चंडीगढ़: शनिवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ड्रग तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन में हिस्सा लिया. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के साथ वर्चुअल बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि हरियाणा सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ लड़ाई में पड़ोसी राज्यों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए पंचकूला में अंतरराज्यीय सचिवालय की स्थापना की है.
नशा तस्करों पर हरियाणा पुलिस सख्त: हरियाणा उत्तरी राज्यों जैसे पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड और राजस्थान में मादक पदार्थों की तस्करी और आवाजाही के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने की सुविधा प्रदान करेगा. इस पहले का प्राथमिक उद्देश्य भारत के उत्तरी क्षेत्र में नशीली दवाओं से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए संयुक्त प्रयासों को मजबूत करना और समन्वय स्थापित करना है.
हरियाणा के सीएम ने बताया कि एनडीपीएस अधिनियम के तहत सजा की दर वर्ष 2023 में 48 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2024 में 54 प्रतिशत हो गई है, जो नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों को रोकने के लिए प्रदेश के पुख्ता प्रयासों को दर्शाता है.
आज नई दिल्ली में आदरणीय केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री @AmitShah जी की अध्यक्षता में आयोजित उत्तरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ‘मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर क्षेत्रीय सम्मेलन में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुआ।
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सम्मेलन में ड्रग विनष्टिकरण पखवाड़े… pic.twitter.com/SwnBxerbzq
26000 ड्रग तस्कर गिरफ्तार: मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने नशा तस्करों से लगभग 50 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जब्त की है. लगभग 100 अवैध अतिक्रमण प्रतिष्ठानों को नष्ट कर दिया है. इसी तरह से लगभग 26,000 नशीली दवाओं के तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. पिछले साल नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए लगभग 5,000 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें 1,000 प्रमुख नशीली दवाओं के तस्कर भी शामिल हैं. ऐसे तस्करों के पास से बड़ी मात्रा में नशीली दवाएं जब्त भी की गई थीं.
3,445 गांव और 774 वार्ड नशा मुक्त घोषित: मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 3,445 गांवों और 774 वार्डों को नशा मुक्त घोषित किया गया है. इन क्षेत्रों में कोई सक्रिय नशीली दवाओं के विक्रेता नहीं हैं और नशेड़ी लोग नशा मुक्ति केंद्रों में उपचार करवा रहे हैं. पिछले पांच वर्षों में प्रदेश में नशीली दवाओं की तस्करी को रोकने में महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं. उन्होंने बताया कि हरियाणा में नशा कर रहे लोगों की नशे की लत को छुड़वाने लिए 161 नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं.
LIVE : ‘मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर क्षेत्रीय सम्मेलन
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हरियाणा में फास्ट ट्रैक अदालतें स्थापित: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने एमएएनएएस (MANAS) हेल्पलाइन को मजबूती से लागू किया है, जो नशा करने वालों को नशा मुक्ति केंद्रों में इलाज कराने के लिए प्रोत्साहित करती है. उन्होंने बताया कि कानूनी कार्यवाही में तेजी लाने के लिए हरियाणा में फास्ट-ट्रैक अदालतें स्थापित की हैं और नशीली दवाओं से संबंधित मामलों के समय पर समाधान के लिए फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (एफएसएल) से त्वरित रिपोर्ट सुनिश्चित कर रही है. मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए इस प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है.
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन: मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में एक एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसकी 11 इकाइयां पूरे हरियाणा में कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि टास्क फोर्स नियमित अंतराल पर एससीओआरडी और डीसीओआरडी स्तर पर बैठकें आयोजित कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने नशा मुक्त हरियाणा अभियान में संतों, आध्यात्मिक गुरुओं और खेल हस्तियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की और इस अभियान में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए प्रेरित भी किया.