यमुनानगर: कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे किसानों को अब यमुनानगर के आढ़तियों ने भी समर्थन दिया है. जहां जिले की सभी अनाज मंडियों से आढ़ती दिल्ली रवाना हुए वहीं दूसरे आढ़ती दुकानें बंद कर हड़ताल पर चले गए. आढ़तियों का कहना है कि तीनों कृषि कानून आढ़ती और किसान दोनों के हित में नहीं है, इसलिए इनको वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर आढ़ती किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ें हैं.
कृषि कानूनों के विरोध में आढ़तियों ने कामकाज बंद कर सरकार की कार्यप्रणाली के विरोध प्रकट किया. आढ़तियों ने मार्किट कमेटी कार्यालय के समक्ष एकत्रित होकर प्रदर्शन किया और कहा कि केन्द्र सरकार नए कृषि कानूनों के माध्यम से देश में कृषि व्यवसाय को खत्म करना चाहती है. उन्होंने कहा कि किसानों के द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष जायज है.
आढ़तियों का कहना है था कि देश की सवा सौ करोड़ जनता का पालन पोष्ण करने वाले किसानों को अपनी मांगों के लिए कडकड़ाती सर्दी में दिल्ली हरियाणा के बाॉर्डर पर संघर्ष करना पड़ रहा है. सरकार की किसी भी प्रकार की जबरदस्ती को बर्दाशत नहीं किया जाएगा.
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उन्होंने कहा कि पूरे जिले से अलग-अलग गांवों से किसानों के समूह दिल्ली बॉर्डर के लिए कूच करेंगे ताकि किसान की मांगों को लेकर दिल्ली के बाॉर्डर पर मांगों को लेकर लड़ रहे किसानों को किसी प्रकार की कोई कमी न रहे.
वहीं सिंघु बॉर्डर पर डटे किसानों को आढ़ती एसोसिएशन बिलासपुर ने भी समर्थन दिया है. एसोसिएशन के पदाधिकारियों का एक दल मंगलवार सुबह दिल्ली के सिंघु बॉर्डर के लिए रवाना हुआ. उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों के विरोध में पूरे देश के किसानों के समर्थन में हरियाणा की अनाजमंडी एसोसिएशन के आढ़ती भी उतर आए हैं. आढ़तियों का कहना है कि किसानों की सेहत,कपड़े ,जरूरत की वस्तुएं ओर खाद्य सामग्री पहुंचाने को लेकर वो बाॉर्डर पर जाकर किसानों से मिलेंगे.