर सावरकर को जैसा उचित लगा उन्होंने वैसा किया. वहीं, शहीद-ए-आजम भगत सिंह को जो सही लग, उन्होंने वैसा किया.

उन्होंने कहा कि यह सब महापुरुष थे, यह जरूरी नहीं है सभी के तरीके और विचारधारा एक ही हो. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा उठाया जा रहा यह कदम दूसरों के लिए एक उदाहरण बनेगा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब तक विद्यार्थियों को जो पढ़ाया जा रहा था वह कम था. ऐसे में सरकरा प्रयास कर रही है की इन बच्चों को इतिहास के उन महापुरूषों के बारे में भी बतया जाए जिन्हें लोग आज भूल (Changes in History books of students in Haryana) गए हैं.

ये भी पढ़ें: रेवाड़ी में मीट व्यापारी पर तेजधार हथियार से हमला, बचाने पहुंचा दोस्त भी हुआ घायल

यमुनानगर: हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को पढ़ाई जाने वाली इतिहास की पुस्तकों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहें है. इस संबंध में एक विशेष बातचीत के दौरान हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर (Haryana Education Minister Kanwarpal Gujjar) ने बताया कि अब तक बच्चों को छोटा इतिहास पढ़ाया जा रहा था. सरकार द्वारा कक्षा दर कक्षा विद्यार्थियों को पढ़ाई जाने वाली इतिहास की पुस्तकों में सुधार किया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा जानकारी बच्चों को दी जा सके.

शिक्षा मंत्री की माने तो वर्ष 1947 तक बच्चों को बहुत सारी स्वतंत्रता संग्राम की गाथाएं पढ़ाई जाती थी, लेकिन उसके बाद इन गाथाओं की ओर किसी ने खासा ध्यान नहीं दिया. वहीं, उनकी सरकार ने इन गाथाओं के अब इतिहास में जोड़ना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि वीर सावरकर एक महान विद्वान थे, देश की आजादी में उनका बहुत बड़ा योगदान था. बहुत से क्रांतिकारियों का कहना है कि 1857 की क्रांति पर वीर सावरकर द्वारा लिखी गई पुस्तक को पढ़कर या वीर सावरकर के नजदीक आने से वह आंदोलन में शामिल हुए थे.

हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर .

शिक्षा मंत्री ने बताया कि सावरकर ने एक कठिन जीवन बिताया था. उन्हें दो बार आजीवन कारावास हुआ था. इतने अत्याचार सहकर भी साहित्य रचना की प्रेरणा देना कोई मामूली बात नहीं है. उन्होंन कहा कि निश्चित तौर पर उनके बारे में पढ़ा जाना चाहिए और इस ओर प्रयास भी किए जा रहे हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि हरियाणा में बहुत महान पुरूष हुए हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. इनमें राजा नाहर सिंह, राव तुलाराम, सर छोटूराम और सर रीखीराम जैसे नाम शामिल हैं.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में भी ऐसे बहुत महान क्रांतिकारी हुए हैं, जिनके बलिदान के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी को हरियाणा के पाठ्यक्रम से हटाया नहीं जाएगा, क्योंकि एक समय में दो विचारधाराएं हो सकती हैं. वीर सावरकर और महात्मा गांधी एक दूसरे के विरोधी या दुश्मन नहीं थे, दोनों का अपना अपना तरीका था. उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए महात्मा गांधी को जो सही लगा उन्होंने वैसा किया और वीर सावरकर को जैसा उचित लगा उन्होंने वैसा किया. वहीं, शहीद-ए-आजम भगत सिंह को जो सही लग, उन्होंने वैसा किया.

उन्होंने कहा कि यह सब महापुरुष थे, यह जरूरी नहीं है सभी के तरीके और विचारधारा एक ही हो. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा उठाया जा रहा यह कदम दूसरों के लिए एक उदाहरण बनेगा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब तक विद्यार्थियों को जो पढ़ाया जा रहा था वह कम था. ऐसे में सरकरा प्रयास कर रही है की इन बच्चों को इतिहास के उन महापुरूषों के बारे में भी बतया जाए जिन्हें लोग आज भूल (Changes in History books of students in Haryana) गए हैं.

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