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यमुनानगर: दुर्घटना संभावित 61 प्वाइंट का निरीक्षण कर खामियां दूर करेगी कमेटी

यमुनानगर में 61 दुर्घटना संभावित जगहों की खामियों को दूर करने के लिए संबंधित विभागों के एचओडी की कमेटी बनाई है. कमेटी मौके पर जाकर खामियों का निरीक्षण करेगी और इन्हें दूर कर अपनी रिपोर्ट देगी.

61 road accident prone area located in yamunanagar
61 road accident prone area located in yamunanagar
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Published : Oct 1, 2020, 6:26 PM IST

यमुनानगर: सड़कों पर जिन 61 दुर्घटना संभावित जगहों पर सबसे ज्यादा हादसों में लोगों की जान जाती है उसकी खामियों को अब संबंधित विभागों के एचओडी मिलकर दूर करेंगे. इससे एक तो एचओडी की जिम्मेदारी बढ़ेगी और साथ ही उन्हें ये भी पता रहेगा कि किस सड़क में क्या खामी है. वे छोटे कर्मचारियों पर जिम्मेदारी नहीं डाल सकेंगे.

दुर्घटनाओं को कम करने के लिए पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई, नगर निगम, मार्केटिंग बोर्ड और वन विभाग के एचओडी की एक संयुक्त कमेटी बनाई जाएगी. ये अधिकारी एक-एक प्वाइंट पर जाकर देखेंगे कि उनसे संबंधित वहां कौन सा काम होना है. अपने कर्मचारियों को आदेश देकर खामी को दूर किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- अनलॉक में फिर बढ़ने लगे सड़क हादसे, लॉकडाउन में 60 फीसदी तक हुए थे कम

एक जनवरी से लेकर 31 जुलाई 2020 तक जिले में 206 सड़क हादसे हुए. इन हादसों में 91 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा जबकि 159 घायल हो गए. वहीं बीते वर्ष सड़क हादसे, मौत और घायलों का आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा था, क्योंकि मार्च महीने में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन हो गया था.

तीन महीने तक तो लोग अपने घरों से नहीं निकले. सड़कों पर वाहन नहीं चले. इसलिए हादसे भी कम हुए. एक जनवरी से 31 मार्च तक तीन महीने में हुए हादसों पर गौर करें तो 76 हादसों में 33 लोगों की जान गई ओर 64 घायल हुए.

अगली मीटिंग से पहले देनी होगी रिपोर्ट

अक्टूबर महीने में रोड सेफ्टी की मीटिंग होगी, इसलिए उस मीटिग से पहले संबंधित विभागों के एचओडी को अपनी रिपोर्ट एडीसी कम आरटीए सचिव को देनी होगी कि उन्होंने दुर्घटना संभावित स्थानों पर क्या काम किया है. जो काम नहीं हो पाए उसका कारण क्या रहा. ऐसा पहली बार हुआ है जब जिला प्रशासन सड़क दुर्घटनों और खामियों को दूर करने के प्रति इतना गंभीर है.

यमुनानगर: सड़कों पर जिन 61 दुर्घटना संभावित जगहों पर सबसे ज्यादा हादसों में लोगों की जान जाती है उसकी खामियों को अब संबंधित विभागों के एचओडी मिलकर दूर करेंगे. इससे एक तो एचओडी की जिम्मेदारी बढ़ेगी और साथ ही उन्हें ये भी पता रहेगा कि किस सड़क में क्या खामी है. वे छोटे कर्मचारियों पर जिम्मेदारी नहीं डाल सकेंगे.

दुर्घटनाओं को कम करने के लिए पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई, नगर निगम, मार्केटिंग बोर्ड और वन विभाग के एचओडी की एक संयुक्त कमेटी बनाई जाएगी. ये अधिकारी एक-एक प्वाइंट पर जाकर देखेंगे कि उनसे संबंधित वहां कौन सा काम होना है. अपने कर्मचारियों को आदेश देकर खामी को दूर किया जाएगा.

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एक जनवरी से लेकर 31 जुलाई 2020 तक जिले में 206 सड़क हादसे हुए. इन हादसों में 91 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा जबकि 159 घायल हो गए. वहीं बीते वर्ष सड़क हादसे, मौत और घायलों का आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा था, क्योंकि मार्च महीने में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन हो गया था.

तीन महीने तक तो लोग अपने घरों से नहीं निकले. सड़कों पर वाहन नहीं चले. इसलिए हादसे भी कम हुए. एक जनवरी से 31 मार्च तक तीन महीने में हुए हादसों पर गौर करें तो 76 हादसों में 33 लोगों की जान गई ओर 64 घायल हुए.

अगली मीटिंग से पहले देनी होगी रिपोर्ट

अक्टूबर महीने में रोड सेफ्टी की मीटिंग होगी, इसलिए उस मीटिग से पहले संबंधित विभागों के एचओडी को अपनी रिपोर्ट एडीसी कम आरटीए सचिव को देनी होगी कि उन्होंने दुर्घटना संभावित स्थानों पर क्या काम किया है. जो काम नहीं हो पाए उसका कारण क्या रहा. ऐसा पहली बार हुआ है जब जिला प्रशासन सड़क दुर्घटनों और खामियों को दूर करने के प्रति इतना गंभीर है.

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